नई दिल्ली : एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट को अपने प्रवर्तक अजय सिंह (SpiceJet promoter Ajay Singh) से 500 करोड़ रुपये का वित्त पोषण मिला है. इस कदम से तमाम अड़चनों के बीच एयरलाइन को अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी. स्पाइसजेट ने बुधवार को बयान में कहा कि ताजा इक्विटी निवेश से उसे आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 206 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कर्ज सुविधा लेने में मदद मिलेगी.
स्पाइसजेट के निदेशक मंडल ने बुधवार को नई पूंजी जुटाने के विकल्पों पर विचार किया. बयान में कहा गया है कि कंपनी के प्रवर्तक वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए 500 करोड़ रुपये के वित्तपोषण की पेशकश की है. सिंह स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक हैं. उन्होंने कहा, 'स्पाइसजेट का भविष्य काफी उज्ज्वल है और मैं इसे पूरी क्षमता हासिल करने में मदद देने को प्रतिबद्ध हूं.'
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SpiceJet announces that the airline's promoter, Ajay Singh has decided to infuse Rs 500 crores into the company by way of subscribing fresh equity shares and/or convertible instruments. pic.twitter.com/g8L3wZdvY6
— ANI (@ANI) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बता दें कि इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने शेयर हस्तांतरण विवाद में किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट को झटका देते हुए उसे मध्यस्थता के निर्णय के तहत मीडिया दिग्गज कलानिधि मारन और उनकी केएएल एयरवेज को 578 करोड़ रुपये के भुगतान की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया था और कहा कि ये लक्जरी (कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वाले) मुकदमे हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने समय बढ़ाने से इनकार करते हुए गत एक जून को स्पाइसजेट को 75 करोड़ रुपये तत्काल जमा करने का निर्देश दिया था, जिसे मारन और उनकी एयरवेज कंपनी को मध्यस्थता राशि पर ब्याज के रूप में भुगतान किया जाना था.
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि यदि स्पाइसजेट एयरलाइंस मध्यस्थता निर्णय के तहत निर्धारित राशि पर ब्याज के 75 करोड़ रुपये का भुगतान 13 मई तक करने में विफल रही तो स्पाइसजेट द्वारा मारन और उनकी कंपनी को दी गई 270 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को तुरंत भुना लिया जाना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने इसजेट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की जोरदार दलीलों को स्वीकार नहीं किया और समय बढ़ाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पंचाट-निर्णित राशि अब निष्पादन योग्य हो गयी है.
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(पीटीआई-भाषा)