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SC पहुंची सुपरटेक, अपील- एक ही टावर गिराया जाए

सुपरटेक ने 40-मंजिला ट्विन टावरों को पूरी तरह से न गिराए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दोनों 40 मंजीला इमारतों को गिरा दिया जाए.

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Published : Sep 29, 2021, 3:50 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 3:58 PM IST

नई दिल्ली : सुपरटेक (Supertech) लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुपरटेक ने एक याचिका दायर की है जिसमें नोएडा स्थित ट्विन टॉवर गिराने के सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही कोर्ट से अपना फैसला संशोधित कर एक टॉवर गिराने का आदेश देने की भी मांग की है.

सुपरटेक ने कहा कि अन्य आवासीय टावरों और टावर-17 (सेयेन), जो ट्विन टॉवर के सबसे करीब बनी इमारत है, के चलते ट्विन टॉवर को विस्फोटकों के माध्यम से ध्वस्त नहीं किया जा सकता ह. इसे गिराने के लिए एक एक ईंट को तोड़ना होगा जिसमें करोड़ों खर्च होंगे.

उच्चतम न्यायालय ने 13 अगस्त को यहां नोएडा में सुपरटेक के इमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में दो 40 मंजिली टावरों को भवन उपनियमों का उल्लंघन करने के मामले में गिराने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. बता दें कि 2004 से 2017 के बीच नोएडा प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों की मिलीभगत से ट्विन टावर बनाए गए.

पढ़ें :- सुपरटेक एमडी को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत, तीन साल की जेल पर रोक

नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित सुपरटेक ट्विन टावर मामले में बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की साठगांठ खुलकर उजागर हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर इसका जिक्र किया था.

नई दिल्ली : सुपरटेक (Supertech) लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुपरटेक ने एक याचिका दायर की है जिसमें नोएडा स्थित ट्विन टॉवर गिराने के सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही कोर्ट से अपना फैसला संशोधित कर एक टॉवर गिराने का आदेश देने की भी मांग की है.

सुपरटेक ने कहा कि अन्य आवासीय टावरों और टावर-17 (सेयेन), जो ट्विन टॉवर के सबसे करीब बनी इमारत है, के चलते ट्विन टॉवर को विस्फोटकों के माध्यम से ध्वस्त नहीं किया जा सकता ह. इसे गिराने के लिए एक एक ईंट को तोड़ना होगा जिसमें करोड़ों खर्च होंगे.

उच्चतम न्यायालय ने 13 अगस्त को यहां नोएडा में सुपरटेक के इमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में दो 40 मंजिली टावरों को भवन उपनियमों का उल्लंघन करने के मामले में गिराने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. बता दें कि 2004 से 2017 के बीच नोएडा प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों की मिलीभगत से ट्विन टावर बनाए गए.

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नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित सुपरटेक ट्विन टावर मामले में बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की साठगांठ खुलकर उजागर हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर इसका जिक्र किया था.

Last Updated : Sep 29, 2021, 3:58 PM IST
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