ETV Bharat / bharat

Supreme Court AIFF : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एआईएफएफ के संविधान को अंतिम रूप देने पर रिपोर्ट तैयार करेंगे पूर्व न्यायाधीश राव - Supreme Court said

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के संविधान के मसौदे पर विचार करने की प्रक्रिया को संभालने के लिए अपने पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को नियुक्त किया. CJI डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला की पीठ ने 15 जुलाई 2023 तक संविधान के मसौदे पर विचार कर एक व्यापक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.

Supreme Court AIFF
प्रतिकात्मक तस्वीर
author img

By

Published : May 2, 2023, 2:02 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के विधान को अंतिम रूप देने के संबंध में 31 जुलाई तक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति राव संबंधित पक्षों को सुनने के बाद मसौदा विधान पर अनेक हितधारकों की आपत्तियों का ध्यान रखते हुए रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारी राय है कि इस कवायद को स्थगित करना उचित होगा क्योंकि ये कानून के मुद्दे नहीं बल्कि भारत में फुटबॉल के संचालन से जुड़ा नीतिगत मामला है.

पढ़ें : Death Penalty: मृत्युदंड के दोषियों को फांसी देने के तरीके पर केंद्र ने SC को दिया ये जवाब

उसने कहा कि न्यायमूर्ति एल एन राव ने भारतीय ओलंपिक संघ के मामले को संभाला था, इस बात को ध्यान में रखते हुए हम न्यायमूर्ति राव को एआईएफएफ का विधान तैयार करने का काम सौंपते हैं. हम उनसे अनुरोध करते हैं कि तैयार मसौदा विधान लें और रिपोर्ट को अंतिम रूप दें. न्यायमूर्ति राव से अनुरोध है कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में सभी हितधारकों का पक्ष सुनें. उसने कहा कि मसौदा विधान पर विचार करने और एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का काम 31 जुलाई तक पूरा किया जाए.

पढ़ें : The Kerala Story: SC ने 'द केरल स्टोरी' की रिलीज पर रोक की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पांच अप्रैल को कहा था कि वह एआईएफएफ से जुड़े विषयों पर याचिकाओं को दो मई को सुनेगी जिनमें मसौदा विधान के कुछ पहलुओं पर आपत्तियां शामिल हैं. हितधारकों में फेडरेशन इंटरनेशनल डि फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) और देश की अन्य खेल संस्थाएं हैं.

पढ़ें : Modi Surname मानहानि मामले में राहुल की याचिका पर गुजरात HC में सुनवाई आज

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के विधान को अंतिम रूप देने के संबंध में 31 जुलाई तक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति राव संबंधित पक्षों को सुनने के बाद मसौदा विधान पर अनेक हितधारकों की आपत्तियों का ध्यान रखते हुए रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारी राय है कि इस कवायद को स्थगित करना उचित होगा क्योंकि ये कानून के मुद्दे नहीं बल्कि भारत में फुटबॉल के संचालन से जुड़ा नीतिगत मामला है.

पढ़ें : Death Penalty: मृत्युदंड के दोषियों को फांसी देने के तरीके पर केंद्र ने SC को दिया ये जवाब

उसने कहा कि न्यायमूर्ति एल एन राव ने भारतीय ओलंपिक संघ के मामले को संभाला था, इस बात को ध्यान में रखते हुए हम न्यायमूर्ति राव को एआईएफएफ का विधान तैयार करने का काम सौंपते हैं. हम उनसे अनुरोध करते हैं कि तैयार मसौदा विधान लें और रिपोर्ट को अंतिम रूप दें. न्यायमूर्ति राव से अनुरोध है कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में सभी हितधारकों का पक्ष सुनें. उसने कहा कि मसौदा विधान पर विचार करने और एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का काम 31 जुलाई तक पूरा किया जाए.

पढ़ें : The Kerala Story: SC ने 'द केरल स्टोरी' की रिलीज पर रोक की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पांच अप्रैल को कहा था कि वह एआईएफएफ से जुड़े विषयों पर याचिकाओं को दो मई को सुनेगी जिनमें मसौदा विधान के कुछ पहलुओं पर आपत्तियां शामिल हैं. हितधारकों में फेडरेशन इंटरनेशनल डि फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) और देश की अन्य खेल संस्थाएं हैं.

पढ़ें : Modi Surname मानहानि मामले में राहुल की याचिका पर गुजरात HC में सुनवाई आज

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.