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ईटीवी भारत पर फादर स्टेन स्वामी का अंतिम इंटरव्यू, अपने ऊपर लगे आरोपों पर जानिए क्या कहा था

ईटीवी भारत ने फादर स्टेन स्वामी (Stan Swamy Last Interview) का अंतिम इंटरव्यू 29 जून को प्रकाशित किया था. तब अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर फादर स्टेन स्वामी ने बेबाक जवाब दिया था. ईटीवी भारत स्टेन स्वामी के अंतिम इंटरव्यू का वीडियो आपको फिर से दिखा रहा है.

फादर स्टेन स्वामी
फादर स्टेन स्वामी
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Published : Jul 6, 2021, 5:34 PM IST

रांची : भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी का निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई में 5 जुलाई 2021 को अंतिम सांस ली. ईटीवी भारत पर फादर स्टेन स्वामी का अंतिम इंटरव्यू 29 जून 2018 को प्रकाशित किया गया था. सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी के घर पर पुणे पुलिस ने छापेमारी की थी. उसके बाद स्टेन स्वामी ने ईटीवी भारत से अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी थी.

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त 2018 को रांची में स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी. इसके बाद ईटीवी भारत के संवाददाता प्रशांत कुमार से बातचीत के दौरान स्टेन स्वामी ने कहा था कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है. वह तो कभी कोरेगांव गए भी नहीं थे.

ये भी पढ़ें -स्टेन स्वामी की 'हिरासत में मौत' के खिलाफ गोवा कांग्रेस का प्रदर्शन आज

स्टेन स्वामी ने बताया था कि वह सुबह उठ कर जैसे ही दरवाजा खोले तो कुछ उस पुलिस वाले खड़े थे. उन्होंने कहा तलाशी के लिए आए हैं. सर्च वारंट मांगने पर उन्होंने मराठी का कोई दस्तावेज दिखाया. तलाशी के बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी मराठी में बनाई. स्टेन स्वामी ने ये भी कहा था कि उन्होंने रिपोर्ट का हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद करने का आग्रह किया लेकिन पुलिस वालों ने ऐसा करने से मना कर दिया.

फादर स्टेन स्वामी का 29 जून 2018 का इंटरव्यू

स्टेन स्वामी ने ये भी बताया था कि वह कभी कोरेगांव नहीं गए और उनका हिंसा करने वालों से कोई संपर्क नहीं था. हालांकि उन्होंने गिरफ्तार किए गए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत करना स्वीकार किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश को उन्होंने अखबार द्वारा मिसगाइड करना बताया. उन्होंने कहा था कि वह ऐसा सोच भी सकते हैं. उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की भी अपील की थी.

भीमा कोरेगांव हिंसा मामला

महाराष्ट्र में पुणे के पास भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने महार समुदाय की मदद से पेशवा की सेना को हराया था. इसे दलितों के शौर्य का प्रतीक मानकर हर साल उत्सव मनाया जाता है. साल 2018 में इस उत्सव के ठीक एक दिन पहले एल्गर परिषद ने रैली की थी. इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका तैयार करने के आरोप लगाए गए हैं.

रैली में कथित भड़काऊ भाषणों की वजह से 1 जनवरी 2018 को जातिगत हिंसा हुई थी.इस संगठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया था. भीमा कोरेगांव में हिंसा और अर्बन नक्सलियों के ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बनाने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जनवरी 2020 में केस टेकओवर किया था.

ये भी पढ़ें - पूर्वोत्तर बिशप संस्था ने स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जताया

फादर स्टेन स्वामी को एनआईए ने 8 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया था. एनआईए की टीम ने उन्हें रांची के नामकुम के बगइचा स्थित आवास से गिरफ्तार कर महाराष्ट्र लेकर गई थी. एनआईए की टीम छह अगस्त को भी दिल्ली से आई थी. तब लगभग तीन घंटे तक भीमा कोरेगांव केस के संबंध में फादर स्टेन से पूछताछ की गई थी. इससे पहले 12 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र पुलिस की आठ सदस्यीय टीम ने झारखंड के रांची में स्टेन स्वामी के घर पर छापा मारा था. पुलिस ने साढ़े तीन घंटों तक उनके कमरे की छानबीन की थी.

टीम ने उनके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम जब्त कर लिया गया था. उनसे उनके ईमेल और फेसबुक के पासवर्ड मांगकर पासवर्ड बदल दिए थे. दोनों अकाउंट जब्त भी कर लिए गए थे, ताकि डाटा की जांच की जा सके. इससे पहले 28 अगस्त 2018 को भी महाराष्ट्र पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी.

रांची : भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी का निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई में 5 जुलाई 2021 को अंतिम सांस ली. ईटीवी भारत पर फादर स्टेन स्वामी का अंतिम इंटरव्यू 29 जून 2018 को प्रकाशित किया गया था. सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी के घर पर पुणे पुलिस ने छापेमारी की थी. उसके बाद स्टेन स्वामी ने ईटीवी भारत से अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी थी.

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त 2018 को रांची में स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी. इसके बाद ईटीवी भारत के संवाददाता प्रशांत कुमार से बातचीत के दौरान स्टेन स्वामी ने कहा था कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है. वह तो कभी कोरेगांव गए भी नहीं थे.

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स्टेन स्वामी ने बताया था कि वह सुबह उठ कर जैसे ही दरवाजा खोले तो कुछ उस पुलिस वाले खड़े थे. उन्होंने कहा तलाशी के लिए आए हैं. सर्च वारंट मांगने पर उन्होंने मराठी का कोई दस्तावेज दिखाया. तलाशी के बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी मराठी में बनाई. स्टेन स्वामी ने ये भी कहा था कि उन्होंने रिपोर्ट का हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद करने का आग्रह किया लेकिन पुलिस वालों ने ऐसा करने से मना कर दिया.

फादर स्टेन स्वामी का 29 जून 2018 का इंटरव्यू

स्टेन स्वामी ने ये भी बताया था कि वह कभी कोरेगांव नहीं गए और उनका हिंसा करने वालों से कोई संपर्क नहीं था. हालांकि उन्होंने गिरफ्तार किए गए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत करना स्वीकार किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश को उन्होंने अखबार द्वारा मिसगाइड करना बताया. उन्होंने कहा था कि वह ऐसा सोच भी सकते हैं. उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की भी अपील की थी.

भीमा कोरेगांव हिंसा मामला

महाराष्ट्र में पुणे के पास भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने महार समुदाय की मदद से पेशवा की सेना को हराया था. इसे दलितों के शौर्य का प्रतीक मानकर हर साल उत्सव मनाया जाता है. साल 2018 में इस उत्सव के ठीक एक दिन पहले एल्गर परिषद ने रैली की थी. इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका तैयार करने के आरोप लगाए गए हैं.

रैली में कथित भड़काऊ भाषणों की वजह से 1 जनवरी 2018 को जातिगत हिंसा हुई थी.इस संगठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया था. भीमा कोरेगांव में हिंसा और अर्बन नक्सलियों के ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बनाने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जनवरी 2020 में केस टेकओवर किया था.

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फादर स्टेन स्वामी को एनआईए ने 8 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया था. एनआईए की टीम ने उन्हें रांची के नामकुम के बगइचा स्थित आवास से गिरफ्तार कर महाराष्ट्र लेकर गई थी. एनआईए की टीम छह अगस्त को भी दिल्ली से आई थी. तब लगभग तीन घंटे तक भीमा कोरेगांव केस के संबंध में फादर स्टेन से पूछताछ की गई थी. इससे पहले 12 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र पुलिस की आठ सदस्यीय टीम ने झारखंड के रांची में स्टेन स्वामी के घर पर छापा मारा था. पुलिस ने साढ़े तीन घंटों तक उनके कमरे की छानबीन की थी.

टीम ने उनके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम जब्त कर लिया गया था. उनसे उनके ईमेल और फेसबुक के पासवर्ड मांगकर पासवर्ड बदल दिए थे. दोनों अकाउंट जब्त भी कर लिए गए थे, ताकि डाटा की जांच की जा सके. इससे पहले 28 अगस्त 2018 को भी महाराष्ट्र पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी.

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