नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के दौरान असम में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जितेंद्र सिंह (AICC General Secretary Jitendra Singh) ने ईटीवी भारत से बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि ऐसे विद्रोहियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, इसके लेकर मैं जल्द ही असम के दौरे पर जाऊंगा तथा संबंधित लोगों से बातचीत करूंगा. उन्होंने कहा कि असम में जिस तरह से क्रॉस वोटिंग हुई है, उसको लेकर आलाकमान बहुत परेशान है.
कांग्रेस विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग को असम के लोगों के साथ विश्वासघात करार देते हुए सिंह ने कहा, 'किसी भी क्रॉस वोटर को बख्शा नहीं जाएगा.' 18 जुलाई को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के कम से कम 22 विधायकों ने एनडीए की द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. हालांकि, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कम से कम 15-16 विपक्षी विधायकों ने मुर्मू को वोट दिया. वहीं असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) के अध्यक्ष भूपेन बोरा (APCC President Bhupen Bora) ने इस तरह के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि 5-6 कांग्रेस विधायक ही द्रौपदी मुर्मू को वोट देते हुए पाए गए हैं. बोरा ने कहा, 'हमने एआईसीसी को छह विधायकों की सूची सौंपी है, जिन्होंने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है.' वहीं उन्होंने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल को बीजेपी की 'बी टीम' के रूप में काम करने के लिए भी आड़े हाथों लिया. बोरा ने दावा किया, यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन देने के बावजूद उन्होंने (AIUDF) अंततः मुर्मू को वोट दिया.
विपक्षी सहयोगी द्वारा इस तरह की क्रॉस वोटिंग और विश्वासघात से हैरान कांग्रेस ने आगामी 2023 के पंचायत चुनाव अकेले असम में लड़ने का फैसला किया है. बोरा ने कहा, हम अगले साल गांव पंचायत चुनाव अकेले लड़ेंगे और हमें विश्वास है कि हम अच्छे परिणाम देंगे. 2024 के आम चुनाव से पहले पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल बताते हुए बोरा ने कहा कि कांग्रेस जल्द ही राज्य के कोने-कोने में व्यापक सदस्यता अभियान शुरू करेगी. बता दें कि असम में 14 लोकसभा सीटें हैं.
बोरा ने कहा, अगले साल तक हमारे पास युवा नेताओं के साथ नई टीम होगी क्योंकि इस साल हमारे पास जिला स्तरीय कांग्रेस कमेटी का चुनाव होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी में सितंबर तक राज्य स्तरीय चुनाव भी होंगे. गौरतलब है कि असम में हुए 2018 के पंचायत चुनाव में बीजेपी को कुल 420 सीटों में से 212 जिला परिषद सीटें मिली थीं. जबकि कांग्रेस को 147 और एआईयूडीएफ को 26, अगप को 19 और अन्य को 16 सीटें मिलीं थीं. वहीं कुल 2197 में से अंचलिक पंचायत भाजपा ने 1025, कांग्रेस को 771, एआईयूडीएफ ने 139, अगप ने 118 पर जीत हासिल की थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं पर असर पड़ेगा. बोरा ने दावा किया कि कांग्रेस अपने वफादार सैनिकों के साथ पार्टी को बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करेगी. बोरा ने कहा, राजनीतिक नेताओं के लिए अपने फायदे के लिए अन्य दलों में शामिल होने की प्रवृत्ति बन गई है. लेकिन जो नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस के प्रति वफादार हैं, वे पार्टी के साथ रहेंगे.
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