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Kerala News: केरल में प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में तीन को उम्रकैद की सजा

केरल में एनआईए की एक विशेष अदालत ने 2010 में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटे जाने के सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराये गए छह लोगों में से तीन को गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

Life sentence for three
तीन को उम्रकैद की सजा
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Published : Jul 13, 2023, 7:06 PM IST

एर्नाकुलम: विशेष एनआईए अदालत ने केरल में 2010 के सनसनीखेज मामला कॉलेज प्रोफेसर के हाथ काटने के मामले में मुकदमे के दूसरे चरण में दोषी पाए गए लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. दूसरे आरोपी साजिल, तीसरे आरोपी और पॉपुलर फ्रंट के प्रदेश नेता एमके नासर और पांचवें आरोपी नजीब को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. साजिल पर 500,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया जबकि तीन अन्य आरोपी नौशाद, मोइतीन कुंजू और अयूब को तीन साल की जेल हुई.

कोच्चि की विशेष एनआईए अदालत के जज अनिल भास्कर ने गुरुवार को दोपहर तीन बजे सजा सुनाई. एनआईए अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया था कि जिन ग्यारह आरोपियों पर दूसरे चरण में मुकदमा चलाया गया उनमें से छह दोषी थे. जांच टीम ने अदालत में यह रुख अपनाया कि आरोपियों ने कानूनी व्यवस्था को नीचा दिखाते हुए जो अपराध किया है, उसकी सजा पूरे समाज के लिए एक सबक के रूप में दी जानी चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए का आरोप बरकरार रहेगा.

टीजे जोसेफ कोट्टायम जिले के थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज में प्रोफेसर थे. इस बात की आलोचना हुई कि मार्च 2010 में टीजे जोसेफ द्वारा तैयार आंतरिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में पैगंबर का अपमानजनक संदर्भ था. इसके बाद आरोपियों ने कार में सवार प्रोफेसर को रोका और उनका दाहिना हाथ काट दिया.

जांच टीम ने पाया कि 4 जुलाई 2010 को हुई हाथ काटने की घटना के पीछे एक बड़ी साजिश थी. प्रतिवादियों ने बैठक की और अपराध को कैसे अंजाम देना है इसकी रूपरेखा तैयार की. एक बार प्रोफेसर पर हमले का प्रयास विफल हो गया. इसके बाद आरोपियों ने एकजुट होकर साजिश रची. यह भी उल्लेखनीय है कि यह घटना उन कारणों में से एक थी जिसके कारण पॉपुलर फ्रंट पर प्रतिबंध लगाया गया है.

मुकदमे के पहले चरण में इकतीस में से तेरह लोगों को दोषी ठहराया गया और अठारह को बरी कर दिया गया. पहले चरण में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मुकदमा पूरा हुआ. बाद में गिरफ्तार किये गये लोगों को आरोप पत्र जारी कर मुकदमे का दूसरा चरण पूरा किया गया. मुकदमे में वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने सीधे तौर पर अपराध में भाग लिया था. दूसरे चरण में, अलुवा के मूल निवासी एमके नासर, जो मुख्य मास्टरमाइंड है, और साजिल, जो सीधे अपराध में शामिल था.

इस मामले की खासियत यह भी है कि हालांकि मुकदमे का दूसरा चरण पूरा हो चुका है, लेकिन प्रोफेसर के हाथ काटने का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि वारदात में सीधे तौर पर शामिल पहला आरोपी सावद अब तक नहीं मिल पाया है.

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कोच्चि की विशेष एनआईए अदालत के जज अनिल भास्कर ने गुरुवार को दोपहर तीन बजे सजा सुनाई. एनआईए अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया था कि जिन ग्यारह आरोपियों पर दूसरे चरण में मुकदमा चलाया गया उनमें से छह दोषी थे. जांच टीम ने अदालत में यह रुख अपनाया कि आरोपियों ने कानूनी व्यवस्था को नीचा दिखाते हुए जो अपराध किया है, उसकी सजा पूरे समाज के लिए एक सबक के रूप में दी जानी चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए का आरोप बरकरार रहेगा.

टीजे जोसेफ कोट्टायम जिले के थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज में प्रोफेसर थे. इस बात की आलोचना हुई कि मार्च 2010 में टीजे जोसेफ द्वारा तैयार आंतरिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में पैगंबर का अपमानजनक संदर्भ था. इसके बाद आरोपियों ने कार में सवार प्रोफेसर को रोका और उनका दाहिना हाथ काट दिया.

जांच टीम ने पाया कि 4 जुलाई 2010 को हुई हाथ काटने की घटना के पीछे एक बड़ी साजिश थी. प्रतिवादियों ने बैठक की और अपराध को कैसे अंजाम देना है इसकी रूपरेखा तैयार की. एक बार प्रोफेसर पर हमले का प्रयास विफल हो गया. इसके बाद आरोपियों ने एकजुट होकर साजिश रची. यह भी उल्लेखनीय है कि यह घटना उन कारणों में से एक थी जिसके कारण पॉपुलर फ्रंट पर प्रतिबंध लगाया गया है.

मुकदमे के पहले चरण में इकतीस में से तेरह लोगों को दोषी ठहराया गया और अठारह को बरी कर दिया गया. पहले चरण में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मुकदमा पूरा हुआ. बाद में गिरफ्तार किये गये लोगों को आरोप पत्र जारी कर मुकदमे का दूसरा चरण पूरा किया गया. मुकदमे में वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने सीधे तौर पर अपराध में भाग लिया था. दूसरे चरण में, अलुवा के मूल निवासी एमके नासर, जो मुख्य मास्टरमाइंड है, और साजिल, जो सीधे अपराध में शामिल था.

इस मामले की खासियत यह भी है कि हालांकि मुकदमे का दूसरा चरण पूरा हो चुका है, लेकिन प्रोफेसर के हाथ काटने का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि वारदात में सीधे तौर पर शामिल पहला आरोपी सावद अब तक नहीं मिल पाया है.

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