सोलन: हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के कसौली में आयोजित 12वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के दूसरे दिन कनाडा के पूर्व अटॉर्नी जनरल व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जल दोसांझ शामिल हुए. उज्जल दोसांझ ने इस दौरान भारत-कनाडा विवाद और खालिस्तान के मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कनाडा में एक जिम्मेदार सरकार को दृढ़ता से ये कहना चाहिए की वह खालिस्तान का समर्थन नहीं करती है. भारत-कनाडा विवाद और खालिस्तान के गंभीर मुद्दे को लेकर भारत व कनाडा को मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए.
इस सवाल पर दोसांझ ने साधी चुप्पी: उज्जल दोसांझ ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को इस पर गहनता से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि यह मामला गंभीर है, लेकिन इतना भी नहीं की सुलझ न सके. उन्होंने कहा कि कनाडा एक ऐसा देश है, जहां पर ज्यादातर लोग बाहर के बसे हुए हैं. ऐसे में अगर वहां पर कोई खालिस्तानी है भी तो उसकी पैदाइश वहां की नहीं है. इसके साथ ही वह इस सवाल को भी टाल गए कि दोनों देशों में से किसकी गलती है, इस पर उन्होंने कहा कि इसे बताने के लिए मैं कोई जज नहीं हूं.
कनाडा के लिए वीजा पर बोले दोसांझ: उज्जल दोसांझ ने कहा कि मैं कैनेडियन सिटीजन हूं और इंडिया मेरी जन्मभूमि है. ऐसे में मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द दोनों देशों का विवाद सुलझ जाए और यह दोनों देशों के लिए बेहतर होगा. दोसांझ ने कनाडा और भारत के बीच मौजूदा तनाव को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि हम तनाव में कमी देखना चाहते हैं, लेकिन ऐसा जल्द नहीं हो सकता, क्योंकि दोनों में से कोई भी सरकार इसका समाधान ढूंढने की दिशा में काम करती हुई नहीं दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि भारत को कनाडा के लिए वीजा खोल देना चाहिए. इससे कनाडा पर अच्छा इंप्रेशन जाएगा और विवाद को सुलझाने में भी आसानी होगी. आम जनता को परेशान नहीं करना चाहिए. अगर कोई खालिस्तान समर्थक हिंसा करता है तो उसकी सजा आम नागरिक को न मिले, इसका ध्यान रखना चाहिए.
कनाडा के प्रमुख राजनेता उज्जल दोसांझ: गौरतलब है कि उज्जल दोसांझ पहली बार 1991 में कनाडा के वैंकूवर-केंसिंग्टन में सांसद चुने गए थे और 2000 से 2001 तक ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे. वह सर्वोच्च राज्य पद संभालने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति थे. उज्जल दोसांझ कनाडा में प्रांतीय और संघीय राजनीति में दिखाई देने वाले चेहरों में से एक रहे हैं. 2004 और 2011 के बीच कनाडाई संसद में एक लिबरल पार्टी के सांसद और 2004-2006 में स्वास्थ्य मंत्री, 2006 और 2011 के बीच आधिकारिक अल्पसंख्यक में कार्य किया. पंजाब के जालंधर में जन्मे राजनेता और लेखक उज्जल दोसांझ हमेशा हिंसा और आतंकवाद के प्रबल और मुखर आलोचक रहे हैं.
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