नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो जून के पहले सप्ताह में पीसीसी प्रमुख और पार्टी विधायकों संग मुलाकात करेगी.
समिति ने इस विवाद को गृह कलेश बताते हुए कहा, उन्हें विधानसभा चुनाव से पहले एक संयुक्त मोर्चा बनाने का काम दिया गया है और पार्टी सदस्यों के बीच के झगड़े को हल करना उसी कवायद का एक हिस्सा है.
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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस समिति का प्रमुख बनाया गया है. कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा, यह कोई संकट नहीं है, बल्कि घर के अंदर का विवाद है. मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल की समिति एकजुट होकर 2022 विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करेगी. पार्टी के सदस्यों के बीच जो विवाद पैदा हुआ है, उसे हम जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश करेंगे.
गौरतलब है कि हाल के कुछ हफ्तों में अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
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इस बीच, जेपी अग्रवाल ने विश्वास जताया कि समिति इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम होगी. उन्होंने कहा, 'हर समस्या का समाधान होता है. यही लोकतंत्र है, हम बैठेंगे, उन लोगों से सलाह लेंगे और निर्णय करेंगे.'