ETV Bharat / bharat

भारी-भरकम दस्तावेज दाखिल करने पर उच्चतम न्यायालय ने जताई नाराजगी

ज्यादा संख्या में दस्तावेज दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में सामग्रियां न्यायाधीशों को 'आतंकित' करने के लिए दाखिल की जाती हैं.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Aug 6, 2021, 3:18 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में उसके समक्ष दायर भारी-भरकम दस्तावेजों के बंडलों पर शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की और कहा कि इतनी अधिक मात्रा में सामग्रियां न्यायाधीशों को 'आतंकित' करने के लिए दाखिल की जाती हैं.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने पिछले साल भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पारित टैरिफ आदेश की वैधता से संबंधित याचिकाओं पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के संबंध में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए टिप्पणियां कीं.

शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में 51 खंड दायर किए गए हैं. पीठ ने कहा, 'कल, हमें इन सामग्रियों को लाने के लिए एक लॉरी की व्यवस्था करनी पड़ी. मामले में 51 खंडों में दस्तावेज दाखिल करने का क्या मकसद है? हम इन्हें पढ़ते नहीं रह सकते हैं. आप इतने खंडों में दस्तावेज दायर कर डराना चाहते हैं.'

सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने कहा कि 51 खंड दायर करने का मकसद लगता है कि न्यायाधीश इन्हें पढ़ेंगे नहीं. पीठ ने मामले में पेश वकीलों को साथ बैठकर सुविधाजनक संकलन दायर करने को कहा ताकि मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके. शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की है.

पढ़ें- सीबीआई, आईबी को SC ने लगाई फटकार, कहा- जजों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह

एक अन्य मामले पर सुनवाई करते हुए, पीठ ने कहा कि दस्तावेजों के सैकड़ों खंड न्यायाधीशों को आतंकित करने के लिए दाखिल किए जाते हैं. मामले में पेश हुए वकील ने कहा कि वह छोटा सुविधानजक संकलन दायर करेंगे. हालांकि, पीठ ने कहा कि इतने सारे खंड दायर किए जाने के बावजूद न्यायाधीशों ने फाइलों को पढ़ लिया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में उसके समक्ष दायर भारी-भरकम दस्तावेजों के बंडलों पर शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की और कहा कि इतनी अधिक मात्रा में सामग्रियां न्यायाधीशों को 'आतंकित' करने के लिए दाखिल की जाती हैं.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने पिछले साल भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पारित टैरिफ आदेश की वैधता से संबंधित याचिकाओं पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के संबंध में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए टिप्पणियां कीं.

शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में 51 खंड दायर किए गए हैं. पीठ ने कहा, 'कल, हमें इन सामग्रियों को लाने के लिए एक लॉरी की व्यवस्था करनी पड़ी. मामले में 51 खंडों में दस्तावेज दाखिल करने का क्या मकसद है? हम इन्हें पढ़ते नहीं रह सकते हैं. आप इतने खंडों में दस्तावेज दायर कर डराना चाहते हैं.'

सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने कहा कि 51 खंड दायर करने का मकसद लगता है कि न्यायाधीश इन्हें पढ़ेंगे नहीं. पीठ ने मामले में पेश वकीलों को साथ बैठकर सुविधाजनक संकलन दायर करने को कहा ताकि मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके. शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की है.

पढ़ें- सीबीआई, आईबी को SC ने लगाई फटकार, कहा- जजों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह

एक अन्य मामले पर सुनवाई करते हुए, पीठ ने कहा कि दस्तावेजों के सैकड़ों खंड न्यायाधीशों को आतंकित करने के लिए दाखिल किए जाते हैं. मामले में पेश हुए वकील ने कहा कि वह छोटा सुविधानजक संकलन दायर करेंगे. हालांकि, पीठ ने कहा कि इतने सारे खंड दायर किए जाने के बावजूद न्यायाधीशों ने फाइलों को पढ़ लिया है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.