नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी में गहराते बिजली संकट के बीच केंद्रीय विद्युत सचिव ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम सचिव ने जानकारी दी है कि बवाना और प्रगति स्टेशनों को सभी आवश्यक मात्रा में गैस की आपूर्ति की जाएगी. इसके अलावा कोयला का स्टॉक बढ़ाने को कहा है.
विद्युत सचिव द्वारा कही गई बातें-
1. पेट्रोलियम सचिव ने जवाब दिया है कि बवाना और प्रगति स्टेशनों को सभी आवश्यक मात्रा में गैस की आपूर्ति की जाएगी.
2. एनटीपीसी को दादरी और जाज्जर स्टेशनों के लिए राष्ट्रीय औसत के बराबर कोयला स्टॉक बढ़ाने और पूरी उपलब्धता देने का निर्देश दिया गया है.
3. दिल्ली डिस्कॉम दादरी I से बिजली शेड्यूल नहीं कर रही हैं क्योंकि वे 25 साल बाद पीपीए से बाहर निकलना चाहती हैं, उन्हें पावर शेड्यूल करने की सलाह दी गई है.
दरअसल, दिल्ली अपनी बिजली आपूर्ति के लिए जिन पावर प्लांट पर निर्भर रहती है वहां कोयले की कमी है जिसके बाद राजधानी में बिजली संकट पैदा हो सकता है. इसी को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी थी. पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि अगस्त और सितंबर के बाद यह लगातार तीसरा महीना है, जब बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा है.
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केजरीवाल ने चिट्ठी में CIRC (केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग) द्वारा बनाए गए नियम का हवाला देते हुए कहा है कि प्लांट को 10 से 20 दिन का कोयला स्टॉक रखना होता है, लेकिन पांच पावर प्लांट के पास एक दिन से भी कम का कोयला बचा है, जिसका असर गैस स्टेशनों पर पड़ रहा है, गैस स्टेशनों पर दिल्ली को पॉवर सप्लाई करने की निर्भरता बढ़ गई है लेकिन दिल्ली के इन स्टेशनों पर पर्याप्त APM गैस नहीं है, जिससे इन्हें पूरी क्षमता के साथ चलाया जा सके. अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो दिल्ली में भीषण बिजली संकट पैदा हो सकता है.
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गौरतलब है कि दिल्ली बिजली आपूर्ति के लिए दिल्ली एनसीआर में बने कुल पांच कोल बेस्ड पावर स्टेशनों पर आश्रित है. इसमें एनटीपीसी दादरी, झज्जर और DVC में सिर्फ एक दिन का कोल स्टॉक बचा है. सिंगरौली में यह चार दिन का है तो वहीं मेजिया में कोल पूरी तरह खत्म हो चुका है. मांग की जा रही है कि आपूर्ति जल्दी हो ताकि दिल्लीवासियों को बिजली कटौती ना झेलनी पड़े.
अरविंद केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में रखी थीं ये मांगें -
1- दादरी और झज्जर पावर प्लांट को कोयले का भरपूर स्टॉक पहुंचाया जाए.
2- गैस से संचालित तीनों स्टेशनों बवाना, प्रगति 1 और GTPS को दिल्ली में पॉपर सप्लाई के लिये APM गैस दी जा सकती है. साथ ही पॉवर स्टेशनों में NAPM गैस पर्याप्त मात्रा में दी जाय.
3- अभी किसी भी स्लॉट में एक्सचेंज के जरिये बिजली बेचने का अधिकतम रेट 20 रुपये प्रति यूनिट है. वर्तमान बिजली संकट को देखते हुये पावर सप्लाई के रेट की कैपिंग की जाय, जिससे मुनाफाखोरी को कम किया जा सके.