नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के विधान को अंतिम रूप देने के संबंध में 31 जुलाई तक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति राव संबंधित पक्षों को सुनने के बाद मसौदा विधान पर अनेक हितधारकों की आपत्तियों का ध्यान रखते हुए रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारी राय है कि इस कवायद को स्थगित करना उचित होगा क्योंकि ये कानून के मुद्दे नहीं बल्कि भारत में फुटबॉल के संचालन से जुड़ा नीतिगत मामला है.
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उसने कहा कि न्यायमूर्ति एल एन राव ने भारतीय ओलंपिक संघ के मामले को संभाला था, इस बात को ध्यान में रखते हुए हम न्यायमूर्ति राव को एआईएफएफ का विधान तैयार करने का काम सौंपते हैं. हम उनसे अनुरोध करते हैं कि तैयार मसौदा विधान लें और रिपोर्ट को अंतिम रूप दें. न्यायमूर्ति राव से अनुरोध है कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में सभी हितधारकों का पक्ष सुनें. उसने कहा कि मसौदा विधान पर विचार करने और एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का काम 31 जुलाई तक पूरा किया जाए.
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इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पांच अप्रैल को कहा था कि वह एआईएफएफ से जुड़े विषयों पर याचिकाओं को दो मई को सुनेगी जिनमें मसौदा विधान के कुछ पहलुओं पर आपत्तियां शामिल हैं. हितधारकों में फेडरेशन इंटरनेशनल डि फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) और देश की अन्य खेल संस्थाएं हैं.
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(पीटीआई-भाषा)