ETV Bharat / bharat

कलयुग का श्रवण कुमार : माता-पिता को कांवड़ पर लेकर यात्रा पर निकला बेटा - मेरठ समाचार हिंदी में

उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के रहने वाले विकास गहलोत अपने माता-पिता को कंधे पर उठाकर यात्रा करा रहे हैं. विकास ने अपने माता-पिता की आंखों पर पट्टी भी बांध रखी, ताकि माता-पिता उसकी कठनाई को देखकर परेशान न हों.

etv bharat
मेरठ में कलयुग का श्रवण कुमार
author img

By

Published : Jul 25, 2022, 8:11 AM IST

मेरठः गाजियाबाद के रहने वाले विकास गहलोत को कलयुग का श्रवण कुमार कहा जा रहा है. कांवड़ यात्रा के दौरान विकास ने अपने माता-पिता को कंधे पर उठाकर यात्रा करा रहे हैं. विकास ने अपने माता-पिता की आंखों पर पट्टी भी बांध रखी ताकि माता-पिता उसकी कठिनाई को देखकर परेशान न हों. इतना ही नहीं वे 17 जुलाई को हरिद्वार से चले थे और आज यानी शनिवार को मेरठ पहुंचे. मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने विकास को इस पावन कार्य के लिए सम्मानित किया.

बता दें, कि जहां आज के समय के बच्चे अपने माता-पिता के साथ एक घर में रहना बर्दाश्त नहीं करते, उन्हें बोझ समझकर वृद्धा आश्रमम में छोड़ आते हैं. वहीं, इस कलयुग में एक ऐसा बेटा भी है, जो अपने मााता पिता को कंधों पर उठाकर कांवड़ यात्रा करा रहा है.

उमस भरी गर्मी में विकास अपने माता-पिता को लेकर हरिद्वार से सैकड़ों किलोमीटर का पैदल सफर तय करके गाजियाबाद अपने घर जा रहे हैं. विकास का कहना है कि उनके माता-पिता ने कांवड़ यात्रा की इच्छा जताई थी लेकिन विकास के मात-पिता इस उम्र में पैदल नहीं चल सकते इसलिए उसने मन बनाकर दृढ़ निश्चय कर इस तरह से माता-पिता को यात्रा करवाने का फैसला लिया. विकास गहलोत के जज्बे को देखकर हर कोई उन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहता दिख रहा है. विकास ने बताया कि उसे अच्छा लग रहा है कि वे अपने माता-पिता की इच्छा को पूर्ण कर रहे हैं और भोले नाथ की कृपा उन पर है.

पढ़ेंः ये हैं कलयुग के श्रवण कुमार, माता-पिता को तराजू में बिठाकर पूरी कर रहे कांवड़ यात्रा

विकास गहलोत ने पहले अपने माता-पिता को हरिद्वार पहुंचकर गंगा स्नान कराया. इसके बाद कांवड़ का जल लेकर पालकी में माता-पिता को बैठाकर वे गाजियाबाद के लिए चल पडे़. लोहे की मजबूत चादर से बनी पालकी में एक तरफ मां तो दूसरी तरफ पिता बैठे हैं. पिता के पास 20 लीटर गंगाजल का कैन है. श्रवण कुमार बनकर विकास माता-पिता को पैदल ही गंतव्य तक लेकर जा रहे हैं. बीच-बीच में पालकी को सहारा देने के लिए उसके साथ अन्य दो साथी भी चल रहे हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

मेरठः गाजियाबाद के रहने वाले विकास गहलोत को कलयुग का श्रवण कुमार कहा जा रहा है. कांवड़ यात्रा के दौरान विकास ने अपने माता-पिता को कंधे पर उठाकर यात्रा करा रहे हैं. विकास ने अपने माता-पिता की आंखों पर पट्टी भी बांध रखी ताकि माता-पिता उसकी कठिनाई को देखकर परेशान न हों. इतना ही नहीं वे 17 जुलाई को हरिद्वार से चले थे और आज यानी शनिवार को मेरठ पहुंचे. मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने विकास को इस पावन कार्य के लिए सम्मानित किया.

बता दें, कि जहां आज के समय के बच्चे अपने माता-पिता के साथ एक घर में रहना बर्दाश्त नहीं करते, उन्हें बोझ समझकर वृद्धा आश्रमम में छोड़ आते हैं. वहीं, इस कलयुग में एक ऐसा बेटा भी है, जो अपने मााता पिता को कंधों पर उठाकर कांवड़ यात्रा करा रहा है.

उमस भरी गर्मी में विकास अपने माता-पिता को लेकर हरिद्वार से सैकड़ों किलोमीटर का पैदल सफर तय करके गाजियाबाद अपने घर जा रहे हैं. विकास का कहना है कि उनके माता-पिता ने कांवड़ यात्रा की इच्छा जताई थी लेकिन विकास के मात-पिता इस उम्र में पैदल नहीं चल सकते इसलिए उसने मन बनाकर दृढ़ निश्चय कर इस तरह से माता-पिता को यात्रा करवाने का फैसला लिया. विकास गहलोत के जज्बे को देखकर हर कोई उन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहता दिख रहा है. विकास ने बताया कि उसे अच्छा लग रहा है कि वे अपने माता-पिता की इच्छा को पूर्ण कर रहे हैं और भोले नाथ की कृपा उन पर है.

पढ़ेंः ये हैं कलयुग के श्रवण कुमार, माता-पिता को तराजू में बिठाकर पूरी कर रहे कांवड़ यात्रा

विकास गहलोत ने पहले अपने माता-पिता को हरिद्वार पहुंचकर गंगा स्नान कराया. इसके बाद कांवड़ का जल लेकर पालकी में माता-पिता को बैठाकर वे गाजियाबाद के लिए चल पडे़. लोहे की मजबूत चादर से बनी पालकी में एक तरफ मां तो दूसरी तरफ पिता बैठे हैं. पिता के पास 20 लीटर गंगाजल का कैन है. श्रवण कुमार बनकर विकास माता-पिता को पैदल ही गंतव्य तक लेकर जा रहे हैं. बीच-बीच में पालकी को सहारा देने के लिए उसके साथ अन्य दो साथी भी चल रहे हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.