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ताजमहल देखने के लिए ऑनलाइन टिकट कटाने वाले, हो जाइए सावधान

ताजमहल या दूसरे स्थलों पर पर्यटन के लिए ऑनलाइन टिकट कटाते हैं, तो जरूर सावधान रहें. जिस वेबसाइट से टिकट कटा रहे हैं, उसकी सत्यता जरूर जांच-परख लें, अन्यथा आपके पैसे तो कट जाएंगे, लेकिन आपको टिकट नहीं मिलेगा. दिल्ली में पुलिस ने ऐसे ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने ताजमहल देखने वालों को खूब चून लगाया. वह फर्जी साइट चलाकर जाली टिकट बेचता था.

taz mahal
ताजमहल
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Published : Jan 21, 2022, 7:22 PM IST

नई दिल्ली : ताजमहल घूमने के लिए अगर आप भी ऑनलाइन बुकिंग करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं. क्राइम ब्रांच ने ऐसे एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने ताजमहल की टिकट बुकिंग के लिए फर्जी वेबसाइट खोल रखी थी. लोग इस साइट पर जाकर टिकट के लिए बुकिंग तो करते, लेकिन रुपए देने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिलती थी. आरोपी संदीप चांद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.

डीसीपी मनोज सी के अनुसार, साइबर सेल की टीम को पुरातत्व विभाग (ASI) के डीजी की तरफ से एक शिकायत मिली थी. इसमें बताया गया कि कुछ लोगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर ऐतिहासिक स्थलों की टिकट बुकिंग का फर्जीवाड़ा किया है. इस तरीके से टूरिस्ट एवं आम लोगों के साथ ठगी की जा रही है. ताजमहल घूमने के लिए आरोपियों ने www.agramonuments.in के नाम पर वेबसाइट बनाई है. इस लिंक पर जाकर लोग जब टिकट बुक कराते हैं तो उनसे टिकट की कीमत ले ली जाती है. लेकिन टिकट बुक नहीं होती है. इस शिकायत पर क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कर एसीपी मयंक बंसल की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज मिश्रा की टीम ने छानबीन शुरू की.

पुलिस को पता चला कि इसे चलाने वाला आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. आगे जांच करते हुए पुलिस टीम ने उत्तराखंड से संदीप चांद नामक युवक को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने बताया कि वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वह पहले नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था. लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई थी. इंटरनेट पर काम करने के दौरान उसे फर्जी वेबसाइट बनाने का आईडिया आया. सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के चलते उसे टेक्निकल जानकारी थी. उसने यह वेबसाइट बनाई और लोगों के साथ ठगी करने लगा. पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद किया है.

आरोपी ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि इंटरनेट पर उसने देखा कि ज्यादातर लोग ताजमहल जाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करते हैं. इस वजह से ही उसे फर्जी वेबसाइट बनाने का आईडिया मिला और उसने लोगों के साथ ठगी करना शुरू कर दिया. आरोपी ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया हुआ है. उसने देहरादून से ग्रेजुएशन की है. वह कुछ समय पहले तक नोएडा की एक कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करता था.

ये भी पढ़ें : बिहार के IG ने पुलिस ट्रेनिंग पर उठाए सवाल, कहा- हमारा तरीका अब भी ब्रिटिशकालीन

नई दिल्ली : ताजमहल घूमने के लिए अगर आप भी ऑनलाइन बुकिंग करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं. क्राइम ब्रांच ने ऐसे एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने ताजमहल की टिकट बुकिंग के लिए फर्जी वेबसाइट खोल रखी थी. लोग इस साइट पर जाकर टिकट के लिए बुकिंग तो करते, लेकिन रुपए देने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिलती थी. आरोपी संदीप चांद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.

डीसीपी मनोज सी के अनुसार, साइबर सेल की टीम को पुरातत्व विभाग (ASI) के डीजी की तरफ से एक शिकायत मिली थी. इसमें बताया गया कि कुछ लोगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर ऐतिहासिक स्थलों की टिकट बुकिंग का फर्जीवाड़ा किया है. इस तरीके से टूरिस्ट एवं आम लोगों के साथ ठगी की जा रही है. ताजमहल घूमने के लिए आरोपियों ने www.agramonuments.in के नाम पर वेबसाइट बनाई है. इस लिंक पर जाकर लोग जब टिकट बुक कराते हैं तो उनसे टिकट की कीमत ले ली जाती है. लेकिन टिकट बुक नहीं होती है. इस शिकायत पर क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कर एसीपी मयंक बंसल की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज मिश्रा की टीम ने छानबीन शुरू की.

पुलिस को पता चला कि इसे चलाने वाला आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. आगे जांच करते हुए पुलिस टीम ने उत्तराखंड से संदीप चांद नामक युवक को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने बताया कि वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वह पहले नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था. लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई थी. इंटरनेट पर काम करने के दौरान उसे फर्जी वेबसाइट बनाने का आईडिया आया. सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के चलते उसे टेक्निकल जानकारी थी. उसने यह वेबसाइट बनाई और लोगों के साथ ठगी करने लगा. पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद किया है.

आरोपी ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि इंटरनेट पर उसने देखा कि ज्यादातर लोग ताजमहल जाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करते हैं. इस वजह से ही उसे फर्जी वेबसाइट बनाने का आईडिया मिला और उसने लोगों के साथ ठगी करना शुरू कर दिया. आरोपी ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया हुआ है. उसने देहरादून से ग्रेजुएशन की है. वह कुछ समय पहले तक नोएडा की एक कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करता था.

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