नई दिल्ली : देश के 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने मई के लिए आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर गरीबों के बीच वितरण का कार्य शुरू कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, इस बार मई और जून में फिर से NFSA के 80 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुफ्त में पांच किलो अनाज (गेहूं-चावल) प्रति माह प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिया जा रहा है.
25 मार्च 2020 से अबतक अनाज फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत 1062 LMT खाद्यान्न जारी कर चुका है. अगर राशनकार्ड में पांच लोगों का नाम दर्ज है, तो सभी को 5-5 किलो यानी 25 किलो अनाज अतिरिक्त मिलेगा. यानी राशनकार्ड पर हर महीने 25 किलो अनाज मिलता है तो मई और जून में 50 किलो महीने के हिसाब से मिलेगा.
पिछले साल कुछ राज्य अपने कोटे के आधे अनाज भी नहीं उठा पाए और न वितरण कर पाए थे. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया था. क्योंकि, उठाव व वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है, लेकिन पिछली बार के मुकाबले इस बार तस्वीर बदली हुई है.
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बता दें कि, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, लक्ष्यद्वीप, पुडुचेरी, अरुणाचल प्रदेश ने मई और जून के लिए आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. अन्य 26 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों, जिन्होंने मई माह के लिए सम्पूर्ण अनाज का उठाव कर लिया है, वे हैं - अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, असम, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दमन दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल.
पांच राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने दो महीनों- मई और जून का FCI के गोदामों से उठा लिया है. अब तक FCI ने सभी 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त वितरण के लिए 48 LMT खाद्यान्न की आपूर्ति की है.
वर्तमान में केंद्रीय पूल में 892 LMT खाद्यान्न मौजूद हैं, जिनमें 295 LMT गेहूं और 597 LMT चावल है.
पिछले साल कोरोना संकट एवं नेशनल लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत पांच किलो चावल एवं गेहूं और एक किलो चना अलग से मुफ्त में दिया था. बिना राशन कार्ड वाले 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को भी मुफ्त राशन दिया गया था.