रामनगर (कर्नाटक) : सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) की पढ़ाई कर रहे छात्र योगेश ने लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद होने से उसने एक ऐसी साइकिल बनाई है जो बैटरी से चलती है. यह साइकिल 20 से 30 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती है.
इतना ही नहीं रामनगर जिले के कनकपुर तालुक के डोड्डा अलहल्ली गांव के रहने वाले योगेश ने लॉकडाउन के दौरान अपने पिता के काम में भी मदद की. कृष्णाय्यादोड्डी गांव के विश्वयोगी हाई स्कूल में एसएसएलसी की पढ़ाई कर रहे योगेश ने अप्रयुक्त सामग्री से यह नई प्रकार की साइकिल बनाई है. योगेश ने जब उसने पहली बार साइकिल को बनाने की कोशिश की थी तब साइकिल में फिट की गई बैटरी जल गई थी. लेकिन उसने इसे बनाने का प्रयास जारी रखा और अंतत: इसे बनाने में कामयाब रहे.
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बैटरी से चलने वाली इस साइकिल की कीमत 10 हजार रुपये है. योगेश की सफलता पर उसके माता-पिता ने प्रसन्नता जताई है. इस संबंध में योगेश ने बताया कि उसने ईंधन के दामों में दिन-प्रतिदिन हो रही बढ़ोत्तरी को देखकर उसने बैटरी से चलने वाली साइकिल बनाने का फैसला किया. उसने बताया कि मैंने इस साइकिल को बनाने के लिए लोहे का इस्तेमाल किया. उसने बताया कि अभी इसकी जांच की जानी बाकी है कि दो से तीन दिनों के भीतर चार्ज करने के बाद यह कितने घंटे तक चल सकती है.
यह साइकिल पूरी तरह से इको फ्रेंडली है. वहीं योगेश के स्कूल के विज्ञान शिक्षक सिद्धाराजेगौड़ा ने कहा कि उसने चार्जिंग वाली इको फ्रेंडली साइकिल बनाई है. यह साइकिल 20 से 30 किलोमीटर की गति से चल सकती है. साथ ही इस साइकिल की कीमत 10 हजार रुपये है.