रांचीः देश के बहुत चर्चित घोटालों में शुमार चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले को लेकर सोमवार को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में फैसला सुनाया गया. कुल 124 आरोपियों की सीबीआई कोर्ट में पेशी हुई. जिसमें 35 लोगों को बरी किया गया है. जबकि 53 लोगों को इसी मामले में तीन साल और उससे कम तक की सजा सुनाई गई, वहीं 36 लोगों को तीन साल से ज्यादा की सुनाई गई है.
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बता दें कि जिन आरोपियों को तीन साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई है, उनकी सजा अवधि पर एक सितंबर को सुनवाई होगी. वहीं जिन्हें 3 साल से कम की सजा दी गई है उन्हें बेल पर छोड़ा जा सकता है. बचाव पक्ष के वकील संजय कुमार ने बताया कि यह मामला वर्ष 1996 का है. जिसमें 192 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 192 लोगों में कई आरोपियों की मौत हो गई है. जिसके बाद 124 आरोपी इस केस में जिंदा बचे थे, जो आज कोर्ट में पेश हुए.
चारा घोटाला के सभी मामलों में फैसलाः वहीं सीबीआई के वकील रवि शंकर ने बताया कि चारा घोटाला मामले में सबसे ज्यादा आरोपियों की संख्या डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी वाले केस में ही थी. उन्होंने बताया कि चारा घोटाला मामले में अब तक 53 केस झारखंड में चल रहे थे, जिसमें डोरंडा कोषागार में आज फैसला आने के बाद झारखंड में चल रहे सभी केसों पर जजमेंट दे दिया गया है.
दो लोग सशरीर नहीं हुए पेशः 124 लोगों में दो लोग आज स्वास्थ्य खराब होने की वजह से कोर्ट में पेश नहीं हो पाए. उनके वकील ने दोनों का पक्ष रखा. उन दो लोगों के खिलाफ भी सीबीआई कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई है. उनके खिलाफ वारंट जारी करने का भी आदेश दिया गया है. पब्लिक प्रॉस्क्यूटर रवि शंकर ने बताया कि झारखंड में अब चारा घोटाला मामले से जुड़ा एक भी केस नहीं बचा है. बिहार से बंटवारा होने के बाद चारा घोटाला मामले में कुल 53 केस झारखंड में फाइल किए गए थे. जिसमें सभी केसों पर जजमेंट सुना दिया गया है.
उन्होंने बताया कि यह एक बहुत बड़ा मामला था. जिसमें डोरंडा कोषागार के जिला पशुपालन अधिकारी कार्यालय से 36.60 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में सीबीआई की तरफ से 617 लोगों की गवाही कराई गई. जबकि 50 हजार से ज्यादा डॉक्यूमेंट्री एविडेंस कोर्ट में पेश किए गए.
सजा मिलने पर रो पड़े दोषीः सोमवार को पेश हुए 122 आरोपियों में कई आरोपी ऐसे थे जिनकी उम्र 80 से 90 साल की थी. उन्हें भी चारा घोटाला मामले में कोर्ट की तरफ से सजा सुनाई गई है. फैसला सुनने के बाद कई ऐसे दोषी दिखे जो सजा मिलने पर रो रहे थे.
36 करोड़ से ज्यादा की निकासीः बता दें कि वर्ष 1990-1996 के दौरान राजधानी रांची के डोरंडा कोषागार के जिला पशु पालन अधिकारी के कार्यालय से 36 करोड़ 60 लख रुपए की अवैध निकासी की गई थी. जिस पर फैसला रांची सीबीआई कोर्ट के जज विशाल श्रीवास्तव के द्वारा सोमवार को सुनाया गया.
अब तक क्या हुआः बता दें कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में सभी आरोपियों को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश 28 अगस्त के लिए दिया गया था. जिस मामले में सजा पर सुनवाई चल रही है. डोरंडा कोषागार मामले (केस संख्या 48/96) में लालू यादव को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है. 28 अगस्त को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में फैसला सुनाने का दिन मुकर्रर किया गया था और इसमें जो लोग दोषी पाए गए, उनमें कई सीनियर आईएएस के साथ ही कई पशु चिकित्सा पदाधिकारी भी शामिल हैं. जिनको सजा सुनाई गई.