नई दिल्ली: मलयालम अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी अभिनेता दिलीप के खिलाफ याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट से कहा कि वह जितनी जल्दी हो सके गवाहों की जांच करे और मुकदमे की प्रगति पर रिपोर्ट 24 मार्च तक पेश करें. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच फैसले से बचने के लिए लंबे समय तक चले मुकदमे के खिलाफ दिलीप द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. केरल राज्य ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि गवाहों की जांच के लिए उसे 30 कार्य दिवसों (working days) की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने केरल की ट्रायल कोर्ट को फटकार लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी इस मामले में तीन बार विस्तार की मांग कर चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह तरीका नहीं है, आपको कितनी बार विस्तार दिया जाए.' वहीं, दिलीप की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत के समक्ष कहा कि 237 गवाहों के पहले ही बयान दर्ज किए जा चुके हैं, अब कुछ ही गवाह बचे हैं. उन्होंने कहा कि अब अदालत को 30 दिन का समय और देना चाहिए, जिससे शेष गवाहों के बयान दर्ज किए जा सकें. उसके बाद अपना फैसला सुनाएं.
रोहतगी ने कहा कि हर बार समय सीमा समाप्त होने पर राज्य अतिरिक्त गवाहों के लिए एक आवेदन दायर करता है और कार्यवाही में देरी करता है. केरल राज्य चाहता था कि मामले को मार्च के बजाय अप्रैल में सुनवाई के लिए फिर से सूचीबद्ध किया जाए, लेकिन अदालत ने कहा कि वह निगरानी करना चाहती है कि निचली अदालत क्या कर रही है. अपने आदेश में यह भी दर्ज किया कि शामिल पक्ष परीक्षा में सहयोग करेंगे.
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बता दें, पिछले साल अदालत ने मुकदमे को 16 फरवरी, 2022 की सुनवाई के बाद आगे बढ़ा दिया गया था, फिर इस साल 31 जनवरी को सुनवाई हुई थी, मुकदमा अभी जारी है. दिलीप पर मलयालम फिल्म उद्योग की एक अभिनेत्री का यौन उत्पीड़न, अपहरण और फोटो खिंचवाने का आरोप लगाया गया है. उन्हें 2017 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.