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चंद्रयान-3 की सफलता से दुनिया को संदेश कि भारत बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकता है : गोयल

गोयल ने बताया कि चंद्रयान-3 में उपयोग किए गए सामान, कल-पुर्जे और अलग-अलग तत्व घरेलू स्तर पर तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की घोषणा की तब कुछ लोगों ने इसका भी मजाक उड़ाया था और सवाल उठाए थे.

Leader of the House in Rajya Sabha Piyush Goyal
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2023, 12:21 PM IST

नई दिल्ली: राज्‍यसभा में बुधवार को सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि चन्‍द्रयान-3 की सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत बड़ी से बड़ी चुनौतियों का मुकाबला कर सकता है. उच्च सदन में 'भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3' की सफल सॉफ्ट लैंडिंग विषय पर अल्पकालिक चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन के नेता गोयल ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में शामिल वैज्ञानिक समुदाय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी और उसकी भावी योजनाओं के लिए शुभाकामनाएं दीं.

भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के 'विक्रम लैंडर' की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था. भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना. चंद्रयान-2 की असफलता का उल्लेख करते हुए गोयल ने कहा कि 'नकारात्मक सोच वालों' के लिए चंद्रयान-3 की सफलता एक सबक है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-2 मिशन की असफलता के समय तत्कालीन इसरो प्रमुख डॉ. सिवन जिस प्रकार गले लगाया और वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया वह दृश्य आज भी लोगों के मन में है.

उन्होंने कहा कि उसके बाद से मानो इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफल बनाने की ठान ली और फिर वह दिन भी गया जब भारत ने इसे सफल कर दिखाया. गोयल ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से दुनिया भर में संदेश गया है कि भारत बड़ी-बड़ी चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला कर सकता है. उन्होंने कहा कि पूरे सदन की ओर से वह इसरो के वैज्ञानिकों, खासकर महिला वैज्ञानिकों को बधाई देते हैं. उन्होंने कहा, 'महिला वैज्ञानिक भारत का गौरव बनी हैं.'

गोयल ने बताया कि चंद्रयान-3 में उपयोग किए गए सामान, कल-पुर्जे और अलग-अलग तत्व घरेलू स्तर पर तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की घोषणा की तब कुछ लोगों ने इसका भी मजाक उड़ाया था और सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि आज विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं. उन्होंने सदन से आह्वान किया कि पूरा सदन एक स्वर में देश के वैज्ञानिक समुदाय और इसरो को शुभेच्छा भेजे. चर्चा को शुरू करवाने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश की अंतरिक्ष यात्रा, चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 की सफलता से भारत ने दुनिया को दिखाया है कि उसके लिए आसमान की कोई सीमा नहीं है और यह महज एक शुरुआत है.

पढ़ें: Chandrayaan 3 landing : नासा के उपग्रह ने ली चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल की तस्वीर

उन्होंने कहा कि इसरो की उपलब्धियां उत्कृष्ट रही हैं और यह राष्ट्रीय गौरव का विषय है.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: राज्‍यसभा में बुधवार को सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि चन्‍द्रयान-3 की सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत बड़ी से बड़ी चुनौतियों का मुकाबला कर सकता है. उच्च सदन में 'भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3' की सफल सॉफ्ट लैंडिंग विषय पर अल्पकालिक चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन के नेता गोयल ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में शामिल वैज्ञानिक समुदाय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी और उसकी भावी योजनाओं के लिए शुभाकामनाएं दीं.

भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के 'विक्रम लैंडर' की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था. भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना. चंद्रयान-2 की असफलता का उल्लेख करते हुए गोयल ने कहा कि 'नकारात्मक सोच वालों' के लिए चंद्रयान-3 की सफलता एक सबक है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-2 मिशन की असफलता के समय तत्कालीन इसरो प्रमुख डॉ. सिवन जिस प्रकार गले लगाया और वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया वह दृश्य आज भी लोगों के मन में है.

उन्होंने कहा कि उसके बाद से मानो इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफल बनाने की ठान ली और फिर वह दिन भी गया जब भारत ने इसे सफल कर दिखाया. गोयल ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से दुनिया भर में संदेश गया है कि भारत बड़ी-बड़ी चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला कर सकता है. उन्होंने कहा कि पूरे सदन की ओर से वह इसरो के वैज्ञानिकों, खासकर महिला वैज्ञानिकों को बधाई देते हैं. उन्होंने कहा, 'महिला वैज्ञानिक भारत का गौरव बनी हैं.'

गोयल ने बताया कि चंद्रयान-3 में उपयोग किए गए सामान, कल-पुर्जे और अलग-अलग तत्व घरेलू स्तर पर तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की घोषणा की तब कुछ लोगों ने इसका भी मजाक उड़ाया था और सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि आज विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं. उन्होंने सदन से आह्वान किया कि पूरा सदन एक स्वर में देश के वैज्ञानिक समुदाय और इसरो को शुभेच्छा भेजे. चर्चा को शुरू करवाने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश की अंतरिक्ष यात्रा, चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 की सफलता से भारत ने दुनिया को दिखाया है कि उसके लिए आसमान की कोई सीमा नहीं है और यह महज एक शुरुआत है.

पढ़ें: Chandrayaan 3 landing : नासा के उपग्रह ने ली चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल की तस्वीर

उन्होंने कहा कि इसरो की उपलब्धियां उत्कृष्ट रही हैं और यह राष्ट्रीय गौरव का विषय है.

पीटीआई-भाषा

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