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शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार - Shinde faction Shiv Sena name symbol

सुप्रीम कोर्ट ने आज शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद मामले में उद्धव ठाकरे की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है.

Supreme Court refuses urgent hearing on Uddhav Thackerays plea
शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार
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Published : Aug 1, 2023, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम 'शिवसेना' और उसका चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया. देश के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे के खिलाफ दायर अयोग्यता कार्यवाही पर निर्णय लेने में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा देरी के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से भी इनकार कर दिया. इस मामले में कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और सीएम एकनाथ शिंदे से 28 जुलाई तक जवाब मांगा था.

इससे पहले 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट को पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमत हुआ था. हालांकि, याचिका सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष सूचीबद्ध नहीं की जा सकी. 22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे और ईसी को ठाकरे की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए बुलाया था और मामले को तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था.

शीर्ष अदालत ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उन्हें पार्टी का नाम और प्रतीक देने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसे चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करने पर सहमति व्यक्त की थी. शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में ठाकरे ने दलील दी है कि चुनाव आयोग इस बात को समझने में विफल रहा है कि याचिकाकर्ता को पार्टी के कार्यकर्ताओं से भारी समर्थन हासिल है.

ये भी पढ़ें- निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिह्न को लेकर शिवसेना के दोनों गुटों से आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा

इसके अलावा, याचिका में तर्क दिया गया कि चुनाव आयोग प्रतीक आदेश के पैरा 15 के तहत विवादों के तटस्थ मध्यस्थ के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहा है और उसने अपनी संवैधानिक स्थिति को कमजोर करने का काम किया है. जवाब में, चुनाव निकाय ने अपने जवाबी हलफनामे में शीर्ष अदालत को बताया है कि उसने अर्ध-न्यायिक क्षमता में एक "अच्छी तरह से" आदेश पारित किया है, इसमें शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी का प्रतीक आवंटित किया गया है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम 'शिवसेना' और उसका चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया. देश के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे के खिलाफ दायर अयोग्यता कार्यवाही पर निर्णय लेने में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा देरी के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से भी इनकार कर दिया. इस मामले में कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और सीएम एकनाथ शिंदे से 28 जुलाई तक जवाब मांगा था.

इससे पहले 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट को पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमत हुआ था. हालांकि, याचिका सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष सूचीबद्ध नहीं की जा सकी. 22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे और ईसी को ठाकरे की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए बुलाया था और मामले को तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था.

शीर्ष अदालत ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उन्हें पार्टी का नाम और प्रतीक देने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसे चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करने पर सहमति व्यक्त की थी. शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में ठाकरे ने दलील दी है कि चुनाव आयोग इस बात को समझने में विफल रहा है कि याचिकाकर्ता को पार्टी के कार्यकर्ताओं से भारी समर्थन हासिल है.

ये भी पढ़ें- निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिह्न को लेकर शिवसेना के दोनों गुटों से आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा

इसके अलावा, याचिका में तर्क दिया गया कि चुनाव आयोग प्रतीक आदेश के पैरा 15 के तहत विवादों के तटस्थ मध्यस्थ के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहा है और उसने अपनी संवैधानिक स्थिति को कमजोर करने का काम किया है. जवाब में, चुनाव निकाय ने अपने जवाबी हलफनामे में शीर्ष अदालत को बताया है कि उसने अर्ध-न्यायिक क्षमता में एक "अच्छी तरह से" आदेश पारित किया है, इसमें शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी का प्रतीक आवंटित किया गया है.

(आईएएनएस)

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