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श्रीलंका ईंधन संकट : इन भारतीय एयरपोर्ट पर भरा जा रहा श्रीलंकाई विमानों में फ्यूल

गंभीर आर्थिक और ईंधन संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत हर तरह से मदद कर रहा है (Sri Lankan fuel crisis). वहां ईंधन न होने से उड़ानों पर असर पड़ा है. श्रीलंका के विमानन उद्योग को मदद करने के लिए भारत ने तिरुवनंतपुरम और कोच्चि एयरपोर्ट पर ईंधन भरने की सुविधा उपलब्ध कराई है.

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भारतीय एयरपोर्ट पर भरा जा रहा फ्यूल
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Published : Jul 12, 2022, 6:02 PM IST

Updated : Jul 12, 2022, 6:11 PM IST

तिरुवनंतपुरम: श्रीलंका वित्तीय संकट से जूझ रहा है. विमान संचालन के लिए उसके पास ईंधन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में तिरुवनंतपुरम और कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे श्रीलंका में बीमार विमानन उद्योग की मदद के लिए आगे आए हैं. तिरुवनंतपुरम और कोच्चि हवाई अड्डा कोलंबो के निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं. इन दोनों एयरपोर्ट ने कोलंबो से अन्य देशों के लिए उड़ान सेवाओं के लिए तकनीकी लैंडिंग की सुविधा प्रदान की है और अब इन उड़ानों को ईंधन भरने में मदद कर रहे हैं. अब तक 90 उड़ानें तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर ईंधन भर चुकी हैं. इनमें से श्रीलंकाई एयरलाइंस की 61 और अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों की 29 फ्लाइट हैं.

कोलंबो से फ्रैंकफर्ट, कोलंबो से पेरिस और कोलंबो से मेलबर्न के लिए श्रीलंकाई एयरलाइंस की उड़ानें तिरुवनंतपुरम से ईंधन भर रही हैं. इसके अलावा, फ्लाई दुबई, एयर अरबिया, गल्फ एअर और ओमान एअर की उड़ानें भी तिरुवनंतपुरम से ईंधन भर रही हैं.

हवाई अड्डे को मिल रहा राजस्व : ईंधन भरने के लिए प्रति तकनीकी लैंडिंग 1 लाख रुपये राजस्व मिल रहा है. हालांकि, अडाणी हवाईअड्डे के अधिकारियों ने कहा कि यह सुविधा हमारे पड़ोसी देश की मदद के रूप में पेश की गई है जो बहुत संकट में है. उन्होंने कहा कि यह वाणिज्यिक हित नहीं है, बल्कि पड़ोसी राष्ट्र के प्रति एक सामाजिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम को श्रीलंका की उड़ानों के लिए विमानन टरबाइन ईंधन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया था.

केरल राज्य सरकार को भी इन हवाई अड्डों पर ईंधन भरने की लागत से 5 प्रतिशत का टैक्स मिलता है. हवाईअड्डे के अधिकारियों ने कहा कि उड़ानें दोपहर 12 बजे से सुबह 5 बजे के बीच व्यस्त यातायात समय के दौरान ईंधन भरने के लिए आती हैं. हालांकि, लैंडिंग और ईंधन भरने के लिए श्रीलंका से उड़ानों को प्राथमिकता देने के लिए विशेष ध्यान रखा गया है. कोलंबो और तिरुवनंतपुरम के बीच का हवाई समय सिर्फ 20 मिनट है. ऐसे में इन उड़ानों के लिए तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर चालक दल को बदलने की सुविधा भी प्रदान की जाती है.

तकनीकी लैंडिंग शुल्क में 25 प्रतिशत की कमी : कोच्चि में पिछले सप्ताह जून से 11 जुलाई तक 30 उड़ानों ने ईंधन भरने के लिए तकनीकी लैंडिंग की थी. पिछले तीन दिनों में अकेले कोलंबो से 9 उड़ानें कोच्चि में उतरीं और 4.75 लाख लीटर ईंधन भरा. अधिक उड़ानों को आकर्षित करने के लिए कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) ने अपने तकनीकी लैंडिंग शुल्क में 25 प्रतिशत की कमी की है.

सीआईएएल के एमडी एस सुहास (आईएएस) ने ईटीवी भारत को बताया, 'अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कंपनियों ने ईंधन भरने के अनुरोध के साथ हमसे संपर्क किया. हमने अपने दैनिक कार्यों को प्रभावित किए बिना ईंधन भरने के लिए और अधिक उड़ानों के लिए सुविधाएं प्रदान की हैं. एतिहाद एयरवेज ने 14 जुलाई से 20 अगस्त तक कोच्चि में ईंधन भरने की सुविधा के लिए अनुरोध किया है. सीआईएएल में ईंधन हाइड्रेंट सुविधा और एप्रन प्रबंधन के विकास ने कोच्चि हवाई अड्डे के लिए नए अवसर खोले हैं.

पढ़ें- श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे 13 जुलाई को देंगे इस्तीफा, आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री को दी जानकारी

तिरुवनंतपुरम: श्रीलंका वित्तीय संकट से जूझ रहा है. विमान संचालन के लिए उसके पास ईंधन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में तिरुवनंतपुरम और कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे श्रीलंका में बीमार विमानन उद्योग की मदद के लिए आगे आए हैं. तिरुवनंतपुरम और कोच्चि हवाई अड्डा कोलंबो के निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं. इन दोनों एयरपोर्ट ने कोलंबो से अन्य देशों के लिए उड़ान सेवाओं के लिए तकनीकी लैंडिंग की सुविधा प्रदान की है और अब इन उड़ानों को ईंधन भरने में मदद कर रहे हैं. अब तक 90 उड़ानें तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर ईंधन भर चुकी हैं. इनमें से श्रीलंकाई एयरलाइंस की 61 और अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों की 29 फ्लाइट हैं.

कोलंबो से फ्रैंकफर्ट, कोलंबो से पेरिस और कोलंबो से मेलबर्न के लिए श्रीलंकाई एयरलाइंस की उड़ानें तिरुवनंतपुरम से ईंधन भर रही हैं. इसके अलावा, फ्लाई दुबई, एयर अरबिया, गल्फ एअर और ओमान एअर की उड़ानें भी तिरुवनंतपुरम से ईंधन भर रही हैं.

हवाई अड्डे को मिल रहा राजस्व : ईंधन भरने के लिए प्रति तकनीकी लैंडिंग 1 लाख रुपये राजस्व मिल रहा है. हालांकि, अडाणी हवाईअड्डे के अधिकारियों ने कहा कि यह सुविधा हमारे पड़ोसी देश की मदद के रूप में पेश की गई है जो बहुत संकट में है. उन्होंने कहा कि यह वाणिज्यिक हित नहीं है, बल्कि पड़ोसी राष्ट्र के प्रति एक सामाजिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम को श्रीलंका की उड़ानों के लिए विमानन टरबाइन ईंधन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया था.

केरल राज्य सरकार को भी इन हवाई अड्डों पर ईंधन भरने की लागत से 5 प्रतिशत का टैक्स मिलता है. हवाईअड्डे के अधिकारियों ने कहा कि उड़ानें दोपहर 12 बजे से सुबह 5 बजे के बीच व्यस्त यातायात समय के दौरान ईंधन भरने के लिए आती हैं. हालांकि, लैंडिंग और ईंधन भरने के लिए श्रीलंका से उड़ानों को प्राथमिकता देने के लिए विशेष ध्यान रखा गया है. कोलंबो और तिरुवनंतपुरम के बीच का हवाई समय सिर्फ 20 मिनट है. ऐसे में इन उड़ानों के लिए तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर चालक दल को बदलने की सुविधा भी प्रदान की जाती है.

तकनीकी लैंडिंग शुल्क में 25 प्रतिशत की कमी : कोच्चि में पिछले सप्ताह जून से 11 जुलाई तक 30 उड़ानों ने ईंधन भरने के लिए तकनीकी लैंडिंग की थी. पिछले तीन दिनों में अकेले कोलंबो से 9 उड़ानें कोच्चि में उतरीं और 4.75 लाख लीटर ईंधन भरा. अधिक उड़ानों को आकर्षित करने के लिए कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) ने अपने तकनीकी लैंडिंग शुल्क में 25 प्रतिशत की कमी की है.

सीआईएएल के एमडी एस सुहास (आईएएस) ने ईटीवी भारत को बताया, 'अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कंपनियों ने ईंधन भरने के अनुरोध के साथ हमसे संपर्क किया. हमने अपने दैनिक कार्यों को प्रभावित किए बिना ईंधन भरने के लिए और अधिक उड़ानों के लिए सुविधाएं प्रदान की हैं. एतिहाद एयरवेज ने 14 जुलाई से 20 अगस्त तक कोच्चि में ईंधन भरने की सुविधा के लिए अनुरोध किया है. सीआईएएल में ईंधन हाइड्रेंट सुविधा और एप्रन प्रबंधन के विकास ने कोच्चि हवाई अड्डे के लिए नए अवसर खोले हैं.

पढ़ें- श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे 13 जुलाई को देंगे इस्तीफा, आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री को दी जानकारी

Last Updated : Jul 12, 2022, 6:11 PM IST
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