चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा ने हाल में राज्यपाल द्वारा लौटाए गए सभी 10 विधेयक शनिवार को पुन: पारित कर दिए. रवि ने 13 नवंबर को कानून, कृषि और उच्च शिक्षा सहित विभिन्न विभागों से संबंधित ये विधेयक लौटा दिए थे, जिसके मद्देनजर विधानसभा की आहूत की गई विशेष बैठक के दौरान सदन ने इन विधेयकों को पुन: पारित किया. मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया.
इससे पहले मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने पूर्व में पारित और राज्यपाल रवि द्वारा लौटाए गए 10 विधेयकों को पुनर्विचार के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. स्टालिन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि रवि ने बिना कोई कारण बताए विधेयक लौटा दिए थे. सदन ने वर्ष 2020 और 2023 में दो-दो विधेयकों को मंजूरी दी थी, जबकि छह अन्य विधेयक पिछले साल पारित किए गए थे.
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#UPDATE | Tamil Nadu Assembly re-adopted all the 10 Bills after discussion and now the Bills will again be sent to Tamil Nadu Governor RN Ravi for assent. https://t.co/pZ60C7alKI
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स्टालिन ने कहा कि सदन ने इस बात पर गौर किया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के प्रावधानों के तहत, यदि उपरोक्त विधेयकों को फिर से पारित किया जाता है और राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तो वह अपनी सहमति को रोक नहीं सकते. स्टालिन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि तमिलनाडु विधानसभा के नियम 143 के तहत सदन निम्नलिखित विधेयकों पर पुनर्विचार कर सकता है.
मुख्यमंत्री ने रवि पर भी तीखा हमला बोला. स्टालिन ने कहा, "उन्होंने अपनी मनमर्जी से विधेयक लौटा दिए...उन्हें मंजूरी न देना अलोकतांत्रिक और जनविरोधी है." उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यपालों के माध्यम से गैर-भाजपा शासित राज्यों को निशाना बना रही है.