वाराणसी: गंगा के पानी के रंग के अचानक बदलने से हर तरफ चर्चा का विषय बन गया था. जिसके बाद जिलाधिकारी वाराणसी (Varanasi) ने सोमवार को गंगा के पानी की जांच के लिए 5 सदस्यीय विशेष टीम (Special Team) गठित की है. टीम ने मंगलवार से गंगा के प्रदूषण की स्थिति का पता लगाने के लिए वाराणसी से मिर्जापुर के बीच के विभिन्न स्थानों की वाटर सैंपलिंग शुरू कर दी है.
स्पेशल टीम ने शुरू की गंगा नदी से लिए सैंपल
दरअसल 15-20 दिनों पूर्व गंगा नदी में हरे शैवाल पाये गए थे, जिसकी जांच क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई. इसके बाद पुनः हरे शैवाल गंगा नदी में 3-4 दिनों पूर्व मिले. इसकी विस्तृत जांच करने के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को ही अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय), क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ), अधिशासी अभियंता बन्धी प्रखण्ड एवं महाप्रबन्धक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की पांच सदस्यीय टीम गठित की है.
बनारस के घाट लिया सैंपल
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय) महेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ) अवधेश पांडेय सहित अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को खिड़कियां घाट से मिर्जापुर तक गंगा नदी में विभिन्न स्थानों पर जहां-जहां पानी हरा मिला, वहां से सैंपल एकत्रित किया.
यह भी पढ़ें-गंगा का पानी हरा होने की जांच होगी, पांच सदस्यीय टीम गठित
10 जून तक सौंपनी होगी रिपोर्ट
टीम ने मंगलवार को नाव के माध्यम से गंगा नदी की धारा में जाकर हरे शैवाल पाए जाने के संबंध में इसके उद्गम, श्रोत तथा गंगा घाटों तक इनके पहुंचने के कारणों की जांच शुरू कर दी है. टीम को गंगा नदी में भ्रमण करते हुए फोटोग्राफ और वीडियो के साथ तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट और इसके निवारण के विकल्प तैयार कर 10 जून तक डीएम वाराणसी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.