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फिर गुलजार हुआ सोनपुर मेला, थिएटर के लिए लाइसेंस की सहमति के बाद नाराजगी दूर

सोनपुर का विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला शनिवार दोपहर बाद फिर गुलजार हुआ. मेला में थिएटर संचालन के लिए लाइसेंस नहीं मिलने से नाराज मेला संचालकों ने शनिवार सुबह मेला बंद करा दिया था. इसके बाद प्रशासन और मेला संचालकों के बीच बैठक हुई, जिसके बाद मेला शुरू हो सका. अब आप भी मेले का आनंद ले सकते हैं. पढ़ें, विस्तार से.

सोनपुर मेला
सोनपुर मेला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 2, 2023, 8:00 PM IST

Updated : Dec 2, 2023, 8:13 PM IST

सोनपुर मेला में क्या हुआ था विवाद.

वैशालीः विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला शनिवार दोपहर बाद फिर से शुरू हुआ. अब आप सोनपुर मेले का आनंद उठा सकते हैं. इतना ही नहीं यहां थिएटर भी देख सकते हैं. बता दें कि प्रशासनिक व्यवस्था से नाराज व्यापारियों और ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह सोनपुर मेला को बंद करा दिया था. मेला में आए थिएटर को लाइसेंस नहीं देने से वे नाराज थे. इसके अलावा भी उनकी कुछ और शिकायतें भी थीं.

सोनपुर मेला में पहुंचे लोग.
सोनपुर मेला में पहुंचे लोग.

30 नवंबर को ही लाइसेंस मिल गया थाः मेला बंद कराये जाने की सूचना के बाद प्रशासन की नींद टूटी. मेला संचालकों व स्थानीय लोगों से वार्ता कर मेला शुरू करवाया गया. एसडीओ ने बताया कि थिएटर को लाइसेंस 30 नवंबर को ही दे दिया गया था. मिसकम्युनिकेशन की वजह से थिएटर मालिकों को लगा कि लाइसेंस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पहले दो दिनों पर रिन्यूअल होता था अब 7 दिनों पर रिनुअल होगा. बता दें कि वीकएंड होने के कारण शनिवार को बड़ी संख्या में लोग मेला घूमने पहुंचे थे. अब मेला शुरू होने के बाद दोपहर बाद लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.

सोनपुर एसडीओ निशांत कुमार विवेक ने फोन पर बताया कि "कुछ कंफ्यूजन था, सब का निराकरण हो गया है. मेला सही से चल रहा है. थिएटर को लाइसेंस 30 तारीख को ही मिल गया था. एक कोआर्डिनेशन मीटिंग नहीं हो पाई थी इस वजह से मिस कम्युनिकेशन चला गया था कि थिएटर को लाइसेंस नहीं मिलेगा. लेकिन आज बैठक हुई है और बैठक में सारा नियम शर्त बता दिया गया है."

सोनपुर मेला
सोनपुर मेला में लोगों की भीड़.

क्यों बंद हुआ था मेलाः मेला बंद होने का मुख्य कारण थिएटर के लिए लाइसेंस नहीं देना बताया गया था. सोनपुर मेला का मुख्य आकर्षण यहां लगने वाला थिएटर होता है. थिएटर नहीं चलने का असर भीड़ पर पड़ रहा था. भीड़ कम होने का असर मेले में लगाये गये दुकानों पर पड़ रहा था. मेला संचालकों के अनुसार 7 दिनों से थिएटर के लाइसेंस के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे थे, बावजूद लाइसेंस नहीं दिया गया.

"मेला में जो व्यवस्था थी उसके विरोध स्वरूप यहां के ग्रामीण और व्यापारियों ने मेला बंद का आह्वान किया था. इसके बाद प्रशासन के साथ बैठक हुई. प्रशासन ने मेला चलाने में सहयोग करने की बात कही है. नखास का जो रिवेन्यू कलेक्शन 3 करोड़ 80 लाख का है. एक थिएटर पर 7 दिनों का परमिशन नहीं मिलने का मतलब है नुकसान होना. प्रशासन ने समय अवधि विस्तार की भी बात की है. पांच दिन अवधि विस्तार का कमिटमेंट अनुमंडल पदाधिकारी ने किया है" - विनोद सम्राट, अध्यक्ष, सोनपुर मेला समिति.

सरकार पर उठ रहे सवालः उद्घाटन के दिन से ही बिहार सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 25 नवंबर को जब मेले का उद्घाटन कर रहे थे तब उन्हीं के पार्टी के विधायक राम अनुज प्रसाद राय ने कहा था कि सरकार दूसरी जगह मेला सजा रही है, लेकिन सोनपुर मेला को उजड़ना चाह रही है. उनका इशारा राजगीर मेला की ओर था. कुछ दिन पहले राजगीर में मलमास मेला लगा था. इस मेले में पहले दिन से ही थिएटर चलाने का लाइसेंस दे दिया गया था.

"सोनपुर मेला में जो व्यवसायी बाहर से आए हुए हैं उन्हें सामान लाने में कठिनाई हो रही थी, पुलिस द्वारा रोका जा रहा था. थिएटर और जो बड़े-बड़े झूले थे उसको रोक दिया गया था. जिसके कारण व्यापारी से लेकर थिएटर संचालकों में आक्रोश पनप रहा था. सुबह मेला बंद कर दिया गया था. इसके बाद प्रशासन ने बातचीत की. कहा कि थिएटर चालू हो जाएगा, झूला भी चालू कर दिया गया है. 26 दिसंबर को मेला समाप्त होने वाला था उसके बाद भी 5 दिनों तक और बढ़ा दिया गया."- संजीत कुमार, स्थानीय.

ट्रैफिक व्यवस्था से हो रही परेशानीः लोगों की शिकायत थी कि सोनपुर मेले क्षेत्र से सात किमी दूर गाड़ियों को रोक दी जाती है. लोगों का कहना था कि विभिन्न चौक-चौराहों पर बैरिकेडिंग कर गांव में भी ग्रामीणों को प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. व्यापारियों का सामान भी मेले में लाने नहीं दिया जा रहा है. राजगीर मेले में पारंपरिक अस्त्र तलवार, बरछी, भाला इत्यादि की बिक्री हुई थी लेकिन सोनपुर मेला में इसे प्रतिबंधित कर दिया जाता है.

इसे भी पढ़ें: सोनपुर मेले में ठुमके लगाती थिएटर गर्ल्स की दर्द भरी दास्तां, पंजाब की रिया, दिल्ली की निक्की और बनारस की स्नेहा की जुबानी सुनिए

इसे भी पढ़ें: 'घर के सफाई नहीं होला बिना झाड़ू के, अरे जीजा जी उदास बाड़े देखला बिना साली के', पारंपरिक लोक व्यंग गीत से गुलजार हुआ सोनपुर मेला

इसे भी पढ़ें: सोनपुर मेला में किन्नरों का दिखा जलवा, शिव तांडव कर अर्धनारीश्वर को किया प्रसन्न

इसे भी पढ़ें: तेजस्वी यादव के सामने ही उनके MLA ने निकाली भड़ास, रख दी शिकायतों की फेहरिस्त, क्या नाराज हैं रामानुज प्रसाद?




सोनपुर मेला में क्या हुआ था विवाद.

वैशालीः विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला शनिवार दोपहर बाद फिर से शुरू हुआ. अब आप सोनपुर मेले का आनंद उठा सकते हैं. इतना ही नहीं यहां थिएटर भी देख सकते हैं. बता दें कि प्रशासनिक व्यवस्था से नाराज व्यापारियों और ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह सोनपुर मेला को बंद करा दिया था. मेला में आए थिएटर को लाइसेंस नहीं देने से वे नाराज थे. इसके अलावा भी उनकी कुछ और शिकायतें भी थीं.

सोनपुर मेला में पहुंचे लोग.
सोनपुर मेला में पहुंचे लोग.

30 नवंबर को ही लाइसेंस मिल गया थाः मेला बंद कराये जाने की सूचना के बाद प्रशासन की नींद टूटी. मेला संचालकों व स्थानीय लोगों से वार्ता कर मेला शुरू करवाया गया. एसडीओ ने बताया कि थिएटर को लाइसेंस 30 नवंबर को ही दे दिया गया था. मिसकम्युनिकेशन की वजह से थिएटर मालिकों को लगा कि लाइसेंस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पहले दो दिनों पर रिन्यूअल होता था अब 7 दिनों पर रिनुअल होगा. बता दें कि वीकएंड होने के कारण शनिवार को बड़ी संख्या में लोग मेला घूमने पहुंचे थे. अब मेला शुरू होने के बाद दोपहर बाद लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.

सोनपुर एसडीओ निशांत कुमार विवेक ने फोन पर बताया कि "कुछ कंफ्यूजन था, सब का निराकरण हो गया है. मेला सही से चल रहा है. थिएटर को लाइसेंस 30 तारीख को ही मिल गया था. एक कोआर्डिनेशन मीटिंग नहीं हो पाई थी इस वजह से मिस कम्युनिकेशन चला गया था कि थिएटर को लाइसेंस नहीं मिलेगा. लेकिन आज बैठक हुई है और बैठक में सारा नियम शर्त बता दिया गया है."

सोनपुर मेला
सोनपुर मेला में लोगों की भीड़.

क्यों बंद हुआ था मेलाः मेला बंद होने का मुख्य कारण थिएटर के लिए लाइसेंस नहीं देना बताया गया था. सोनपुर मेला का मुख्य आकर्षण यहां लगने वाला थिएटर होता है. थिएटर नहीं चलने का असर भीड़ पर पड़ रहा था. भीड़ कम होने का असर मेले में लगाये गये दुकानों पर पड़ रहा था. मेला संचालकों के अनुसार 7 दिनों से थिएटर के लाइसेंस के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे थे, बावजूद लाइसेंस नहीं दिया गया.

"मेला में जो व्यवस्था थी उसके विरोध स्वरूप यहां के ग्रामीण और व्यापारियों ने मेला बंद का आह्वान किया था. इसके बाद प्रशासन के साथ बैठक हुई. प्रशासन ने मेला चलाने में सहयोग करने की बात कही है. नखास का जो रिवेन्यू कलेक्शन 3 करोड़ 80 लाख का है. एक थिएटर पर 7 दिनों का परमिशन नहीं मिलने का मतलब है नुकसान होना. प्रशासन ने समय अवधि विस्तार की भी बात की है. पांच दिन अवधि विस्तार का कमिटमेंट अनुमंडल पदाधिकारी ने किया है" - विनोद सम्राट, अध्यक्ष, सोनपुर मेला समिति.

सरकार पर उठ रहे सवालः उद्घाटन के दिन से ही बिहार सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 25 नवंबर को जब मेले का उद्घाटन कर रहे थे तब उन्हीं के पार्टी के विधायक राम अनुज प्रसाद राय ने कहा था कि सरकार दूसरी जगह मेला सजा रही है, लेकिन सोनपुर मेला को उजड़ना चाह रही है. उनका इशारा राजगीर मेला की ओर था. कुछ दिन पहले राजगीर में मलमास मेला लगा था. इस मेले में पहले दिन से ही थिएटर चलाने का लाइसेंस दे दिया गया था.

"सोनपुर मेला में जो व्यवसायी बाहर से आए हुए हैं उन्हें सामान लाने में कठिनाई हो रही थी, पुलिस द्वारा रोका जा रहा था. थिएटर और जो बड़े-बड़े झूले थे उसको रोक दिया गया था. जिसके कारण व्यापारी से लेकर थिएटर संचालकों में आक्रोश पनप रहा था. सुबह मेला बंद कर दिया गया था. इसके बाद प्रशासन ने बातचीत की. कहा कि थिएटर चालू हो जाएगा, झूला भी चालू कर दिया गया है. 26 दिसंबर को मेला समाप्त होने वाला था उसके बाद भी 5 दिनों तक और बढ़ा दिया गया."- संजीत कुमार, स्थानीय.

ट्रैफिक व्यवस्था से हो रही परेशानीः लोगों की शिकायत थी कि सोनपुर मेले क्षेत्र से सात किमी दूर गाड़ियों को रोक दी जाती है. लोगों का कहना था कि विभिन्न चौक-चौराहों पर बैरिकेडिंग कर गांव में भी ग्रामीणों को प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. व्यापारियों का सामान भी मेले में लाने नहीं दिया जा रहा है. राजगीर मेले में पारंपरिक अस्त्र तलवार, बरछी, भाला इत्यादि की बिक्री हुई थी लेकिन सोनपुर मेला में इसे प्रतिबंधित कर दिया जाता है.

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Last Updated : Dec 2, 2023, 8:13 PM IST
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