नई दिल्ली : अफगानिस्तान से 55 सिखों एवं हिंदुओं शरणार्थियों का एक दल रविवार की शाम को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचा. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा आयोजित एक विशेष उड़ान से अफगानिस्तान के काबुल से दिल्ली पहुंचे लोगों में 38 वयस्कों के अलावा 14 बच्चे और तीन शिशु सवार थे. बता दें कि काबुल में हमले के बाद से अब तक 68 अफगान हिंदू और सिख भारत आ चुके हैं.
काबुल से एरियाना अफगान फ्लाइट नंबर 315 दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंची. बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, इंडियन वर्ल्ड फोरम और भारत सरकार के साथ मिलकर अफगानिस्तान से अल्पसंख्यकों को निकालने में मदद कर रही है. इतना ही नहीं इसके लिए विमान किराया एसजीपीसी द्वारा ही वहन किया जा रहा है. भारतीय विश्व मंच ने काबुल में सत्ता परिवर्तन के बाद 300 से अधिक अफगान हिंदुओं और सिखों के लिए मानवीय निकासी का समन्वय और सुविधा प्रदान की है.
इस संबंध में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विदेश मंत्रालय ने इससे पहले शरणार्थियों के इस 'अंतिम जत्थे' का ई-वीजा मंजूर किया था. उनके स्वदेश आगमन को भारत और अफगानिस्तान दोनों सरकारों ने सुगम बनाया है. उन्होंने कहा, 'हम इस आखिरी जत्थे को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में थे, जो वहां फंसे हुए थे.' उन्होंने कहा कि पश्चिम दिल्ली के अर्जुन नगर में स्थित गुरुद्वारे में एक शरणार्थियों का स्वागत करने के लिये एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
हालांकि अभी भी 43 हिंदू और सिख अफगानिस्तान में रहते हैं और इनमें से कुछ के आवेदन अभी भी भारत सरकार के पास जारी करने के लिए लंबित हैं. गौरतलब है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 4 स्वरूप अभी भी अफगानिस्तान में हैं लेकिन काबुल में स्थानीय प्रशासन के द्वारा सहयोग नहीं किए जाने की वजह से उन्हें धार्मिक प्रोटोकॉल के अनुसार भारत में स्थानांतरित नहीं किया जा सका है.
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