हैदराबाद : तेलंगाना में हैदराबाद मादक पदार्थों की तस्करी का अड्डा बन गया है. हाल ही में दो ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें एक आईटी कर्मचारी और एक पूर्व छात्र को ड्रग तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है (Drug Suppliers in Greater Hyderabad). जवाहर नगर हैदराबाद की एक आईटी कंपनी में काम करने वाले भूपति प्रमोद का वेतन 50,000 रुपये प्रति माह है. उसे स्पेशल ऑपरेशन टीम ने गिरफ्तार किया. आरोप है कि वह 20 से 30 हजार रुपये लीटर हशीश का तेल खरीदता था और उसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में प्लास्टिक की बोतलों में भरकर तीन से चार लाख रुपये कमा लेता था. इसी तरह हैदराबाद नारकोटिक्स इंफोर्समेंट विंग ने एचसीयू के पूर्व छात्र निम्मगड्डा साईं विग्नेश को पकड़ा है. आरोप है कि उसने डार्कनेट के जरिए 12,000 रुपये में 20 एलएसडी ब्लॉट खरीदे. उसने विश्वविद्यालय के छात्रों को एलएसडी को 3,000 रुपये में बेच दिया.
पैसे के लालच में फंस रहे तस्करी के जाल में : इन दो मामलों से साफ है कि छात्र और पूर्व छात्र भी इस तरह के ड्रग रॉकेट और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. न केवल पब, बार और रेस्तरां बल्कि अपार्टमेंट, शैक्षणिक संस्थान और आईटी कंपनियां में भी नशीली दवाओं की तस्करी से अछूते नहीं रहे. पुलिस का कहना है कि यह एक मिथक है कि हेरोइन, कोकीन और एलएसडी जैसी दवाएं उच्च/समृद्ध वर्गों तक ही सीमित हैं. एसडब्ल्यूओटी और टास्क फोर्स के निरीक्षण के दौरान भारी मात्रा में मादक पदार्थ व तस्करों को जब्त किया जा रहा है. गिरफ्तार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. जैसे-जैसे तकनीक और परिवहन सुविधाएं बढ़ीं हैं. सामान्य छात्र से लेकर कॉर्पोरेट कर्मचारी तक सब कुछ पहुंच रहा है. यहां तक कि आईटी और कॉरपोरेट कर्मचारी, जो सालाना लाखों रुपये कमाते हैं, पैसा बनाने के लिए ड्रग्स बेच रहे हैं.
स्वीटी, फ्रूटी जैसे कोडवर्ड : मुंबई में ड्रग्स को सलमान, कैटरीना, किलिंग, लांबी, एके-47 जैसे कोड नेम से जाना जाता है. हैदराबाद में पुलिस ने कोड वर्ड्स की पहचान स्टफ, वीड, स्वीटी, फ्रूटी और टैटू के रूप में की है. राचकोंडा पुलिस (Rachakonda police) ने मेडचल में एक ढाबा संचालक को पंजाब में युवाओं द्वारा नशीली दवाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले पोस्त भूसे को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने खुलासा किया कि वे काफी कम दामों में हेरोइन को बना कर ऊंचे दामों पर बेच रहे थे. पंजाब में इसका कोडवर्ड 'स्माइल' है. पंजाब में बड़ी मात्रा में खसखस उगाया जाता है. ये सूखा नशा होता है जिसे अवैध रूप से हैदराबाद लाया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि उपनगरों के कुछ फार्मासिस्टों ने इसे खरीदा और इसे अपनी प्रयोगशालाओं में मॉर्फिन/हेरोइन के रूप में बेचा. राचकोंडा एसओटी के अधिकारियों ने बताया कि यहां एओबी, विशाका और आदिलाबाद एजेंसी क्षेत्रों से हशीश का तेल पहुंचा है.
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