मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर हिंदू सेना संगठन अध्यक्ष विष्णु गुप्ता वादी की याचिका पर सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने 29 मार्च को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने का आदेश जारी किया. शुक्रवार को आदेश की कॉपी जारी होने के बाद प्रतिवादी गणों में हड़कंप मच गया. मुस्लिम पक्ष और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड अधिवक्ता अपनी-अपनी आपत्ति दस्तावेज न्यायालय में कुछ ही देर में दाखिल करेंगे.
सर्वे का आदेश जारी: श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी कोर्ट ने सरकारी अमीन के द्वारा विवादित स्थल के सर्वे के आदेश जारी किए हैं. उसी को लेकर प्रतिवादी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में कुछ ही देर में अपनी अपनी आपत्ति दस्तावेज दाखिल करेंगे.
हिंदू सेना संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने पिछले वर्ष न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की गई थी की विवादित स्थान जोकि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़ कर अवैध शाही मस्जिद का निर्माण किया था. उस स्थान का सर्वे सरकारी अमीन के द्वारा कराना चाहिए. रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए. वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने न्यायालय सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में अहम तथ्य को रखा था. तभी 8 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराकर आख्या मांगने के आदेश किए थे. प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने अभी तक कोर्ट में कोई आपत्ति दाखिल नहीं की थी. उसी का फायदा उठाते हुए वादी अधिवक्ता ने शुक्रवार को एफटीसी कोर्ट में पिछले आदेश को पुनः अमल में लाने का अनुरोध किया है. शुक्रवार को न्यायालय द्वारा आदेश की कॉपी जारी कर दी गई.
अधिवक्ता के मुताबिक विवादित ईदगाह श्री कृष्ण जन्म स्थान का भाग है. ईदगाह की कुल संपत्ति का खेवट नंबर 255 खसरा संख्या 825 है, जिसमें ईदगाह शामिल है. उसका रकबा 13.37 एकड़ राजस्व अभिलेख श्रीकृष्ण जन्म स्थान संपत्ति मलकियत के रूप में दर्ज है. प्रॉपर्टी हाल में मंदिर और ईदगाह नगर पालिका, अब नगर निगम की सीमा के अंदर है. नगर निगम के रिकॉर्ड में संपत्ति श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की अंकित चली आ रही है. ईदगाह के पास मलकियत से सम्बंधित कोई दस्तावेज नहीं हैं और न हीं कोर्ट में कोई दस्तावेज जमा कराए गये हैं.
क्या है मौजूदा स्थिति: श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है. पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
अधिवक्ता नीरज शर्मा ने बताया न्यायालय में वादी द्वारा तथ्यों को छिपाकर एक तरफा आदेश जारी कराया है. उसी को लेकर हम लोग अपनी अपनी आपत्ति दस्तावेज न्यायालय में दाखिल करेंगे. हम चाहते थे कि पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई होनी चाहिए. कोर्ट में यह डिसाइड हो कि वाद चलने लायक है या नहीं. न्यायालय के आदेश को लेकर हम अपर कोर्ट में आदेश को चैलेंज करेंगे.
श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण, अमीन से विवादित जमीन का सर्वे कराने का आदेश
श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण (Sri Krishna Janmabhoomi row) को लेकर गुरुवार को अदालत ने विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने के आदेश दिया.
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर हिंदू सेना संगठन अध्यक्ष विष्णु गुप्ता वादी की याचिका पर सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने 29 मार्च को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने का आदेश जारी किया. शुक्रवार को आदेश की कॉपी जारी होने के बाद प्रतिवादी गणों में हड़कंप मच गया. मुस्लिम पक्ष और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड अधिवक्ता अपनी-अपनी आपत्ति दस्तावेज न्यायालय में कुछ ही देर में दाखिल करेंगे.
सर्वे का आदेश जारी: श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी कोर्ट ने सरकारी अमीन के द्वारा विवादित स्थल के सर्वे के आदेश जारी किए हैं. उसी को लेकर प्रतिवादी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में कुछ ही देर में अपनी अपनी आपत्ति दस्तावेज दाखिल करेंगे.
हिंदू सेना संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने पिछले वर्ष न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की गई थी की विवादित स्थान जोकि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़ कर अवैध शाही मस्जिद का निर्माण किया था. उस स्थान का सर्वे सरकारी अमीन के द्वारा कराना चाहिए. रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए. वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने न्यायालय सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में अहम तथ्य को रखा था. तभी 8 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराकर आख्या मांगने के आदेश किए थे. प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने अभी तक कोर्ट में कोई आपत्ति दाखिल नहीं की थी. उसी का फायदा उठाते हुए वादी अधिवक्ता ने शुक्रवार को एफटीसी कोर्ट में पिछले आदेश को पुनः अमल में लाने का अनुरोध किया है. शुक्रवार को न्यायालय द्वारा आदेश की कॉपी जारी कर दी गई.
अधिवक्ता के मुताबिक विवादित ईदगाह श्री कृष्ण जन्म स्थान का भाग है. ईदगाह की कुल संपत्ति का खेवट नंबर 255 खसरा संख्या 825 है, जिसमें ईदगाह शामिल है. उसका रकबा 13.37 एकड़ राजस्व अभिलेख श्रीकृष्ण जन्म स्थान संपत्ति मलकियत के रूप में दर्ज है. प्रॉपर्टी हाल में मंदिर और ईदगाह नगर पालिका, अब नगर निगम की सीमा के अंदर है. नगर निगम के रिकॉर्ड में संपत्ति श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की अंकित चली आ रही है. ईदगाह के पास मलकियत से सम्बंधित कोई दस्तावेज नहीं हैं और न हीं कोर्ट में कोई दस्तावेज जमा कराए गये हैं.
क्या है मौजूदा स्थिति: श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है. पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
अधिवक्ता नीरज शर्मा ने बताया न्यायालय में वादी द्वारा तथ्यों को छिपाकर एक तरफा आदेश जारी कराया है. उसी को लेकर हम लोग अपनी अपनी आपत्ति दस्तावेज न्यायालय में दाखिल करेंगे. हम चाहते थे कि पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई होनी चाहिए. कोर्ट में यह डिसाइड हो कि वाद चलने लायक है या नहीं. न्यायालय के आदेश को लेकर हम अपर कोर्ट में आदेश को चैलेंज करेंगे.