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कुछ लोग नफरत की राजनीति करके देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं: ममता

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Published : Apr 22, 2023, 7:27 PM IST

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को ईद के मौके पर एनआरसी को लागू करने को लेकर अपनी आवाज बुलंद करती नजर आई. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विवादित नागरिक पंजीकरण को राज्य में लागू नहीं होने दिया जाएगा.

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि कुछ लोग नफरत की राजनीति करके देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. बनर्जी ने साथ ही कहा कि वह अपनी जान दे देंगी लेकिन 'देश को बांटने नहीं देंगी.' बनर्जी ने शहर के रेड रोड पर ईद की नमाज के लिए एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए उनसे एकजुट होने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनावों में परास्त हो.

उन्होंने कहा, "कुछ लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और नफरत की राजनीति कर रहे हैं...मैं अपनी जान देने के लिए तैयार हूं लेकिन देश को बांटने नहीं दूंगी." भाजपा पर देश के संविधान को बदलने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, "वह पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी लागू होने नहीं देंगी." तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का रुख रहा है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आवश्यकता नहीं है और मौजूदा कानून पर्याप्त हैं. उन्होंने कहा, "मैं (अपने राजनीतिक विरोधियों के) धन बल और केंद्रीय एजेंसियों से लड़ने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं अपना सिर नहीं झुकाऊंगी."

तृणमूल कांग्रेस केंद्रीय एजेंसियों पर पार्टी पर राजनीतिक उद्देश्य के साथ कार्रवाई करने का आरोप लगाती है. ममता बनर्जी कार्यक्रम में अपने भतीजे एवं टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ पहुंची थीं. ममता बनर्जी ने कहा, "एक साल में यह तय करने के लिए चुनाव होंगे कि हमारे देश में कौन सत्ता में आएगा. हमसे वादा करिए कि हम एकजुट होंगे और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ेंगे. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी अगले चुनावों में उन्हें सत्ता से बाहर कर दें. अगर हम लोकतंत्र को बचाने में नाकाम रहे तो सबकुछ खत्म हो जाएगा." पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हुए साम्प्रदायिक तनाव की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वह राज्य में केवल शांति चाहती हैं और दंगे नहीं चाहती.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा जिलों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़पों के बाद निषेधाज्ञा लागू की गयी थी. विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि कुछ लोग 'अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित' करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "कुछ लोग भाजपा से पैसा ले रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित कर देंगे. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि वे भाजपा के लिए मुस्लिम वोटों को बांट नहीं सकते. उन्हें हराने के लिए हम सभी एकजुट होंगे." उनकी यह टिप्पणी पिछले महीने सागरदीघी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में टीएमसी की हार की पृष्ठभूमि में आयी है. कांग्रेस-वाम गठबंधन ने उनकी पार्टी से अल्पसंख्यक बहुल यह सीट छीन ली.

बिल्कीस बानो मामले में हालिया घटनाक्रम का जिक्र करते हुए टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने कहा कि मामले में सभी को छोड़ दिया गया लेकिन 'हम इसके खिलाफ लड़ेंगे.' उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को सजा में दी गई छूट को लेकर गुजरात सरकार पर सवाल उठाया था और कहा था कि अपराध की गंभीरता पर राज्य द्वारा विचार करना चाहिये था. शीर्ष अदालत ने पूछा कि ऐसा करते वक्त क्या विवेक का इस्तेमाल किया गया था. ममता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा, "यह अकल्पनीय है कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए एक धार्मिक कार्यक्रम का इस्तेमाल कर रही हैं. हम ऐसी विभाजनकारी और संकीर्ण राजनीति की निंदा करते हैं."

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि कुछ लोग नफरत की राजनीति करके देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. बनर्जी ने साथ ही कहा कि वह अपनी जान दे देंगी लेकिन 'देश को बांटने नहीं देंगी.' बनर्जी ने शहर के रेड रोड पर ईद की नमाज के लिए एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए उनसे एकजुट होने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनावों में परास्त हो.

उन्होंने कहा, "कुछ लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और नफरत की राजनीति कर रहे हैं...मैं अपनी जान देने के लिए तैयार हूं लेकिन देश को बांटने नहीं दूंगी." भाजपा पर देश के संविधान को बदलने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, "वह पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी लागू होने नहीं देंगी." तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का रुख रहा है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आवश्यकता नहीं है और मौजूदा कानून पर्याप्त हैं. उन्होंने कहा, "मैं (अपने राजनीतिक विरोधियों के) धन बल और केंद्रीय एजेंसियों से लड़ने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं अपना सिर नहीं झुकाऊंगी."

तृणमूल कांग्रेस केंद्रीय एजेंसियों पर पार्टी पर राजनीतिक उद्देश्य के साथ कार्रवाई करने का आरोप लगाती है. ममता बनर्जी कार्यक्रम में अपने भतीजे एवं टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ पहुंची थीं. ममता बनर्जी ने कहा, "एक साल में यह तय करने के लिए चुनाव होंगे कि हमारे देश में कौन सत्ता में आएगा. हमसे वादा करिए कि हम एकजुट होंगे और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ेंगे. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी अगले चुनावों में उन्हें सत्ता से बाहर कर दें. अगर हम लोकतंत्र को बचाने में नाकाम रहे तो सबकुछ खत्म हो जाएगा." पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हुए साम्प्रदायिक तनाव की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वह राज्य में केवल शांति चाहती हैं और दंगे नहीं चाहती.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा जिलों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़पों के बाद निषेधाज्ञा लागू की गयी थी. विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि कुछ लोग 'अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित' करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "कुछ लोग भाजपा से पैसा ले रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित कर देंगे. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि वे भाजपा के लिए मुस्लिम वोटों को बांट नहीं सकते. उन्हें हराने के लिए हम सभी एकजुट होंगे." उनकी यह टिप्पणी पिछले महीने सागरदीघी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में टीएमसी की हार की पृष्ठभूमि में आयी है. कांग्रेस-वाम गठबंधन ने उनकी पार्टी से अल्पसंख्यक बहुल यह सीट छीन ली.

बिल्कीस बानो मामले में हालिया घटनाक्रम का जिक्र करते हुए टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने कहा कि मामले में सभी को छोड़ दिया गया लेकिन 'हम इसके खिलाफ लड़ेंगे.' उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को सजा में दी गई छूट को लेकर गुजरात सरकार पर सवाल उठाया था और कहा था कि अपराध की गंभीरता पर राज्य द्वारा विचार करना चाहिये था. शीर्ष अदालत ने पूछा कि ऐसा करते वक्त क्या विवेक का इस्तेमाल किया गया था. ममता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा, "यह अकल्पनीय है कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए एक धार्मिक कार्यक्रम का इस्तेमाल कर रही हैं. हम ऐसी विभाजनकारी और संकीर्ण राजनीति की निंदा करते हैं."

(पीटीआई-भाषा)

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