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STF के हाथ लगी बड़ी सफलता, पांच करोड़ के 'रेड सैंड बोआ' बरामद, चार तस्कर गिरफ्तार

इंदौर एसटीएफ (STF) ने चार तस्करों से 5 रेड सैंड बोआ (red sand boa snake) प्रजाति के सांप बरामद किए हैं. बरामद किए गये सांपों की कीमत 5 करोड़ से अधिक बताई जा रही है. तस्कर रेड सैंड बोआ को देवास से इंदौर बेचने आ रहे थे.

चार तस्कर गिरफ्तार
चार तस्कर गिरफ्तार
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Published : Sep 25, 2021, 3:27 AM IST

भोपाल : एसटीएफ (STF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वन्यजीव तस्करी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पांच दोमुंहा सांप (red sand boa snake) बरामद किए गए हैं. बरामद किए गये सांपों की कीमत पांच करोड़ से अधिक बताई जा रही है. तस्कर रेड सैंड बोआ को देवास से इंदौर बेचने आ रहे थे. बताया जाता है कि इनका उपयोग विभिन्न तरह की दवाइयों में किया जाता है. तांत्रिक क्रिया में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है.

पांच रेड सैंड बोआ प्रजाति के सांप बरामद
दरअसल, इंदौर एसटी को सूचना मिली थी कि कुछ युवक देवास जिले से इंदौर आकर सांप की तस्करी करने वाले हैं. मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को रोका और उनकी तलाशी ली. इन युवकों के पास से 5 रेड सैंड बोआ प्रजाति के सांप बरामद किए गए. आरोपियों ने बताया कि सांपों को जंगलों से पकड़ा था और महंगे दामों में बेचने की फिराक में घूम रहे थे.

पांच करोड़ के 'रेड सैंड बोआ' बरामद

इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
आरोपियों की पहचान, विष्णु पुत्र बच्चू मली, राहुल घावरी पुत्र कैलाश घाबरी, हरिओम पुत्र बाबूलाल हिरवा, दयाराम पुत्र सेकडिया भार्गव के रूप में की गई है. आरोपियों ने यह भी कबूला की इन सांपों की कीमत पांच करोड़ रुपए से अधिक की है.

किस काम में होता है रेड सैंड बोआ का प्रयोग
इन सांपों का उपयोग विभिन्न तरह की तांत्रिक क्रिया दवाई बनाने में किया जाता है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी होती है. फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं, आरोपियों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

पढ़ें - बिहार : अनोखे फैसले के चलते हुए पावरलेस हुए जज साहब

कहां पाये जाते हैं रेड सैंड बोआ
बता दें कि अधिकतर रेड सैंड बोआ बालू के अंदर पाए जाते हैं. यही कारण है कि इसका नाम सैंड बोआ है. यह सांप अपने सिर को छोड़कर बाकी हिस्सा बालू में छिपा लेता है. यह प्रजाति भारत समेत उत्तरी अमेरिका में मुख्य रूप से प्रशांत महासागर के तट पर पाई जाती है.

भोपाल : एसटीएफ (STF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वन्यजीव तस्करी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पांच दोमुंहा सांप (red sand boa snake) बरामद किए गए हैं. बरामद किए गये सांपों की कीमत पांच करोड़ से अधिक बताई जा रही है. तस्कर रेड सैंड बोआ को देवास से इंदौर बेचने आ रहे थे. बताया जाता है कि इनका उपयोग विभिन्न तरह की दवाइयों में किया जाता है. तांत्रिक क्रिया में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है.

पांच रेड सैंड बोआ प्रजाति के सांप बरामद
दरअसल, इंदौर एसटी को सूचना मिली थी कि कुछ युवक देवास जिले से इंदौर आकर सांप की तस्करी करने वाले हैं. मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को रोका और उनकी तलाशी ली. इन युवकों के पास से 5 रेड सैंड बोआ प्रजाति के सांप बरामद किए गए. आरोपियों ने बताया कि सांपों को जंगलों से पकड़ा था और महंगे दामों में बेचने की फिराक में घूम रहे थे.

पांच करोड़ के 'रेड सैंड बोआ' बरामद

इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
आरोपियों की पहचान, विष्णु पुत्र बच्चू मली, राहुल घावरी पुत्र कैलाश घाबरी, हरिओम पुत्र बाबूलाल हिरवा, दयाराम पुत्र सेकडिया भार्गव के रूप में की गई है. आरोपियों ने यह भी कबूला की इन सांपों की कीमत पांच करोड़ रुपए से अधिक की है.

किस काम में होता है रेड सैंड बोआ का प्रयोग
इन सांपों का उपयोग विभिन्न तरह की तांत्रिक क्रिया दवाई बनाने में किया जाता है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी होती है. फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं, आरोपियों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

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कहां पाये जाते हैं रेड सैंड बोआ
बता दें कि अधिकतर रेड सैंड बोआ बालू के अंदर पाए जाते हैं. यही कारण है कि इसका नाम सैंड बोआ है. यह सांप अपने सिर को छोड़कर बाकी हिस्सा बालू में छिपा लेता है. यह प्रजाति भारत समेत उत्तरी अमेरिका में मुख्य रूप से प्रशांत महासागर के तट पर पाई जाती है.

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