नई दिल्ली : डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कुछ शर्तों के साथ जांच, परीक्षण और विश्लेषण के लिए भारत में स्पूतनिक कोविड-19 वैक्सीन बनाने की अनुमति दे दी है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
इससे पहले बीते तीन जून को कोविड वैक्सीन- Covishield का निर्माण कर रही कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने स्पूतनिक V के निर्माण की इजाजत के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से इजाजत मांगी थी.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने हडपसर केंद्र में स्पूतनिक वी बनाने के लिए मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के साथ गठजोड़ किया है.
एसआईआई ने 18 मई को जैव प्रौद्योगिकी विभाग की 'जेनेटिक मैनीपुलेशन रिव्यू कमेटी' (आरसीजीएम) को आवेदन देकर अनुसंधान एवं विकास कार्य करने के लिए स्ट्रेन या कोशिका बैंक का आयात करने की अनुमति मांगी थी.
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आरसीजीएम ने एसआईआई के आवेदन के संबंध में कुछ सवाल किए थे. पुणे स्थित कंपनी एवं गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के बीच सामग्री हस्तांतरण संबंधी समझौते की प्रति मांगी थी.
अभी तक डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज भारत में रूस के स्पूतनिक वी टीके का उत्पादन कर रही थी.
एसआईआई पहले ही सरकार को बता चुका है कि वह जून में 10 करोड़ कोविशील्ड खुराकों का उत्पादन और आपूर्ति करेगा. वह नोवावैक्स टीका भी बना रहा है. नोवावैक्स के लिए अमेरिका से नियामक संबंधी मंजूरी अभी नहीं मिली है.
डीसीजीआई ने अप्रैल में इसके आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी.
स्पूतनिक वी की 30 लाख खुराक की खेप मंगलवार को हैदराबाद पहुंची थी.