जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर के श्याम नगर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुसे दो शूटर्स ने गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी थी. इनमें से एक शूटर नितिन फौजी ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया था. तुर्की में बनी यह सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल वैसे तो भारत में प्रतिबंधित है, लेकिन कई कुख्यात गैंगस्टर की यह पहली पसंद है. आमतौर पर इसकी कीमत 6 से 9 लाख रुपए तक होती है. लेकिन गैंगस्टर्स में इसे लेकर इतना पागलपन है कि 10-12 लाख रुपए भी चुकाने को तैयार रहते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि प्रतिबंधित होने के बावजूद जिगाना पिस्टल देश के कुख्यात गैंगस्टर्स तक पहुंचती कैसे है. सुरक्षा एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि यह पिस्टल पाकिस्तान के रास्ते तस्करी के जरिए देश में पहुंचाई जा रही है. खासतौर पर सीमा पार से पंजाब के हथियार तस्करों के पास यह पिस्टल पहुंचती है और उसके बाद डिमांड के हिसाब से सप्लाई होती है.
पड़ताल में सामने आई ये बात : पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि शूटर नितिन को जयपुर में पनाह देने वाले महेंद्र कुमार उर्फ समीर व पूजा सैनी ने ही वारदात के लिए हथियार मुहैया करवाए थे. 5 दिसंबर को वारदात से पहले महेंद्र उर्फ समीर ने नितिन को आधा दर्जन हथियार दिखाए. जिसमें से उसने दो पिस्टल अपने लिए और एक पिस्टल दूसरे शूटर रोहित राठौड़ के लिए रखे थे. पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग के लिए नितिन फौजी ने हथियारों के जखीरे में से जिगाना पिस्टल ही पसंद की और उसी से वारदात को अंजाम दिया था.
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पाकिस्तान के रास्ते आ रहा लॉरेंस गैंग का पसंदीदा हथियार : जिगाना एक सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल है. जो तुर्की की कंपनी Ti SAS द्वारा 2001 से बनाई जा रही है. यह खतरनाक हथियार भारत में पाकिस्तान से तस्करी के रास्ते मुख्य रूप से पंजाब के हथियार तस्करों के पास पहुंचाया जा रहा है. लॉरेंस गैंग के गुर्गों और शूटर्स के पास यह पिस्टल कई मौकों पर पुलिस ने बरामद की है. तस्करी के रास्ते इस हथियार को भारत पहुंचाने में आईएसआई की भूमिका होने की बात भी सामने आई है.
अतीक के हत्यारों को भी लॉरेंस गैंग ने दी थी जिगाना : उत्तर प्रदेश के बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या में भी जिगाना पिस्टल का ही इस्तेमाल किया गया था. बाद में सामने आया कि यह हथियार लॉरेंस गैंग ने शूटर्स को मुहैया करवाया था. इसके साथ ही गोगामेड़ी हत्याकांड से पहले राजस्थान में भी फायरिंग की कुछ घटनाओं में जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल बदमाशों ने किया था.
निशाना चुकने की गुंजाइश न के बराबर : जिगाना पिस्टल गैंगस्टर्स के बीच स्टेटस सिंबल है. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षित है, फायरिंग से यह गर्म नहीं होती और इससे ज्यादा सटीक निशाना लगाया जा सकता है. इसलिए कुख्यात गैंगस्टर्स यह हथियार रखते हैं और बड़ी वारदात के लिए खासतौर पर इसी का इस्तेमाल किया जाता है. अमेरिकन कोस्टगार्ड, मलेशिया व अजरबैजान की सेना और फिलीपींस पुलिस भी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल करती है.
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एके-47 की तरह बर्स्ट फायर, जाम नहीं होती : जिगाना पिस्टल से एके-47 की तरह बर्स्ट फायर किए जा सकते हैं. इसमें एक बार में 15 या ज्यादा राउंड लगते हैं. जिससे बार-बार लोड करने की दरकार नहीं होती. यह जाम नहीं होती है. खास बात यह है कि इसे वारदात के बाद शूटर से ले लिया जाता है. ताकि पुलिस जब्त नहीं कर सके. शूटर से वैपन रिकवर नहीं होने से केस कमजोर होता है. साथ ही ज्यादा कीमत और मुश्किल से मिलना भी एक कारण है कि इसे वारदात के बाद शूटर्स से वापस गैंग के बदमाश ले लेते हैं.
एनआईए जोड़ेगी अंतरराष्ट्रीय तस्करों से कड़ियां : अब सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ले ली है. प्रदेश के गृह विभाग की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद एनआईए ने एफआईआर दर्ज कर इस मामले की जांच का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया है. अब एनआईए शूटर्स और उनके सहयोगियों से राज उगलवाकर इस मामले की कड़ियां अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करों से भी जोड़ने का प्रयास करेगी. इससे कई चौंकाने वाले खुलासे होने की भी संभावना है.