करौली. राजस्थान में ईआरसीपी (Eastern Rajasthan Canal Project) परियोजना को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी पारा चढ़ा हुआ है. दोनों राजनीतिक दल इस मुद्दे पर कई बार बयान देते हुए एक-दूसरे पर आरोप लगा चुके हैं. जारी आरोप-प्रत्यारोप के दरमियान अब इस मुद्दे पर देश के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की एंट्री भी हो गई है. शनिवार को टोडाभीम के कुठीला वाले हनुमान मंदिर के पास जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने दो टूक कहा कि पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी बहुत जरूरी है. सरकार ने ईआरसीपी नहीं दी तो दूसरा बड़ा आंदोलन पूर्वी राजस्थान की धरती पर होगा.
अन्ना हजारे पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और प्रदेश मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना के आमंत्रण पर आए थे. यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने खुलेतौर पर ईआरसीपी की मांग का समर्थन किया. साथ ही कहा कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में सरकार को देर नहीं करनी चाहिए.
पूर्वी राजस्थान से दूसरा बड़ा आंदोलन होगाः अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार ने ईआरसीपी की मांग नहीं मानी तो नई दिल्ली के रामलीला मैदान के बाद दूसरा बड़ा आंदोलन पूर्वी राजस्थान की धरती पर होगा. इसके लिए सरकार को तैयार हो जाना चाहिए. जनसभा में अन्ना हजारे ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के आमजन की पहली जरूरत ईआरसीपी है. इसे सरकार को बहुत पहले समझ लेना चाहिए था, लेकिन आश्चर्य है कि सरकार ने अभी तक पूर्वी राजस्थान की इस अहम जरूरत के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है. यह पूर्वी राजस्थान के लोगों के जीवन से जुड़ी हुई परियोजना है.
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आंदोलन करने में संकोच नहीं करेंगेः जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उनकी उम्र भले ही 86 साल हो गई है, लेकिन अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूं. सरकार ने पूर्वी राजस्थान के लोगों को ईआरसीपी देने में अब देर की तो बड़ा आंदोलन करने में कोई संकोच नहीं करेंगे. अन्ना हजारे ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के किसान नेता रामनिवास मीना और रविन्द्र मीना सहित रालेगण सिद्धि पहुंचे राजस्थान के किसानों से ईआरसीपी की उपयोगिता को समझा है. सरकार को भी इसे गंभीरता से समझते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिए.
देश और समाज के लिए जीवन समर्पितः सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन देश और समाज के लिए समर्पित कर रखा है. उन्होंने कहा कि वे जब तक जीवित रहेंगे तब तब देश और समाज के लिए ही काम करेंगे. समाज और देश की मांग को सरकार नहीं मानती है तो आमजन के सामने आंदोलन ही एक मात्र रास्ता रहता है. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी के लिए वे बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार हैं. जनसभा को अन्ना हजारे के साथ लोक आंदोलन की कार्याध्यक्ष कल्पना ताई ईनामदार, रिटायर्ड आईएएस डॉ. कमलनाथ टावरी, दत्ताभाई आवारी आदि ने भी संबोधित किया. इससे पहले अन्ना हजारे और उनकी टीम का किसान नेता रामनिवास मीना, पूर्व सरपंच प्रेमलता मीना और युवा किसान नेता रविन्द्र मीना आदि ने राजस्थानी परंपरा के तहत अभिनंदन किया. इस मौके पर अन्ना हजारे ने रामनिवास मीना की ओर से किए जा रहे जनकल्याण के कार्यों की पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया.
अन्ना हजारे को भेंट किया चंबल का पानीः पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना, प्रदेश मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना ने ईआरसीपी के लिए अन्ना हजारे को चंबल का पानी भेंट किया. अन्ना हजारे को चांदी के कलश में चंबल का पानी भेंट करते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने की मांग की. इस पर अन्ना हजारे ने विश्वास दिलाया कि वे ईआरसीपी के लिए कोई भी बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार हैं.