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BJP नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, FIR दर्ज करने के आदेश पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने BJP leader Shahnawaz Hussain को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ रेप के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.

शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत
शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत
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Published : Aug 22, 2022, 2:25 PM IST

पटना: बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court on Shahnawaz Hussain) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी (SC stays delhi hc order to register fir) है, जिसमें बिहार के पूर्व मंत्री के खिलाफ रेप करने और धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने को कहा था.

ये भी पढ़ें: पुरानी तेल पिलाई हुई लाठी बाहर आ रही है..सतर्क रहिए.. शाहनवाज हुसैन का RJD पर बड़ा हमला

क्या है पूरा मामला?: इससे पहले 18 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया इस मामले में विचार की आवश्यकता है. इसके साथ ही इस मामले में महिला को भी नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में जांच 3 महीने में पूरी करने के लिए कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि पीड़ित महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस का संवेदनहीन रवैया समझ से बाहर है. सभी तथ्यों से साफ है कि पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली की गई. हालांकि दिल्ली पुलिस की दलील थी कि निचली अदालत में उसकी तरफ से जो रिपोर्ट पेश की गई वो अंतिम रिपोर्ट नहीं थी. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने निष्कर्ष निकाला था कि महिला के आरोपों में दम नहीं है और शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है.

कोर्ट ने जांच की समयसीमा तय की: जस्टिस आशा मेनन ने दिल्ली पुलिस को तीन माह के भीतर मामले की जांच करने और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि जून 2018 में पुलिस आयुक्त से शिकायत प्राप्त होने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस के पास समझाने के लिए बहुत कुछ है. न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के निलची अदालत के आदेश के खिलाफ बीजेपी नेता हुसैन की अपील को आधारहीन बताकर खारिज करते हुए यह टिप्पणी की थी.

कौन हैं शाहनवाज हुसैन?: सैयद शाहनवाज हुसैन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वे बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावे अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुके हैं. 12 दिसंबर 1968 में के सुपौल जिले में जन्में शाहनवाज हुसैन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू किया था. मानव संसाधन, युवा मामले, खेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे विभाग संभालते रहे. 2001 में शाहनवाज कोयला मंत्री और बाद में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. 2003 में वे वस्त्र मंत्री भी बने. शाहनवाज हुसैन बीजेपी में उन गिने चुने नेताओं में से एक हैं, जो मुस्लिम समाज से आते हैं.

ये भी पढ़ें: पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले, नीतीश कुमार सिर्फ मुखोटे के मुख्यमंत्री, असली रिंग मास्टर कोई और


पटना: बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court on Shahnawaz Hussain) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी (SC stays delhi hc order to register fir) है, जिसमें बिहार के पूर्व मंत्री के खिलाफ रेप करने और धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने को कहा था.

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क्या है पूरा मामला?: इससे पहले 18 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया इस मामले में विचार की आवश्यकता है. इसके साथ ही इस मामले में महिला को भी नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में जांच 3 महीने में पूरी करने के लिए कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि पीड़ित महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस का संवेदनहीन रवैया समझ से बाहर है. सभी तथ्यों से साफ है कि पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली की गई. हालांकि दिल्ली पुलिस की दलील थी कि निचली अदालत में उसकी तरफ से जो रिपोर्ट पेश की गई वो अंतिम रिपोर्ट नहीं थी. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने निष्कर्ष निकाला था कि महिला के आरोपों में दम नहीं है और शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है.

कोर्ट ने जांच की समयसीमा तय की: जस्टिस आशा मेनन ने दिल्ली पुलिस को तीन माह के भीतर मामले की जांच करने और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि जून 2018 में पुलिस आयुक्त से शिकायत प्राप्त होने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस के पास समझाने के लिए बहुत कुछ है. न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के निलची अदालत के आदेश के खिलाफ बीजेपी नेता हुसैन की अपील को आधारहीन बताकर खारिज करते हुए यह टिप्पणी की थी.

कौन हैं शाहनवाज हुसैन?: सैयद शाहनवाज हुसैन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वे बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावे अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुके हैं. 12 दिसंबर 1968 में के सुपौल जिले में जन्में शाहनवाज हुसैन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू किया था. मानव संसाधन, युवा मामले, खेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे विभाग संभालते रहे. 2001 में शाहनवाज कोयला मंत्री और बाद में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. 2003 में वे वस्त्र मंत्री भी बने. शाहनवाज हुसैन बीजेपी में उन गिने चुने नेताओं में से एक हैं, जो मुस्लिम समाज से आते हैं.

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