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BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संविधान में संशोध को मंजूरी (SC allows BCCI to amend constitution) दे दी है. इसके साथ ही सौरव गांगुली और जय शाह (Sourav Ganguly and Jay Shah) का कार्यकाल बढ़ाने पर मुहर लग गई है. सुप्रीम कोर्ट बोर्ड अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के लिए 'कूलिंग ऑफ' पीरियड से संबंधित बीसीसीआई के नियमों को बदलने के मामले की सुनवाई कर रहा था.

SC allows BCCI to amend constitution
SC allows BCCI to amend constitution
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Published : Sep 14, 2022, 4:50 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 6:43 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के संविधान में संशोधन की अनुमति (SC allows BCCI to amend constitution) दे दी, जिससे बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह (Sourav Ganguly and Jay Shah) के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाए बगैर पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी का लगातार 12 साल का कार्यकाल हो सकता है जिसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं लेकिन इसके बाद तीन साल के ब्रेक पर जाना होगा.

  • SC allows BCCI to amend its constitution,says, "We are of the considered view that the amendment would not dilute the original objective. We accept the proposed amendment."

    "Amendment proposed by BCCI doesn't detract from spirit of our original judgment& is accepted," SC says. pic.twitter.com/SQmuBBvKRP

    — ANI (@ANI) September 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों स्तरों पर लगातार दो कार्यकाल के लिए एक विशेष पद पर काम कर सकता है जिसके बाद उसे तीन साल का ब्रेक लेना होगा. पीठ ने कहा, 'ब्रेक की अवधि का उद्देश्य अवांछित एकाधिकार नहीं बनने देना है.' शीर्ष अदालत का आदेश बोर्ड की उस याचिका पर आया है जिसमें अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह सहित पदाधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े संविधान में संशोधन का आग्रह किया गया था. इसमें मांग की गई थी कि पदाधिकारियों के सभी राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में कार्यकाल के बीच अनिवार्य ब्रेक की अवधि को खत्म किया जाए.

बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक की अवधि को समाप्त करने की मांग की थी जिससे कि गांगुली और शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहें. इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारों की सिफारिश की थी जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था.

यह भी पढ़ें- चुनाव लड़ने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं : न्यायालय

उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल के बाद किसी भी व्यक्ति का तीन साल के ब्रेक पर जाना अनिवार्य था. गांगुली जहां बंगाल क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे तो वहीं शाह गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े थे.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के संविधान में संशोधन की अनुमति (SC allows BCCI to amend constitution) दे दी, जिससे बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह (Sourav Ganguly and Jay Shah) के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाए बगैर पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी का लगातार 12 साल का कार्यकाल हो सकता है जिसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं लेकिन इसके बाद तीन साल के ब्रेक पर जाना होगा.

  • SC allows BCCI to amend its constitution,says, "We are of the considered view that the amendment would not dilute the original objective. We accept the proposed amendment."

    "Amendment proposed by BCCI doesn't detract from spirit of our original judgment& is accepted," SC says. pic.twitter.com/SQmuBBvKRP

    — ANI (@ANI) September 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों स्तरों पर लगातार दो कार्यकाल के लिए एक विशेष पद पर काम कर सकता है जिसके बाद उसे तीन साल का ब्रेक लेना होगा. पीठ ने कहा, 'ब्रेक की अवधि का उद्देश्य अवांछित एकाधिकार नहीं बनने देना है.' शीर्ष अदालत का आदेश बोर्ड की उस याचिका पर आया है जिसमें अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह सहित पदाधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े संविधान में संशोधन का आग्रह किया गया था. इसमें मांग की गई थी कि पदाधिकारियों के सभी राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में कार्यकाल के बीच अनिवार्य ब्रेक की अवधि को खत्म किया जाए.

बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक की अवधि को समाप्त करने की मांग की थी जिससे कि गांगुली और शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहें. इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारों की सिफारिश की थी जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था.

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उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल के बाद किसी भी व्यक्ति का तीन साल के ब्रेक पर जाना अनिवार्य था. गांगुली जहां बंगाल क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे तो वहीं शाह गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े थे.

Last Updated : Sep 14, 2022, 6:43 PM IST
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