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सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस से जुड़े सभी मामलों को बंद कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस से जुड़े सभी मामलों को बंद कर दिया.

बाबरी मस्जिद
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Published : Aug 30, 2022, 12:00 PM IST

Updated : Aug 30, 2022, 1:40 PM IST

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद से जुड़े मामलों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. छह दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी ढांचे को ढहाए जाने से जुड़े सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दिया है. यह निर्णय याचिकाकर्ता और मामले में आरोपी शख्स यानी की दोनों की मौत होने के बाद लिया गया है. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने इससे जुड़ी दाखिल अवमानना याचिका को भी बंद कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता असलम भूरे अब इस दुनिया में नहीं हैं. साथ ही, 2019 में आए फैसले के चलते भी अब इस मामले को बनाए रखना जरूरी नहीं.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 के दंगों से जुड़े मामले बंद किये

सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि अब सिर्फ नरोदा पाटिया मामला ही लंबित है. इसमें भी सुनवाई अंतिम स्टेज पर चल रही है. अदालत ने एसआईटी से इसे निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए कदम उठाने को कहा है. दरअसल, 1992 में अयोध्या के श्रीरामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अधिकारियों और अन्य के खिलाफ अवमानना का केस लगाया गया था. इस पर मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय बीतने के साथ और अयोध्या पर 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ के फैसले को देखते हुए अब अवमानना के मामले को आगे नहीं चलाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समय बीतने के साथ मामले अब निष्फल हो गए हैं. 9 में से 8 मामलों में ट्रायल खत्म हो गया है.

पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया और तेलंगाना के मंत्री केटीआर के बीच ट्विटर वॉर, जानिए क्या है मामला

कौन से मामले किए गए बंद: अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा गिराने पर शुरू अवमानना के सभी मामले बंद किए. एसआईटी जांच के लिए लंबित सभी केस बंद कर दिए गए हैं. एससी ने नोट किया कि समय बीतने के साथ और 2019 के अयोध्या फैसले को देखते हुए मामला कहीं नहीं टिकता.

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद से जुड़े मामलों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. छह दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी ढांचे को ढहाए जाने से जुड़े सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दिया है. यह निर्णय याचिकाकर्ता और मामले में आरोपी शख्स यानी की दोनों की मौत होने के बाद लिया गया है. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने इससे जुड़ी दाखिल अवमानना याचिका को भी बंद कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता असलम भूरे अब इस दुनिया में नहीं हैं. साथ ही, 2019 में आए फैसले के चलते भी अब इस मामले को बनाए रखना जरूरी नहीं.

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सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि अब सिर्फ नरोदा पाटिया मामला ही लंबित है. इसमें भी सुनवाई अंतिम स्टेज पर चल रही है. अदालत ने एसआईटी से इसे निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए कदम उठाने को कहा है. दरअसल, 1992 में अयोध्या के श्रीरामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अधिकारियों और अन्य के खिलाफ अवमानना का केस लगाया गया था. इस पर मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय बीतने के साथ और अयोध्या पर 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ के फैसले को देखते हुए अब अवमानना के मामले को आगे नहीं चलाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समय बीतने के साथ मामले अब निष्फल हो गए हैं. 9 में से 8 मामलों में ट्रायल खत्म हो गया है.

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कौन से मामले किए गए बंद: अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा गिराने पर शुरू अवमानना के सभी मामले बंद किए. एसआईटी जांच के लिए लंबित सभी केस बंद कर दिए गए हैं. एससी ने नोट किया कि समय बीतने के साथ और 2019 के अयोध्या फैसले को देखते हुए मामला कहीं नहीं टिकता.

Last Updated : Aug 30, 2022, 1:40 PM IST
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