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जर्मनी में डंका बजाने के बाद यूपी की राजनीति में गौरव चौधरी की एंट्री, बने निर्विरोध अध्यक्ष

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Published : Jun 27, 2021, 4:09 PM IST

मेरठ से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर का नामांकन खारिज हो गया है. इसके बाद यहां से बीजेपी के अकेले बचे प्रत्याशी गौरव चौधरी के निर्विरोध जीत का दावा किया जा रहा है.

सपा
सपा

मेरठ : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत (district panchayat) अध्यक्ष पद के लिए शनिवार को नामांकन प्रक्रिया का आखिरी दिन था. पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में शनिवार को बीजेपी और सपा के केवल दो प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर (SP candidate Saloni Gurjar) का नामांकन खारिज हो गया, जिसके बाद बीजेपी के अकेले बचे प्रत्याशी गौरव चौधरी (Candidate Gaurav Choudhary) के यहां से निर्विरोध जीत का दावा किया जा रहा है. अभी से ही बीजेपी खेमे में जश्न का माहौल बना हुआ है, वहीं पर्चा खारिज होने के बाद सपा प्रत्याशी समर्थकों में जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है.

बीजेपी के प्रत्याशी की निर्विरोध जीत !

आपको बता दें कि मेरठ जिले में कुल 33 जिला पंचायत सीटों पर चुनाव हुआ था. चुनाव में बीजेपी के महज पांच सदस्य ही चुनाव जीतकर आये थे. वार्ड 18 से जिला पंचायत सदस्य चुने गए गौरव चौधरी को बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी घोषित किया था. सपा ने बसपा से आई सलोनी गुर्जर पर दांव लगाया था. शनिवार को दोनों प्रत्याशियों ने जिला मुख्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया. यहां दस्तावेजों की जांच में सपा प्रत्याशी के दस्तावेजों में खामियां पाई गई, जिसके बाद उनका नामांकन खारिज हो गया. सपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने के बाद, बीजेपी के गौरव चौधरी मैदान में अकेले ही रह गए, जिससे उनकी जीत निर्विरोध मानी जा रही है.

जानिए कौन हैं गौरव चौधरी
बीजेपी प्रत्याशी गौरव चौधरी मूलरूप से मेरठ के गांव कुसैड़ी के रहने वाले हैं. गौरव के पिता मत्स्य पालन विभाग में सेवारत हैं, जबकि उनके चाचा योगेंद्र कुसैड़ी राजनीति में हैं. उनके परिवार का राजनीति से पुराना नाता रहा है. उनकी चाची सुनीता कुसैड़ी गांव की प्रधान रहने के साथ ही, 2010 में जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं.

जर्मनी में उच्च शिक्षा के बाद शुरू किया कारोबार
गौरव चौधरी पहली बार पंचायत की राजनीति में सक्रिय हुए हैं. उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा मेरठ से की और उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी चले गए. वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद गौरव ने होटल व्यवसाय के साथ रियल एस्टेट और आयात-निर्यात का कारोबार शुरू किया था.

इसे भी पढ़ें :ओवैसी की पार्टी से नहीं है कोई गठबंधन, यूपी-उत्तराखंड में BSP अकेली लड़ेगी विधानसभा चुनाव : मायावती

जर्मनी समेत कई देशों में कारोबार पूरी तरह जमाने के बाद गौरव भारत लौट आये. इस पंचायत चुनाव में गौरव चौधरी ने पहली बार राजनीति में आए हैं.

मेरठ : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत (district panchayat) अध्यक्ष पद के लिए शनिवार को नामांकन प्रक्रिया का आखिरी दिन था. पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में शनिवार को बीजेपी और सपा के केवल दो प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर (SP candidate Saloni Gurjar) का नामांकन खारिज हो गया, जिसके बाद बीजेपी के अकेले बचे प्रत्याशी गौरव चौधरी (Candidate Gaurav Choudhary) के यहां से निर्विरोध जीत का दावा किया जा रहा है. अभी से ही बीजेपी खेमे में जश्न का माहौल बना हुआ है, वहीं पर्चा खारिज होने के बाद सपा प्रत्याशी समर्थकों में जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है.

बीजेपी के प्रत्याशी की निर्विरोध जीत !

आपको बता दें कि मेरठ जिले में कुल 33 जिला पंचायत सीटों पर चुनाव हुआ था. चुनाव में बीजेपी के महज पांच सदस्य ही चुनाव जीतकर आये थे. वार्ड 18 से जिला पंचायत सदस्य चुने गए गौरव चौधरी को बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी घोषित किया था. सपा ने बसपा से आई सलोनी गुर्जर पर दांव लगाया था. शनिवार को दोनों प्रत्याशियों ने जिला मुख्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया. यहां दस्तावेजों की जांच में सपा प्रत्याशी के दस्तावेजों में खामियां पाई गई, जिसके बाद उनका नामांकन खारिज हो गया. सपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने के बाद, बीजेपी के गौरव चौधरी मैदान में अकेले ही रह गए, जिससे उनकी जीत निर्विरोध मानी जा रही है.

जानिए कौन हैं गौरव चौधरी
बीजेपी प्रत्याशी गौरव चौधरी मूलरूप से मेरठ के गांव कुसैड़ी के रहने वाले हैं. गौरव के पिता मत्स्य पालन विभाग में सेवारत हैं, जबकि उनके चाचा योगेंद्र कुसैड़ी राजनीति में हैं. उनके परिवार का राजनीति से पुराना नाता रहा है. उनकी चाची सुनीता कुसैड़ी गांव की प्रधान रहने के साथ ही, 2010 में जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं.

जर्मनी में उच्च शिक्षा के बाद शुरू किया कारोबार
गौरव चौधरी पहली बार पंचायत की राजनीति में सक्रिय हुए हैं. उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा मेरठ से की और उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी चले गए. वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद गौरव ने होटल व्यवसाय के साथ रियल एस्टेट और आयात-निर्यात का कारोबार शुरू किया था.

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जर्मनी समेत कई देशों में कारोबार पूरी तरह जमाने के बाद गौरव भारत लौट आये. इस पंचायत चुनाव में गौरव चौधरी ने पहली बार राजनीति में आए हैं.

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