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मां को भेजा वृद्धाश्रम, फिर भी बोली मां- मेरा बेटा सबसे अच्छा - mother to old age home maharashtra

काेराेना काल में कई लाेगाें का राेजगार छीन गया और दाे वक्त की राेटी जुटाना भी मुश्किल हाे गया है. ऐसे में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आर्थिक तंगी की वजह से अपने बेटे से दूर हाेने का एक मार्मिक मामला सामने आया है. पढ़ें पूरी स्टाेरी.....

काेराेना काल
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Published : Jun 18, 2021, 10:27 PM IST

औरंगाबाद : कोरोना के कारण कई लोगों का रोजगार छिन गया है, जिससे रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) में एक शख्स के साथ हुआ. नौकरी नहीं हाेने की वजह से उसके लिए मां, पत्नी और दो बच्चों के परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया था.

बेटे ने मां काे भेजा वृद्धाश्रम

इस वजह से उसने एक पत्र (letter) लिखा, 'मैं अपनी मां की देखभाल नहीं कर सकता, आप कृपया उनका ख्याल रखें'. फिर उसने यह पत्र अपनी मां को दिया और उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया. यह मामला मातोश्री वृद्धाश्रम (Matoshri Old Age Home) से जुड़ा है. इसके बाद पिछले कुछ दिनों तक 64 वर्षीय महिला औरंगाबाद के पैठण रोड स्थित 'मातोश्री ओल्ड एज होम' के प्रबंधक सागर पगोरे से उसे वृद्धाश्रम में ले जाने की गुहार लगा रही थी. हालांकि, नियम के अनुसार वहां प्रवेश रिश्तेदारों या पुलिस के माध्यम से ही दिया जाएगा. इसलिए बेटे द्वारा लिखा पत्र लेकर पुंडलिक नगर थाने ( Pundalik Nagar Police Station ) पहुंच गई. पुलिस की मदद से अंततः वृद्धा को मातोश्री वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया.

बता दें कि डेढ़ साल से बेटे की नौकरी नहीं है. बूढ़ी मां का इकलौता बेटा पुणे के एक कोर्ट में किताबें बेचा करता था. कोरोना के चलते किताब बेचने का धंधा बंद हो गया था. आर्थिक तंगी के साथ-साथ बूढ़ी महिला और उसकी बहू ( daughter-in-law.) के बीच विवाद शुरू हाेने लगा तो मां ने वृद्धाश्रम जाने की इच्छा जताई.

पत्र
पत्र

पति के छाेड़ने के बाद कपड़े सिल कर पाला था बेटे काे

जानकारी के मुताबिक, इस बूढ़ी महिला का जीवन संघर्षों से भरा है. जब उसका बेटा छोटा था ताे उसके पति ने दूसरी शादी कर ली और अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा. जीविकोपार्जन के लिए उसे लोगों के कपड़े सिलने पड़ते थे. संघर्ष कर मां ने इकलौते बच्चे की परवरिश की, उसकी शिक्षा पूरी की और यहां तक कि उसकी शादी भी दी. शादी के बाद बहू से विवाद के चलते बेटे ने मां को अलग कमरा दे दिया, लेकिन कोरोना के कारण बेटे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और वह अपनी मां की देखभाल नहीं कर सका, उसने एक पत्र लिखकर मां को वृद्धाश्रम में रहने के लिए कहा. मां ने कहा, हालांकि मेरे बेटे ने मुझे वृद्धाश्रम भेजा, लेकिन मेरा बेटा एक अच्छा इंसान है.

इसे भी पढ़ें : इंदौर की 'इंदिरा दीदी' न्यूयार्क में मचाएंगी धूम, जानें क्या है मामला

उसने फैसला किया क्योंकि उसकी हालत खराब थी. मां ने भरोसा जताया कि अगर स्थिति में सुधार हुआ तो वह मुझे वापस बुला लेगा. मैं अब यहां आराम से रहूंगी, सब ठीक होना चाहिए. मां की इच्छा है कि वह अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रखे.

औरंगाबाद : कोरोना के कारण कई लोगों का रोजगार छिन गया है, जिससे रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) में एक शख्स के साथ हुआ. नौकरी नहीं हाेने की वजह से उसके लिए मां, पत्नी और दो बच्चों के परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया था.

बेटे ने मां काे भेजा वृद्धाश्रम

इस वजह से उसने एक पत्र (letter) लिखा, 'मैं अपनी मां की देखभाल नहीं कर सकता, आप कृपया उनका ख्याल रखें'. फिर उसने यह पत्र अपनी मां को दिया और उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया. यह मामला मातोश्री वृद्धाश्रम (Matoshri Old Age Home) से जुड़ा है. इसके बाद पिछले कुछ दिनों तक 64 वर्षीय महिला औरंगाबाद के पैठण रोड स्थित 'मातोश्री ओल्ड एज होम' के प्रबंधक सागर पगोरे से उसे वृद्धाश्रम में ले जाने की गुहार लगा रही थी. हालांकि, नियम के अनुसार वहां प्रवेश रिश्तेदारों या पुलिस के माध्यम से ही दिया जाएगा. इसलिए बेटे द्वारा लिखा पत्र लेकर पुंडलिक नगर थाने ( Pundalik Nagar Police Station ) पहुंच गई. पुलिस की मदद से अंततः वृद्धा को मातोश्री वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया.

बता दें कि डेढ़ साल से बेटे की नौकरी नहीं है. बूढ़ी मां का इकलौता बेटा पुणे के एक कोर्ट में किताबें बेचा करता था. कोरोना के चलते किताब बेचने का धंधा बंद हो गया था. आर्थिक तंगी के साथ-साथ बूढ़ी महिला और उसकी बहू ( daughter-in-law.) के बीच विवाद शुरू हाेने लगा तो मां ने वृद्धाश्रम जाने की इच्छा जताई.

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पति के छाेड़ने के बाद कपड़े सिल कर पाला था बेटे काे

जानकारी के मुताबिक, इस बूढ़ी महिला का जीवन संघर्षों से भरा है. जब उसका बेटा छोटा था ताे उसके पति ने दूसरी शादी कर ली और अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा. जीविकोपार्जन के लिए उसे लोगों के कपड़े सिलने पड़ते थे. संघर्ष कर मां ने इकलौते बच्चे की परवरिश की, उसकी शिक्षा पूरी की और यहां तक कि उसकी शादी भी दी. शादी के बाद बहू से विवाद के चलते बेटे ने मां को अलग कमरा दे दिया, लेकिन कोरोना के कारण बेटे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और वह अपनी मां की देखभाल नहीं कर सका, उसने एक पत्र लिखकर मां को वृद्धाश्रम में रहने के लिए कहा. मां ने कहा, हालांकि मेरे बेटे ने मुझे वृद्धाश्रम भेजा, लेकिन मेरा बेटा एक अच्छा इंसान है.

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उसने फैसला किया क्योंकि उसकी हालत खराब थी. मां ने भरोसा जताया कि अगर स्थिति में सुधार हुआ तो वह मुझे वापस बुला लेगा. मैं अब यहां आराम से रहूंगी, सब ठीक होना चाहिए. मां की इच्छा है कि वह अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रखे.

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