नई दिल्ली : प्रधानमंत्री के काफिले में सुरक्षा उल्लंघन (Security breach in PM's convoy) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और पंजाब सरकार के बीच चल रही लड़ाई के बीच पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई (Former Union Home Secretary GK Pillai) ने ईटीवी भारत को बताया कि इसके लिए एसपीजी और आईबी भी जिम्मेदार (SPG and IB are also responsible) हैं.
पिल्लई ने कहा कि सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी न केवल पंजाब पुलिस बल्कि एसपीजी और आईबी की भी होती है. आईबी और एसपीजी ही हैं जो प्रधानमंत्री के लिए अंतिम निर्णय लेते हैं. पिल्लई के बयान से एसपीजी और आईबी के फिर से सुर्खियों में आने की संभावना है क्योंकि प्रधानमंत्री की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दोनों एजेंसी जिम्मेदार हैं.
अब तक पीएम की सुरक्षा में सेंध लगने की जिम्मेदारी पंजाब पुलिस पर ही डाली जाती रही है. पिल्लई ने कहा कि ब्लू बुक मैनुअल (Blue Book Manual) में पीएम के लिए बहुत विशिष्ट नियम निर्धारित किए गए हैं. यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है जिसके लिए एसपीजी भी जिम्मेदार है. आईबी को भी पता होना चाहिए था कि विरोध चल रहा है.
उन्होंने कहा कि आईबी को स्थिति पर कड़ी नजर रखनी चाहिए थी क्योंकि वे ही हैं जो पीएम को सड़क मार्ग से जाने की मंजूरी देते हैं. पिल्लई ने कहा कि आईबी की मंजूरी के बिना पीएम की कार को आगे नहीं बढ़ना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग से और बिना किसी गड़बड़ी के सौ किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करना संभव नहीं है क्योंकि इतने चौराहे होते हैं लोग किसी भी स्थान पर सड़क पर आ सकते हैं. यह जवाब देते हुए कि चल रही जांच से तस्वीर साफ हो सकती है कि क्या गलत हुआ?
पिल्लई ने कहा कि पंजाब पुलिस की ओर से स्पष्ट रूप से खामियां थीं. उन्होंने कहा कि मुझे इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह लगी कि प्रधानमंत्री की कार के आगे दो पायलट कार हैं जो पीएम की कार से आगे चलती हैं. पायलट कार जो एक किलोमीटर आगे चल रही थी, उसे नाकाबंदी के बारे में सूचित करना चाहिए था ताकि पीएम के काफिले को रोका जा सके.
पूर्व गृह सचिव ने इस बात पर हैरानी जताई कि पीएम की गाड़ी 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकी रही. पिल्लई ने कहा कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है जिसके लिए एसपीजी जिम्मेदार है क्योंकि जब सड़क अवरुद्ध होती है, तो 30 सेकंड या एक मिनट में पीएम की कार को पलटकर वापस जाना चाहिए था.
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पिल्लई ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ब्योरा क्या था. हालांकि प्रथम दृष्टया सबूत बताते हैं कि पंजाब पुलिस, एसपीजी और आईबी सभी जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री के दौरे दौरान अन्य आकस्मिक योजना होनी चाहिए थी. इस मामले में यह वास्तव में चौंकाने वाला है कि ऐसी कोई आकस्मिक योजना नहीं थी, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री लंबे समय तक फ्लाई ओवर पर फंसे रहे.