दार्जिलिंग : दार्जिलिंग चिड़ियाघर में तीन महीने बाद फिर से अच्छी खबर आई है. दार्जिलिंग के पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क या दार्जिलिंग चिड़ियाघर में गुरुवार को एक स्नो लेपर्ड शावक का जन्म हुआ है. इस तरह सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क ने रॉयल बंगाल टाइगर के प्रजनन में एक मिसाल कायम की है. वहीं, दार्जिलिंग के पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क ने हिम तेंदुए के प्रजनन में एक रिकॉर्ड बनाया है. यहां पर तेरह साल और तीन महीने की जिम्बा ने एक हिम तेंदुए को जन्म दिया है. हालांकि जिम्बा को स्नो लेपर्ड को मां बनने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं हिम तेंदुए के जन्म की खबर सामने आने के बाद चिड़ियाघर के अधिकारी और वन अधिकारी काफी खुश हैं.
वहीं राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक भी हिम तेंदुए के जन्म से काफी उत्साहित हैं. बता दें कि एक तरफ बंगाल सफारी पार्क ने बाघ प्रजनन के लिए एक मिसाल कायम की है. दूसरी तरफ हिम तेंदुए ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. वन मंत्री ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पार्क के अधिकारियों को शावकों पर 24 घंटे निगरानी रखने और विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि वहां पर हर समय एक पशु चिकित्सक को तैनात करने का भी आदेश दिया गया है. दार्जिलिंग चिड़ियाघर के निदेशक बासबराज होलेयाची ने कहा कि मां और शावक दोनों स्वस्थ हैं. शावक का लिंग अभी निर्धारित नहीं किया गया है. दोनों फिलहाल रैन बसेरे में हैं. उनकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
पांच शावकों में से दो शावकों का जन्म बैसाख माह में हुआ था, इसलिए उनका नाम बैसाखी और हिमाद्रि रखा गया. कुल मिलाकर दार्जिलिंग चिड़ियाघर में हिम तेंदुओं की संख्या अब 15 हो गई है. इससे पहले मई माह में दो हिम तेंदुओं ने पांच शावकों को जन्म दिया था. पांच शावकों में से दो शावकों का जन्म बैसाथ में होने की वजह से उनका नाम बैसाखी और हिमाद्रि रखा गया था. कुल मिलाकर दार्जिलिंग चिड़ियाघर में हिम तेंदुओं की संख्या अब 15 हो गई है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो पांच शावकों को दुर्गा पूजा से पहले पर्यटकों को दिखाए जाने की संभावना है.
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