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सुप्रीम कोर्ट ने खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी जाने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन के मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी को बेटी से मुलाकात करने के लिए बेल्लारी जिले का दौरा करने की अनुमति दे दी.

Supreme Court allows mining baron Janardhan Reddy to visit Bellary
सुप्रीम कोर्ट ने खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी जाने की अनुमति दी
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Published : Oct 10, 2022, 1:46 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री और अवैध खनन मामले में आरोपी जी. जनार्दन रेड्डी को बेटी से मुलाकात करने के लिए बेल्लारी जिले का दौरा करने तथा छह नवंबर 2022 तक वहां रहने की सोमवार को अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने विशेष अदालत को दैनिक आधार पर मुकदमे की सुनवाई करने तथा नौ नवंबर 2022 से छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया.

उसने रेड्डी को मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक बेल्लारी से बाहर रहने का भी निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई में देरी करने की रेड्डी की ओर से किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाए. करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर बाहर हैं और उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में उन पर कई शर्तें लगायी थीं, जिसमें उन्हें कर्नाटक के बेल्लारी तथा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर और कड़पा का दौरा करने से रोकना शामिल है.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक हिजाब मामले में इस सप्ताह SC सुना सकता है फैसला

रेड्डी ने अपनी बेटी से मुलाकात करने के लिए बेल्लारी जाने की अनुमति मांगी थी. उनकी बेटी ने हाल में एक बच्ची को जन्म दिया है.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच सितंबर 2011 को रेड्डी तथा उनके रिश्तेदार बी वी श्रीनिवास रेड्डी को बेल्लारी से गिरफ्तार किया था। श्रीनिवास रेड्डी ओबलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) के प्रबंध निदेशक हैं. इस कंपनी पर खनन पट्टे के सीमांकन को बदलने तथा बेल्लारी आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खनन करने का आरोप है.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री और अवैध खनन मामले में आरोपी जी. जनार्दन रेड्डी को बेटी से मुलाकात करने के लिए बेल्लारी जिले का दौरा करने तथा छह नवंबर 2022 तक वहां रहने की सोमवार को अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने विशेष अदालत को दैनिक आधार पर मुकदमे की सुनवाई करने तथा नौ नवंबर 2022 से छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया.

उसने रेड्डी को मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक बेल्लारी से बाहर रहने का भी निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई में देरी करने की रेड्डी की ओर से किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाए. करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर बाहर हैं और उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में उन पर कई शर्तें लगायी थीं, जिसमें उन्हें कर्नाटक के बेल्लारी तथा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर और कड़पा का दौरा करने से रोकना शामिल है.

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रेड्डी ने अपनी बेटी से मुलाकात करने के लिए बेल्लारी जाने की अनुमति मांगी थी. उनकी बेटी ने हाल में एक बच्ची को जन्म दिया है.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच सितंबर 2011 को रेड्डी तथा उनके रिश्तेदार बी वी श्रीनिवास रेड्डी को बेल्लारी से गिरफ्तार किया था। श्रीनिवास रेड्डी ओबलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) के प्रबंध निदेशक हैं. इस कंपनी पर खनन पट्टे के सीमांकन को बदलने तथा बेल्लारी आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खनन करने का आरोप है.

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