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WB Violence : ममता सरकार को 'झटका', सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती सही

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Published : Jun 20, 2023, 1:36 PM IST

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील दायर की थी. इसे सुप्रीम कोर्ट के खारिज कर दिया. पढ़ें पूरी खबर...

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की याचिका को खारिज कर दिया. पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे आगामी पंचायत चुनावों के लिए राज्य के सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने का निर्देश दिया गया था. शीर्ष अदालत ने एचसी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता. चुनाव हिंसा के साथ नहीं हो सकते.

उच्च न्यायालय ने 13 जून को एसईसी से कहा था कि वह आठ जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए आयोग द्वारा उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट में 'संवेदनशील' के रूप में चिन्हित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग करे. 15 जून को उच्च न्यायालय ने आयोग को निर्देश दिया कि वह 48 घंटे के भीतर राज्य के सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करे. उच्च न्यायालय का आदेश राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर आया है.

इससे पहले पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को पर्याप्त अवसर प्रदान किए बिना पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया है. यह कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायिक शक्तियों का उल्लंघन है.

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कलकत्ता उच्च न्यायालय के 15 जून के आदेश को चुनौती देते हुए, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उच्च न्यायालय के पास संविधान के अनुच्छेद 243के के साथ पढ़े जाने वाले अनुच्छेद 243 ओ के तहत विशिष्ट बार के मद्देनजर चुनाव की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं था.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की याचिका को खारिज कर दिया. पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे आगामी पंचायत चुनावों के लिए राज्य के सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने का निर्देश दिया गया था. शीर्ष अदालत ने एचसी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता. चुनाव हिंसा के साथ नहीं हो सकते.

उच्च न्यायालय ने 13 जून को एसईसी से कहा था कि वह आठ जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए आयोग द्वारा उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट में 'संवेदनशील' के रूप में चिन्हित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग करे. 15 जून को उच्च न्यायालय ने आयोग को निर्देश दिया कि वह 48 घंटे के भीतर राज्य के सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करे. उच्च न्यायालय का आदेश राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर आया है.

इससे पहले पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को पर्याप्त अवसर प्रदान किए बिना पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया है. यह कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायिक शक्तियों का उल्लंघन है.

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कलकत्ता उच्च न्यायालय के 15 जून के आदेश को चुनौती देते हुए, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उच्च न्यायालय के पास संविधान के अनुच्छेद 243के के साथ पढ़े जाने वाले अनुच्छेद 243 ओ के तहत विशिष्ट बार के मद्देनजर चुनाव की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं था.

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