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राजस्थान : गलता पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण, महाराजा सवाई जयसिंह से जुड़ा है इतिहास

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Published : Jan 6, 2023, 9:31 PM IST

राजस्थान की राजधानी जयपुर में गलता पहाड़ियों पर स्थित भगवान सूर्यनारायण मंदिर (Sun Temple on Galta Hills in Jaipur) वर्षों से पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यह एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है जिस पर उगते सूरज की पहली किरण पड़ती है. खास ये है कि मंदिर में भगवान सूर्य नारायण अपनी पत्नी रोहिणी के साथ विराजमान हैं.

Sun Temple on Galta Hills in Jaipur
Sun Temple on Galta Hills in Jaipur
भगवान सूर्यनारायण का अनोखा मंदिर

जयपुर. छोटी काशी की गलता पहाड़ियों पर स्थित सूर्य मंदिर (Sun Temple on Galta Hills in Jaipur) अपने आप में अद्भुत है. ये देश का एकमात्र सूर्य मंदिर है जिसपर उगते सूर्य की पहली किरण पड़ती है. जयपुर की बसावट के दौरान महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अश्वमेध यज्ञ के बाद भगवान सूर्य को यहां विराजमान कराया था. पूर्व दिशा में स्थित इस दक्षिणमुखी मंदिर में भगवान सूर्य नारायण अपनी पत्नी रोहिणी के साथ विराजमान हैं.

जयपुरवासी आज भी मकर सक्रांति पर गलता कुंड में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य की उपासना कर दान-पुण्य शुरू करते हैं. सूर्य भगवान का ये मंदिर गलताजी की पहाड़ी पर स्थित है. ये मंदिर गलताजी धाम की ओर जाने वाले पैदल मार्ग के रास्ते में आता है. पहाड़ी पर स्थित ये मंदिर पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की ओर से संरक्षित स्मारक है.

पढ़ें. राजस्थानः खुदाई में मिली प्राचीन मूर्तियां हजार वर्ष पुरानी निकलीं, पहली बार भरतपुर में मिली भगवान लकुलीश की प्रतिमा

सवाई जयसिंह द्वितीय से जुड़ा हैं मंदिर का इतिहास
इतिहासकार देवेंद्र कुमार भगत बताते हैं कि सूर्य मंदिर का इतिहास सवाई जयसिंह द्वितीय से जुड़ा हुआ है. महाराजा सवाई जयसिंह ने यहां अश्वमेध यज्ञ कराया था और उस दौरान जयपुर के पंच देवताओं में शामिल सूर्य की उपासना के लिए एक मूर्ति स्थापित (Sun Temple was built by Maharaja Sawai Jai Singh) की गई थी. यज्ञ सम्पन्न होने के बाद भगवान सूर्य की इस प्रतिमा को गलता पहाड़ियों पर मंदिर बनवाकर स्थापित कराया गया था. यहां सवाई जयसिंह ने रघुनाथगढ़ किला भी बनवाया था. मान्यता ऐसी है कि सूर्यवंशी होने के नाते जयपुर राजपरिवार हमेशा से सूर्य भगवान की उपासना करता रहा है. उन्होंने बताया कि सूर्य के साथ यहां उनकी पत्नी रोहिणी, सौर परिवार, सूर्य के सप्त अश्व के विग्रह भी स्थापित हैं. यहां स्थित भगवान सूर्य का पालना आज भी सूर्य सप्तमी पर निकलने वाली शोभायात्रा के दौरान सूर्य मंदिर से बड़ी चौपड़ तक लाया जाता है.

Sun Temple on Galta Hills in Jaipur
गलता पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण...

पढ़ें. सांवलिया सेठ के भंडार से निकले सवा करोड़, दानराशि पहुंची 7 करोड़ के पार

इतिहासकार ने बताया कि मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. चूंकि गलता तीर्थ है इस नाते मकर सक्रांति पर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार लोग स्नान करने पहुंचते हैं. श्रद्धालु गलता कुंड में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और यहीं से दान-पुण्य का दौर भी शुरू होता है. यहां पंगत बिठाकर गरीबों को भोजन कराने की भी परंपरा है. यहां भगवान सूर्य की पूजा और हवन आदि भी कराए जाते रहे हैं.

इतिहासकार देवेंद्र ने बताया कि सूर्य का उदय पूर्व में होता है और गलता तीर्थ भी पूर्व दिशा में है. इसी वजह से यहां उगते सूर्य की पहली किरण पड़ती है. मार्च में सूर्य किरण यहां मौजूद सूर्य भगवान के पालने पर सीधी पड़ती है. वास्तु के नजरिए से भी ये मंदिर अनोखा है. सूर्य मंदिर न केवल आध्यात्मिक, धार्मिक और दर्शनीय स्थल है बल्कि जयपुर का सूर्योदय और सूर्यास्त बिंदु भी है. खास बात ये भी है कि जयपुर में सूरज की पहली और आखिरी 90 अंश की किरण भी इसी मंदिर पर पड़ती है.

Sun Temple on Galta Hills in Jaipur
सूर्य मंदिर में श्रद्धालु

नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है सूर्य की किरणें
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूरज की पहली किरण जहां भी पृथ्वी पर पड़ती है वहां नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं. इसके साथ ही यह सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करती हैं. खास बात ये है कि सूर्य की किरण जब शरीर पर पड़ती है तो उससे आदित्य योग का निर्माण होता है. ये योग मनुष्य की आत्म शक्ति को बढ़ाने वाला होता है. वहीं मेडिकल साइंस के अनुसार सूर्य की किरणों में विटामिन D पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है जो शरीर व हड्डियों को मजबूत करने में लाभदायक होता है. इसके अलावा यह त्वचा की एलर्जी को भी खत्म करता है.

दूर-दूर से आते हैं भक्त: मकर सक्रांति और सूर्य सप्तमी के अलावा प्रत्येक रविवार को दूर-दूर से भक्त मंदिर में भगवान सूर्य के दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर से जयपुर शहर का विहंगम दृश्य भी नजर आता है. यही वजह है कि इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं.

भगवान सूर्यनारायण का अनोखा मंदिर

जयपुर. छोटी काशी की गलता पहाड़ियों पर स्थित सूर्य मंदिर (Sun Temple on Galta Hills in Jaipur) अपने आप में अद्भुत है. ये देश का एकमात्र सूर्य मंदिर है जिसपर उगते सूर्य की पहली किरण पड़ती है. जयपुर की बसावट के दौरान महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अश्वमेध यज्ञ के बाद भगवान सूर्य को यहां विराजमान कराया था. पूर्व दिशा में स्थित इस दक्षिणमुखी मंदिर में भगवान सूर्य नारायण अपनी पत्नी रोहिणी के साथ विराजमान हैं.

जयपुरवासी आज भी मकर सक्रांति पर गलता कुंड में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य की उपासना कर दान-पुण्य शुरू करते हैं. सूर्य भगवान का ये मंदिर गलताजी की पहाड़ी पर स्थित है. ये मंदिर गलताजी धाम की ओर जाने वाले पैदल मार्ग के रास्ते में आता है. पहाड़ी पर स्थित ये मंदिर पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की ओर से संरक्षित स्मारक है.

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सवाई जयसिंह द्वितीय से जुड़ा हैं मंदिर का इतिहास
इतिहासकार देवेंद्र कुमार भगत बताते हैं कि सूर्य मंदिर का इतिहास सवाई जयसिंह द्वितीय से जुड़ा हुआ है. महाराजा सवाई जयसिंह ने यहां अश्वमेध यज्ञ कराया था और उस दौरान जयपुर के पंच देवताओं में शामिल सूर्य की उपासना के लिए एक मूर्ति स्थापित (Sun Temple was built by Maharaja Sawai Jai Singh) की गई थी. यज्ञ सम्पन्न होने के बाद भगवान सूर्य की इस प्रतिमा को गलता पहाड़ियों पर मंदिर बनवाकर स्थापित कराया गया था. यहां सवाई जयसिंह ने रघुनाथगढ़ किला भी बनवाया था. मान्यता ऐसी है कि सूर्यवंशी होने के नाते जयपुर राजपरिवार हमेशा से सूर्य भगवान की उपासना करता रहा है. उन्होंने बताया कि सूर्य के साथ यहां उनकी पत्नी रोहिणी, सौर परिवार, सूर्य के सप्त अश्व के विग्रह भी स्थापित हैं. यहां स्थित भगवान सूर्य का पालना आज भी सूर्य सप्तमी पर निकलने वाली शोभायात्रा के दौरान सूर्य मंदिर से बड़ी चौपड़ तक लाया जाता है.

Sun Temple on Galta Hills in Jaipur
गलता पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण...

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इतिहासकार ने बताया कि मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. चूंकि गलता तीर्थ है इस नाते मकर सक्रांति पर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार लोग स्नान करने पहुंचते हैं. श्रद्धालु गलता कुंड में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और यहीं से दान-पुण्य का दौर भी शुरू होता है. यहां पंगत बिठाकर गरीबों को भोजन कराने की भी परंपरा है. यहां भगवान सूर्य की पूजा और हवन आदि भी कराए जाते रहे हैं.

इतिहासकार देवेंद्र ने बताया कि सूर्य का उदय पूर्व में होता है और गलता तीर्थ भी पूर्व दिशा में है. इसी वजह से यहां उगते सूर्य की पहली किरण पड़ती है. मार्च में सूर्य किरण यहां मौजूद सूर्य भगवान के पालने पर सीधी पड़ती है. वास्तु के नजरिए से भी ये मंदिर अनोखा है. सूर्य मंदिर न केवल आध्यात्मिक, धार्मिक और दर्शनीय स्थल है बल्कि जयपुर का सूर्योदय और सूर्यास्त बिंदु भी है. खास बात ये भी है कि जयपुर में सूरज की पहली और आखिरी 90 अंश की किरण भी इसी मंदिर पर पड़ती है.

Sun Temple on Galta Hills in Jaipur
सूर्य मंदिर में श्रद्धालु

नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है सूर्य की किरणें
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूरज की पहली किरण जहां भी पृथ्वी पर पड़ती है वहां नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं. इसके साथ ही यह सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करती हैं. खास बात ये है कि सूर्य की किरण जब शरीर पर पड़ती है तो उससे आदित्य योग का निर्माण होता है. ये योग मनुष्य की आत्म शक्ति को बढ़ाने वाला होता है. वहीं मेडिकल साइंस के अनुसार सूर्य की किरणों में विटामिन D पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है जो शरीर व हड्डियों को मजबूत करने में लाभदायक होता है. इसके अलावा यह त्वचा की एलर्जी को भी खत्म करता है.

दूर-दूर से आते हैं भक्त: मकर सक्रांति और सूर्य सप्तमी के अलावा प्रत्येक रविवार को दूर-दूर से भक्त मंदिर में भगवान सूर्य के दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर से जयपुर शहर का विहंगम दृश्य भी नजर आता है. यही वजह है कि इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं.

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