पांडिचेरी: पांडिचेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय में बुधवार को प्रशासन के प्रतिबंधों के बावजूद पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने के बाद छात्र संगठनों के बीच झड़प हो गई. बताया जाता है कि इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े लगभग 10 छात्रों ने कथित रूप से उन 300 छात्रों को धमकाना शुरू कर दिया, जो विवादास्पद बीबीसी वृत्तचित्र देखने के लिए परिसर में एक स्थान पर एकत्र हुए थे. इस संबंध में विश्वविद्यालय के एक छात्र ने बताया कि अधिकारियों ने भारतीय छात्र संघ द्वारा स्क्रीनिंग की घोषणा के बाद विश्वविद्यालय परिसर में वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग नहीं करने के स्पष्ट आदेश दिए थे.
वहीं अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आदेशों का पालन किया जा था, इसके मद्देनजर परिसर में पुलिस अधिकारियों को भी तैनात किया गया था. इस पर विरोध में, छात्रों ने तब घोषणा की कि इसकी बजाय छात्रावास के कमरों के अंदर इसकी स्क्रीनिंग की जाएगी. दूसरी तरफ विश्वविद्यालय कैंपस में 100 से ज्यादा छात्रों ने अपने फोन और लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' देखी. इसके बाद प्रशासन ने बुधवार दोपहर तीन बजे के बाद विश्वविद्यालय परिसर में बिजली और वाईफाई इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी.
इस बीच, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने कैंपस में जेंडर गेट पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू की. इस दौरान डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए लगभग 300 छात्र मौके पर जमा हो गए, जिससे सीधे तौर पर विश्वविद्यालय के आदेशों की अवहेलना हुई. वहीं डॉक्यूमेंट्री को छात्रों के फेसबुक पेज पर लाइव-स्ट्रीम भी किया गया था. भारतीय छात्र संघ ने घोषणा की कि वे बीबीसी द्वारा जारी मोदी पर वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग करेंगे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी. डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए इकट्ठा हुए छात्रों में से एक ने ईटीवी भारत को बताया कि दोपहर 3 बजे के बाद, पूरे विश्वविद्यालय में बिजली और वाई-फाई इंटरनेट सुविधा काट दी गई. इसके बाद, विश्वविद्यालय के जेंडर गेट के पास लगभग 300 छात्रों ने अपने फोन और लैपटॉप पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखी.
इसीबीच जब छात्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तभी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के करीब 10 सदस्य मौके पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे. वे कथित रूप से जय श्री राम, मोदी मोदी, और सामिये शरणम अय्यप्पा के नारे लगा रहे थे, जो 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री मोदी के हिस्से को दिखाने वाले वृत्तचित्र के विरोध में थे. वहीं कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के लोगों ने उन्हें हिंदी में धमकी भी दी, जिससे दोनों के बीच विवाद हुआ. हालांकि विश्वविद्यालय के निजी सुरक्षा गार्डों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ. एक छात्र ने बताया कि परिसर में बिजली का कनेक्शन बहाल कर दिया गया है, लेकिन इंटरनेट सुविधा अभी भी प्रतिबंधित है.
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