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The joint Russian-Italian study: स्पूतनिक की दो खुराक फाइजर टीके की तुलना में ओमीक्रोन के खिलाफ असरदार

शोधकर्ताओं ने कहा कि एक टीके की दूसरी खुराक के तीन से छह महीने बाद लिए गए नमूनों से पता चला है कि स्पुतनिक वी की दो खुराक लेने वालों में एंटीबॉडी का स्तर फाइजर के टीकाकरण की तुलना में ओमाइक्रोन के प्रति अधिक प्रतिरोधी था. इसमें 51 लोगों को स्पुतनिक वी और 17 को फाइजर वैक्सीन की दो खुराक के बाद टीका लगाया गया था.

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Published : Jan 20, 2022, 10:21 PM IST

नई दिल्ली : एक अध्ययन में पाया गया है कि स्पूतनिक-वी (Sputnik V) की दो खुराकें कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप को बेअसर करने में फाइजर वैक्सीन की दो खुराक की तुलना में दोगुना प्रभावी है. गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund) ने यह जानकारी दी. स्पूतनिक-वी और फाइजर के टीके लगाए गए व्यक्तियों प्राप्त किये गए सीरम का तुलनात्मक अध्ययन इटालियन स्पैलनज़ानी संस्थान में किया गया था.

गामालेया सेंटर (Gamaleya Institute in Moscow) और स्पैलनज़ानी इंस्टीट्यूट (Spallanzani Institute in Italy) के संयुक्त अध्ययन ने दिसंबर 2021 में अलग-अलग प्रकाशित अध्ययनों में प्राप्त परिणामों की पुष्टि की है. गामालेया सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने एक बयान में कहा कि ठोस वैज्ञानिक डेटा साबित करते हैं कि स्पूतनिक-वी में ओमीक्रोन स्वरूप को बेअसर करने की क्षमता अन्य टीकों की तुलना में अधिक है और यह टीका इस नए संक्रामक स्वरूप के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाएगा.

टीकों की कम प्रभावशीलता को ठीक करने में मिलेगी मदद
अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, गामालेया सेंटर और आरडीआईएफ ने कहा कि मिक्स एंड मैच दृष्टिकोण के तहत स्पूतनिक लाइट से ओमीक्रोन स्वरूप के साथ-साथ कोविड-19 के खिलाफ एमआरएनए टीकों की कम प्रभावशीलता को ठीक करने में मदद मिल सकती है. स्पूतनिक वी टीके को गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआईएफ द्वारा विकसित किया गया है.

नई दिल्ली : एक अध्ययन में पाया गया है कि स्पूतनिक-वी (Sputnik V) की दो खुराकें कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप को बेअसर करने में फाइजर वैक्सीन की दो खुराक की तुलना में दोगुना प्रभावी है. गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund) ने यह जानकारी दी. स्पूतनिक-वी और फाइजर के टीके लगाए गए व्यक्तियों प्राप्त किये गए सीरम का तुलनात्मक अध्ययन इटालियन स्पैलनज़ानी संस्थान में किया गया था.

गामालेया सेंटर (Gamaleya Institute in Moscow) और स्पैलनज़ानी इंस्टीट्यूट (Spallanzani Institute in Italy) के संयुक्त अध्ययन ने दिसंबर 2021 में अलग-अलग प्रकाशित अध्ययनों में प्राप्त परिणामों की पुष्टि की है. गामालेया सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने एक बयान में कहा कि ठोस वैज्ञानिक डेटा साबित करते हैं कि स्पूतनिक-वी में ओमीक्रोन स्वरूप को बेअसर करने की क्षमता अन्य टीकों की तुलना में अधिक है और यह टीका इस नए संक्रामक स्वरूप के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाएगा.

टीकों की कम प्रभावशीलता को ठीक करने में मिलेगी मदद
अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, गामालेया सेंटर और आरडीआईएफ ने कहा कि मिक्स एंड मैच दृष्टिकोण के तहत स्पूतनिक लाइट से ओमीक्रोन स्वरूप के साथ-साथ कोविड-19 के खिलाफ एमआरएनए टीकों की कम प्रभावशीलता को ठीक करने में मदद मिल सकती है. स्पूतनिक वी टीके को गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआईएफ द्वारा विकसित किया गया है.

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(पीटीआई)

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