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Special interview with scientist Dr. Swati Nayak: सुबह सोकर उठी तो अवार्ड जीतने की सूचना मिली, 10 साल के संघर्ष का फल मिला...

E Borlorg Field Award 2023 winning scientist Dr. Swati Nayak Special interview: अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान की ग्लोबल वैज्ञानिक डॉ स्वाति नायक को ई बोरलॉर्ग फिल्ड अवार्ड से सम्मानित करने के लिए चुना गया है. यह अवार्ड फील्ड पर रिसर्च करने वालों को दिया जाता है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2023, 9:27 PM IST

ई बोरलॉर्ग फिल्ड अवार्ड विजेता वैज्ञानिक डॉ स्वाति नायक से बातचीत.

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में काम करने वाली वैज्ञानिक डॉ. स्वाति नायक को दुनियाभर में प्रतिष्ठित ई बोरलॉर्ग फिल्ड अवॉर्ड (E Borlaug Field Award 2023) के लिए नामित किया गया है. डॉ नायक भारते के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक हैं और बीज प्रणाली और उत्पाद प्रबंधन की दक्षिण एशिया प्रमुख हैं. खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, भूख उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने वाले असाधारण वैज्ञानिकों को अवॉर्ड से नवाजा जाता है.

डॉ नायक मूलरूप से ओडिशा की रहने वाली है. ’ETV भारत’ ने डॉ. स्वाति नायक से बात की और उनके जीवन के अनछुए पहलुए को जाना. डॉ. स्वाति ने बताया कि ये मेरे लिए अति प्रतिष्ठित सम्मान है. ये 40 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति विशेष को मिलता है. जमीन से जुड़े स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर फील्ड पर रिसर्च करने वालों को इस अवार्ड से नवाजा जाता है. ये मेरे लिए एक अवसर भी है, जहां अपने काम को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर दिखा सकती हूं.

सवाल: क्या आपने कभी सोचा था कि इतना बड़ा अवॉर्ड मिलेगा? किस तरह घर, परिवार और काम को हैंडल करती हैं?
जवाब: खुशी के साथ यह भी याद आया कि 10 साल के संघर्ष का फल मिला है. वैज्ञानिक होने के साथ महिला और एक मां भी हूं. जब आप कुछ करने का सपना देखते हैं तो वर्क लाइफ को बैलेंस करना होता है. मेरी कोशिशों में काफी लोग जुड़े हैं. मेरे साथ काम करने वाले, मेरी टीम, आईआरआरआई के मेंटर्स और कृषि क्षेत्र में नेशनल सिस्टम में काम करने वालों ने साथ दिया. मुझे रिसर्च को आगे बढ़ाने की सुविधा मिली है. इस सफलता में पति का भी अहम योगदान रहा है. हमारी 7 साल की एक बच्ची भी है. ये एक ओवर ऑल जर्नी है, जिसमें बहुत सारे स्टैक होल्डर्स के साथ काम किया है.

सवाल: अवॉर्ड की घोषणा कब हुई और यह कहां मिलेगा?
जवाब: ये अवॉर्ड 19 सितंबर को डिक्लेयर हुआ है, जो अक्टूबर में मिलेगा. इसके लिए अमेरिका में ग्लोबल इवेंट होगा. 24 अक्टूबर को बोरलॉग अवॉर्ड सेरेमनी होगी, जहां यह अवार्ड मिलेगा और उसके लिए आमंत्रित हूं.

सवाल: भारत के अलावा दुनिया में कहां-कहां काम करती हैं?
जवाब: मैं अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) में ग्लोबल साइंटिस्ट हूं. साउथ एशिया में सीड सिस्टम को लीड करती हूं. इसके लिए ज्यादातर भारत, नेपाल और बांग्लादेश में काम करती हूं. काफी ट्रैवल भी करना पड़ता है. स्टेक होल्डर और किसानों के साथ संवाद करती रहती हूं. अपनी एक टीम है. अफ्रीका में भी काम चल रहा है, वहां भी जुड़ी हुई हूं.

किसानों को समय-समय पर दी जाती है जानकारी.
किसानों को समय-समय पर दी जाती है जानकारी.

सवाल: आपको फील्ड पर काम करने के लिए अवॉर्ड मिला है, किस तरह ये सब मैनेज करती हैं?
जवाब: एक इंसान कितने लोगों को फिजिकली जाकर बता सकता है, अपनी एक रणनीति होती है. हम इसे रोज फॉलो करते हैं. राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर जुड़े पार्टनर्स के साथ बात करते हैं. उनके स्केलिंग एजेंट्स से जुड़ना पड़ता है और छोटे किसानों तक बात पहुंचानी पड़ती है. एक स्वाति तो बदलाव नहीं ला सकती. अपने स्तर पर जितना ग्राउंड पर जा सकती हूं, उतना जा रही हूं. 10 साल के करियर में काफी समय फील्ड पर दिया है.

छोटे-छोटे समूह में लोगों को दी जाती है जानकारी.
छोटे-छोटे समूह में लोगों को दी जाती है जानकारी.

सवाल: इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए आपको किस तरह चुना गया? किन लोगों का योगदान मानती हैं?
जवाब: मई में मेरी लीडरशिप टीम ने फोन पर बताया कि इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए मेरा नाम जाएगा, जिसे सुनकर बहुत खुशी हुई थी. मैंने नहीं सोचा था कि इतने बड़े अवॉर्ड के लिए मुझे चुना जाएगा और मैं जीतूंगी. ऑर्गनाइजेशन की ओर से एप्लीकेशन दिया गया था. सबने मदद की. सपोर्ट लेटर्स भी चाहिए थे, जिसमें भारत के साथ बांग्लादेश से भी समर्थन पत्र मिला. यह खुशी की बात है कि भारत के साथ दूसरे देश से भी समर्थन मिला. ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा रही.

सवाल: आपको विनर होने की सूचना कैसे मिली?
जवाब: 19 सितंबर को अवॉर्ड के संदर्भ में न्यूयॉर्क टाइम में नाम डिक्लेयर हुआ था. सुबह का समय था, जब घोषणा हुई थी. मैं सोकर उठी भी नहीं थी मगर मेरी टीम और बहुत सारे स्टेक होल्डर्स सोशल मीडिया पर यह देख चुके थे. उठने के बाद देखा कि फोन पर कई मिसकॉल्स और मैसेज थे. आजकल सोशल मीडिया का समय है, सभी को तेजी से पता चल गया.

ई बोरलॉर्ग फिल्ड अवार्ड विजेता वैज्ञानिक डॉ स्वाति नायक से बातचीत.

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में काम करने वाली वैज्ञानिक डॉ. स्वाति नायक को दुनियाभर में प्रतिष्ठित ई बोरलॉर्ग फिल्ड अवॉर्ड (E Borlaug Field Award 2023) के लिए नामित किया गया है. डॉ नायक भारते के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक हैं और बीज प्रणाली और उत्पाद प्रबंधन की दक्षिण एशिया प्रमुख हैं. खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, भूख उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने वाले असाधारण वैज्ञानिकों को अवॉर्ड से नवाजा जाता है.

डॉ नायक मूलरूप से ओडिशा की रहने वाली है. ’ETV भारत’ ने डॉ. स्वाति नायक से बात की और उनके जीवन के अनछुए पहलुए को जाना. डॉ. स्वाति ने बताया कि ये मेरे लिए अति प्रतिष्ठित सम्मान है. ये 40 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति विशेष को मिलता है. जमीन से जुड़े स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर फील्ड पर रिसर्च करने वालों को इस अवार्ड से नवाजा जाता है. ये मेरे लिए एक अवसर भी है, जहां अपने काम को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर दिखा सकती हूं.

सवाल: क्या आपने कभी सोचा था कि इतना बड़ा अवॉर्ड मिलेगा? किस तरह घर, परिवार और काम को हैंडल करती हैं?
जवाब: खुशी के साथ यह भी याद आया कि 10 साल के संघर्ष का फल मिला है. वैज्ञानिक होने के साथ महिला और एक मां भी हूं. जब आप कुछ करने का सपना देखते हैं तो वर्क लाइफ को बैलेंस करना होता है. मेरी कोशिशों में काफी लोग जुड़े हैं. मेरे साथ काम करने वाले, मेरी टीम, आईआरआरआई के मेंटर्स और कृषि क्षेत्र में नेशनल सिस्टम में काम करने वालों ने साथ दिया. मुझे रिसर्च को आगे बढ़ाने की सुविधा मिली है. इस सफलता में पति का भी अहम योगदान रहा है. हमारी 7 साल की एक बच्ची भी है. ये एक ओवर ऑल जर्नी है, जिसमें बहुत सारे स्टैक होल्डर्स के साथ काम किया है.

सवाल: अवॉर्ड की घोषणा कब हुई और यह कहां मिलेगा?
जवाब: ये अवॉर्ड 19 सितंबर को डिक्लेयर हुआ है, जो अक्टूबर में मिलेगा. इसके लिए अमेरिका में ग्लोबल इवेंट होगा. 24 अक्टूबर को बोरलॉग अवॉर्ड सेरेमनी होगी, जहां यह अवार्ड मिलेगा और उसके लिए आमंत्रित हूं.

सवाल: भारत के अलावा दुनिया में कहां-कहां काम करती हैं?
जवाब: मैं अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) में ग्लोबल साइंटिस्ट हूं. साउथ एशिया में सीड सिस्टम को लीड करती हूं. इसके लिए ज्यादातर भारत, नेपाल और बांग्लादेश में काम करती हूं. काफी ट्रैवल भी करना पड़ता है. स्टेक होल्डर और किसानों के साथ संवाद करती रहती हूं. अपनी एक टीम है. अफ्रीका में भी काम चल रहा है, वहां भी जुड़ी हुई हूं.

किसानों को समय-समय पर दी जाती है जानकारी.
किसानों को समय-समय पर दी जाती है जानकारी.

सवाल: आपको फील्ड पर काम करने के लिए अवॉर्ड मिला है, किस तरह ये सब मैनेज करती हैं?
जवाब: एक इंसान कितने लोगों को फिजिकली जाकर बता सकता है, अपनी एक रणनीति होती है. हम इसे रोज फॉलो करते हैं. राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर जुड़े पार्टनर्स के साथ बात करते हैं. उनके स्केलिंग एजेंट्स से जुड़ना पड़ता है और छोटे किसानों तक बात पहुंचानी पड़ती है. एक स्वाति तो बदलाव नहीं ला सकती. अपने स्तर पर जितना ग्राउंड पर जा सकती हूं, उतना जा रही हूं. 10 साल के करियर में काफी समय फील्ड पर दिया है.

छोटे-छोटे समूह में लोगों को दी जाती है जानकारी.
छोटे-छोटे समूह में लोगों को दी जाती है जानकारी.

सवाल: इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए आपको किस तरह चुना गया? किन लोगों का योगदान मानती हैं?
जवाब: मई में मेरी लीडरशिप टीम ने फोन पर बताया कि इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए मेरा नाम जाएगा, जिसे सुनकर बहुत खुशी हुई थी. मैंने नहीं सोचा था कि इतने बड़े अवॉर्ड के लिए मुझे चुना जाएगा और मैं जीतूंगी. ऑर्गनाइजेशन की ओर से एप्लीकेशन दिया गया था. सबने मदद की. सपोर्ट लेटर्स भी चाहिए थे, जिसमें भारत के साथ बांग्लादेश से भी समर्थन पत्र मिला. यह खुशी की बात है कि भारत के साथ दूसरे देश से भी समर्थन मिला. ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा रही.

सवाल: आपको विनर होने की सूचना कैसे मिली?
जवाब: 19 सितंबर को अवॉर्ड के संदर्भ में न्यूयॉर्क टाइम में नाम डिक्लेयर हुआ था. सुबह का समय था, जब घोषणा हुई थी. मैं सोकर उठी भी नहीं थी मगर मेरी टीम और बहुत सारे स्टेक होल्डर्स सोशल मीडिया पर यह देख चुके थे. उठने के बाद देखा कि फोन पर कई मिसकॉल्स और मैसेज थे. आजकल सोशल मीडिया का समय है, सभी को तेजी से पता चल गया.

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