हैदराबाद : प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान का मुख्य उद्देश्य समस्त राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 6 करोड़ व्यक्तियों को डिजिटल साक्षर बनाना है, साथ ही हर उपयुक्त परिवारों से एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर कर 40 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को इस योजना से जोड़ना है.
पूरे देश में न्यायसंगत भौगोलिक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए, 2.50 लाख ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक के लिए निर्धारित और निगरानी रखने वाले लक्ष्यों के साथ एक ग्राम पंचायत केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया गया है. योजना का कार्यान्वयन सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीएससी-एसपीवी) के माध्यम से किया जाता है.
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को कंप्यूटर चलाने या डिजिटल एक्सेस डिवाइसें (जैसे टैबलेट, स्मार्ट फोन आदि), ई-मेल भेजना और प्राप्त करना, इंटरनेट ब्राउज करना, सरकारी सेवाओं का उपयोग करना, सूचना के लिए खोज करना, डिजिटल भुगतान शुरू करना, आदि और इसलिए सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधित अनुप्रयोगों विशेषकर डिजिटल भुगतान राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाता है.
इस प्रकार इस योजना का उद्देश्य डिजिटल विभाजन को जोड़ने के लिए है, विशेषकर ग्रामीण आबादी लक्ष्य करते हुए, जिसमें अनुसूचित जाति (अजा)/अनुसूचित जनजाति (एसटी), गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल), महिलाएं, निःशक्तजनों और अल्पसंख्यकों जैसे समाज के हाशिये वाले वर्ग शामिल हैं.
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इसमें लगभग 4.21 करोड़ उम्मीदवारों को पंजीकृत किया गया है, लगभग 3.44 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2.51 से अधिक करोड़ उम्मीदवारों को आंकलन एजेंसियों द्वारा प्रमाणित किया गया है. 2014 में शिक्षा पर एनएसएसओ के 71 वें सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 6% ग्रामीण परिवारों और 29% शहरी परिवारों के पास एक कंप्यूटर है.
योजना के तहत पंजीकृत, प्रशिक्षित और प्रमाणित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश के उम्मीदवार इस प्रकार हैं.