नई दिल्ली : ललित मोदी और उनकी मां बीना मोदी के बीच चल रहे प्रॉपर्टी विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो पूर्व जजों को मध्यस्थ नियुक्त किया है. कोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों को बतौर मध्यस्थ विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी. चीफ जस्टिस एन वी रमना की पीठ ने पूर्व जस्टिस विक्रमजीत सेन और कुरियन जोसेफ को मध्यस्थ नियुक्त किया. मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को गोपनीयता बनाए रखने और मध्यस्थों की मदद लेने की सलाह दी है.
शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के फैसले के खिलाफ ललित मोदी की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि बीना मोदी की ओर से उनके बेटे के खिलाफ दायर मध्यस्थता निषेधाज्ञा मुकदमा चलने योग्य है. सुप्रीम कोर्ट लगातार इस केस की सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बीना मोदी और उनके बेटे ललित मोदी को मध्यस्थता का सुझाव दिया था. बीना मोदी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के इस प्रस्ताव पर सहमति जाहिर की थी. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के साथ ललित मोदी का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने भी इस पर ऐतराज नहीं जताया था.
बता दें कि उद्योगपति के के मोदी ने प्रबंधक न्यासी के तौर पर लंदन में ट्र्स्ट के दस्तावेज तैयार कराए थे और बीना मोदी, ललित, चारू तथा समीर इसके सदस्य थे. दो नवंबर 2019 को केके मोदी का देहांत हो गया था, जिसके बाद न्यासियों के बीच विवाद शुरू हो गया. ललित मोदी (Lalit modi) ने परिवार में संपत्ति विवाद को लेकर सिंगापुर में मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू की थी. इसका ललित मोदी की मां बीना मोदी, उनकी बहन चारू और भाई समीर ने विरोध किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को भारत में सुलझाने की सलाह दी थी.
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