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उच्चतम न्यायालय ने चंदा कोचर, उनके पति की जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई टाली

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By PTI

Published : Dec 12, 2023, 6:19 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लोन धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 3 जनवरी, 2024 तक के लिए टाल दी. Bombay high court, Supreme Court, loan fraud cases,

Supreme court
उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को एक ऋण धोखाधड़ी मामले में बंबई उच्च न्यायालय से मिली जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई तीन जनवरी 2024 तक टाल दी.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कोचर दंपति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई की इन दलीलों पर गौर किया कि वह मामले में उसके समक्ष अपनी बात रखने के लिए प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होना चाहेंगे. देसाई मुंबई से डिजिटल माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए. उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी की कुछ समस्याएं हैं, और स्थगन का अनुरोध किया.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने स्थगन के लिए देसाई के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि सुनवाई बुधवार को की जाए और लंबी अवधि के लिए स्थगित नहीं की जाए. इसके बाद, पीठ ने सुनवाई अगले साल तीन जनवरी के लिए निर्धारित की. पीठ ने 16 अक्टूबर को सीबीआई की याचिका पर कोचर दंपति का जवाब मांगा था. याचिका में, बंबई उच्च न्यायालय द्वारा मामले में उन्हें दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती दी गई थी.

वहीं, इस साल नौ जनवरी को बंबई उच्च न्यायालय ने दंपति को जमानत देते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधान के अनुरूप नहीं है. सीबीआई ने इसके खिलाफ शीर्ष न्यायालय में अपील की है. दंपति को सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में 23 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था. कोचर दंपति के अलावा, मामले में सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को एक ऋण धोखाधड़ी मामले में बंबई उच्च न्यायालय से मिली जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई तीन जनवरी 2024 तक टाल दी.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कोचर दंपति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई की इन दलीलों पर गौर किया कि वह मामले में उसके समक्ष अपनी बात रखने के लिए प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होना चाहेंगे. देसाई मुंबई से डिजिटल माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए. उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी की कुछ समस्याएं हैं, और स्थगन का अनुरोध किया.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने स्थगन के लिए देसाई के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि सुनवाई बुधवार को की जाए और लंबी अवधि के लिए स्थगित नहीं की जाए. इसके बाद, पीठ ने सुनवाई अगले साल तीन जनवरी के लिए निर्धारित की. पीठ ने 16 अक्टूबर को सीबीआई की याचिका पर कोचर दंपति का जवाब मांगा था. याचिका में, बंबई उच्च न्यायालय द्वारा मामले में उन्हें दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती दी गई थी.

वहीं, इस साल नौ जनवरी को बंबई उच्च न्यायालय ने दंपति को जमानत देते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधान के अनुरूप नहीं है. सीबीआई ने इसके खिलाफ शीर्ष न्यायालय में अपील की है. दंपति को सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में 23 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था. कोचर दंपति के अलावा, मामले में सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था.

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