ETV Bharat / bharat

हिमालयी क्षेत्र में पहली बार खिला सोसरिया फूल, केदारघाटी में लौटी रौनक - sosaria flower

केदारघाटी में इनदिनों हिमालयी फूल खिल उठे हैं. इनदिनों वासुकीताल क्षेत्र में नीलकमल सहित अन्य हिमालयी फूलों से खिले दिख रहे हैं. वहीं, पहली बार हिमालीय क्षेत्र में सोसरिया फूल खिले हैं. वहीं, कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो सालों में मानव गतिविधियों के कम होने से धीरे-धीरे हिमालीय बुग्याल अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगे हैं.

हिमालयी क्षेत्र में पहली बार खिला सोसरिया फूल
हिमालयी क्षेत्र में पहली बार खिला सोसरिया फूल
author img

By

Published : Sep 25, 2021, 10:26 AM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के हिमालयी क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों में मानव गतिविधियां कम होने से नीलकमल सहित अनेक प्रकार के फूल खिले उठे हैं. इन फूलों के खिलने से हिमालयी क्षेत्रों की सुंदरता भी बढ़ गई है. इन दिनों केदारनाथ से आठ किमी दूर स्थित वासुकीताल के आस-पास का क्षेत्र नीलकमल, सोसरिया, हेराक्लम वालिचि सहित अन्य प्रकार के हिमालयी फूलों से गुलजार है. सोसरिया का फूल केदारनाथ के हिमालयी क्षेत्र में पहली बार पाया गया है.

बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्षों में हिमालयी क्षेत्रों में मानवीय पहल कम हुई है. जिस कारण हिमालयी क्षेत्रों में खिलने वाले फूल एक बार खिलने लगे हैं. केदारनाथ धाम से लगभग आठ किमी दूर 4400 मीटर की दूरी पर स्थित वासुकीताल के आस-पास के हिमालयी क्षेत्र सहित बुग्यालों में नीलकमल, सोसरिया, हेराक्लम वालिचि, मीठा विष सहित अन्य प्रकार के फूल खिल आये हैं. वासुकीताल के क्षेत्र में इस प्रकार के फूल काफी सालों बाद देखने को मिले हैं. इन फूलों के खिलने के बाद हिमालयी क्षेत्र की सुंदरता देखते ही बन रही है. बुग्यालों में दूर-दूर तक यह फूल खिले हुये हैं.

हिमालयी क्षेत्र में पहली बार खिला सोसरिया फूल

नीलकमल फूल की बात करें तो यह हिमालयी फूल है और हिमालयी क्षेत्रों में ही पाया जाता है. वैसे यह फूल चार हजार मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में खिल जाते हैं. नीलकमल फूल की अपनी अलग ही पहचान है. इसके अलावा सोसरिया फूल वासुकीताल वाले हिमालयी क्षेत्र में पहली बार पाया गया है. यह फूल सिर्फ हिमालयी क्षेत्र में होता है. वासुकीताल में यह फूल एक दो जगह पर नहीं, बल्कि काफी बड़े-भू-भाग में अत्यधिक संख्या में खिले हैं. हिमालयी पुष्प कई बीमारियों के इजाज में रामबाण भी साबित होते हैं. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने भी हिमालयी फूल खिलने के बाद वासुकीताल का निरीक्षण कर लिया है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा: 69 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों को जारी किया गया ई-पास

वहीं, अब चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. जिसके चलते श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में यात्रा पर आने वाले हजारों भक्त केदारनाथ से वासुकीताल को निहारने भी जाते हैं. यात्रियों की आवाजाही हिमालयी क्षेत्रों में होने से इन फूलों का दोहन भी हो सकता है और हिमालय को भी नुकसान पहुंच सकता है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में मानव गतिविधियां कम होने से अनेक प्रजाति के फूल खिल उठे हैं. उन्होंने कहा कि नीलकमल सहित अन्य प्रकार के पौधे अत्यधिक मात्रा में वासुकीताल में खिले हैं.

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.