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SC पर्सनल गैजेट की जब्ती व जांच और संरक्षण को लेकर दायर याचिका पर केंद्र के हलफनामे से नाराज - International Covenant on Economic Social and Cultural Rights

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और उनकी सामग्री की जब्ती और जांच के संबंध में दायर याचिका पर केंद्र के हलफनामे पर नाराजगी जताई.

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Published : Aug 5, 2022, 8:29 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने निजी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और उनकी सामग्री की जब्ती, जांच और संरक्षण को लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को केंद्र के हलफनामे पर असंतोष जताया. साथ ही कोर्ट ने केंद्र को नए सिरे से जवाब दाखिल करने के लिए बी कहा. कोर्ट ने कहा कि इनमें व्यक्तिगत सामग्री होती है और हमें इसे संरक्षित करना है.लोग इस पर जीते हैं. हम जवाबी हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं. हम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के संदर्भ में एक नया और उचित जवाब चाहते हैं. मामले पर अब 26 सितंबर को सुनवाई होगी.

न्यायमूर्ति एसके कौल (Justice SK Kaul) और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश (Justice MM Sundresh) की पीठ ने यह आदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दायर किया गया जवाबी हलफनामा अधूरा और असंतोषजनक है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट निजी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व उनकी सामग्री की जब्ती, जांच और संरक्षण के संबंध में देश में जांच एजेंसियों को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

ये याचिका शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के एक समूह ने दाखिल की है. कोर्ट ने कहा कि कई बार ऐसे उपकरणों में व्यक्तिगत सामग्री या काम होता है जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता होती है क्योंकि शिक्षा में लोगों की आजीविका इस पर निर्भर करती है. अदालत ने कहा कि यह कहना कि याचिका सुनवाई नहीं है, पर्याप्त नहीं है.

ये भी पढ़ें- राजनीति का अपराधीकरण: पार्टी प्रमुखों के खिलाफ अवमानना की याचिका खारिज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने निजी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और उनकी सामग्री की जब्ती, जांच और संरक्षण को लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को केंद्र के हलफनामे पर असंतोष जताया. साथ ही कोर्ट ने केंद्र को नए सिरे से जवाब दाखिल करने के लिए बी कहा. कोर्ट ने कहा कि इनमें व्यक्तिगत सामग्री होती है और हमें इसे संरक्षित करना है.लोग इस पर जीते हैं. हम जवाबी हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं. हम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के संदर्भ में एक नया और उचित जवाब चाहते हैं. मामले पर अब 26 सितंबर को सुनवाई होगी.

न्यायमूर्ति एसके कौल (Justice SK Kaul) और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश (Justice MM Sundresh) की पीठ ने यह आदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दायर किया गया जवाबी हलफनामा अधूरा और असंतोषजनक है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट निजी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व उनकी सामग्री की जब्ती, जांच और संरक्षण के संबंध में देश में जांच एजेंसियों को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

ये याचिका शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के एक समूह ने दाखिल की है. कोर्ट ने कहा कि कई बार ऐसे उपकरणों में व्यक्तिगत सामग्री या काम होता है जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता होती है क्योंकि शिक्षा में लोगों की आजीविका इस पर निर्भर करती है. अदालत ने कहा कि यह कहना कि याचिका सुनवाई नहीं है, पर्याप्त नहीं है.

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