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जांजगीर चांपा के एक घर से निकले 12 कोबरा सांप, मचा हड़कंप - Snake Rescue Expert Jitendra Sarathi rescued snakes

जांजगीर चांपा के एक घर में सांपों का बसेरा (Snakes live in house of Nagarda Kurda village of Janjgir Champa) था. यहां के नगरदा कुर्दा गांव में एक घर से 12 सांपों का रेस्क्यू किया गया. सभी कोबरा सांप के बच्चे बताए जा रहे हैं. स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी ने सांपों का रेस्क्यू (Rescue of snakes in Janjgir Champa) किया. जिसके बाद घर के लोगों ने राहत की (Snake Rescue Expert Jitendra Sarathi) सांस ली है.

Rescue Expert Jitendra Sarathi rescued snakes
जांजगीर चांपा में एक घर बना सांपों का बसेरा
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Published : Jul 2, 2022, 8:33 PM IST

जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ के जांगजीर चांपा जिले के नगरदा कुर्दा गांव में एक घर से स्नेक रेस्क्यू टीम ने 12 सांप के बच्चे निकाले (12 snakes found in janjgir champa) हैं. नगरदा कुर्दा गांव के बृहस्पति कंवर अपने परिवार के साथ कुछ दिनों से खौफ में जी रहे थे. उसकी वजह सांप थे. क्योंकि उनके घर में सांपों का बसेरा था. हर दिन उनके घर में कोबरा सांप और कोबरा सांप के बच्चे निकल रहे थे. जिसकी वजह से पूरा परिवार दहशत में (Snake Rescue Expert Jitendra Sarathi rescued snakes) था.

जांजगीर चांपा में स्नेक रेस्क्यू

दहशत में थे परिजन और ग्रामीण : बृहस्पति कंवर का परिवार इतना ज्यादा डर गया था कि जिस कमरे में सांपों का बसेरा था, वहां के आसपास जाना ही बंद कर दिया. जब भी उस कमरे से सांप के बच्चे बाहर निकलते तो उन्हें मार दिया जाता था. इतनी हिम्मत किसी में नहीं थी कि उस कमरे को खोल कर ये देख सके कि आखिरकार कोबरा सांप के बच्चे निकल कहां से रहें हैं.

12 सांप के बच्चों का हुआ रेस्क्यू: इसी तरह कुछ दिन गुजर गए. एक-एक करके पांच बच्चे मारे गए. फिर भी सांप का निकलना बंद नहीं हुआ तो उन्होंने स्नेक रेस्क्यू टीम के जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद स्नेक रेस्क्यू शुरू हुआ. करीब 8 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद रेस्क्यू में 12 सांप के बच्चे निकाले गए. जिसके बाद घर वालों के साथ गांव वालों ने राहत की सांस ली.



पूरे गांव में मचा हड़कंप: घरवालों की मानें तो जिस कमरे में सांप के बच्चे पाये गए वो कमरा काफी समय से बंद पड़ा था. जहां से सांप के बच्चे निकल रहे थे, उस दीवार को तोड़ा गया. जैसे-जैसे दीवार को तोड़ कर खुदाई करते गए, वैसे-वैसे दीवार और नीचे जमीन से एक-एक कर 12 सांप के बच्चे निकले. इस मंजर को देखने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हो गया था. उस भीड़ में शामिल बच्चे और महिलाएं ये देख कर आश्चर्यचकित थे कि इतने सारे सांप के बच्चे निकल कैसे रहे हैं.

परिजनों और ग्रामीणों ने ली राहत की सांस: 8 घण्टे के रेस्क्यू में 12 सांप के बच्चे निकले. जिसके बाद घर वालों के साथ ही गांव वालों ने भी राहत की सांस ली.

यह भी पढ़ें: सूरजपुर: झाड़ फूंक वाले बाबा पर निर्भर ग्रामीण, सर्पदंश से 3 साल में 150 के पार मौतें

हो सकती थी बड़ी घटना: स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेन्द्र सारथी ने बताया कि "ये रेस्क्यू अपने आप में एक चैलेंज था. यह कोरबा से 52 किलोमीटर दूर है. 8 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद घर वालों को राहत दिलाना और सांप के बच्चों की जान बचा पाना मेरे लिए गर्व का विषय है. अगर रेस्क्यू नहीं किया गया होता तो एक-एक कर सभी सांप के बच्चों को मार दिया जाता. या फिर घरवाले किसी बड़ी दुर्घटना के शिकार हो जाते.''

जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ के जांगजीर चांपा जिले के नगरदा कुर्दा गांव में एक घर से स्नेक रेस्क्यू टीम ने 12 सांप के बच्चे निकाले (12 snakes found in janjgir champa) हैं. नगरदा कुर्दा गांव के बृहस्पति कंवर अपने परिवार के साथ कुछ दिनों से खौफ में जी रहे थे. उसकी वजह सांप थे. क्योंकि उनके घर में सांपों का बसेरा था. हर दिन उनके घर में कोबरा सांप और कोबरा सांप के बच्चे निकल रहे थे. जिसकी वजह से पूरा परिवार दहशत में (Snake Rescue Expert Jitendra Sarathi rescued snakes) था.

जांजगीर चांपा में स्नेक रेस्क्यू

दहशत में थे परिजन और ग्रामीण : बृहस्पति कंवर का परिवार इतना ज्यादा डर गया था कि जिस कमरे में सांपों का बसेरा था, वहां के आसपास जाना ही बंद कर दिया. जब भी उस कमरे से सांप के बच्चे बाहर निकलते तो उन्हें मार दिया जाता था. इतनी हिम्मत किसी में नहीं थी कि उस कमरे को खोल कर ये देख सके कि आखिरकार कोबरा सांप के बच्चे निकल कहां से रहें हैं.

12 सांप के बच्चों का हुआ रेस्क्यू: इसी तरह कुछ दिन गुजर गए. एक-एक करके पांच बच्चे मारे गए. फिर भी सांप का निकलना बंद नहीं हुआ तो उन्होंने स्नेक रेस्क्यू टीम के जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद स्नेक रेस्क्यू शुरू हुआ. करीब 8 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद रेस्क्यू में 12 सांप के बच्चे निकाले गए. जिसके बाद घर वालों के साथ गांव वालों ने राहत की सांस ली.



पूरे गांव में मचा हड़कंप: घरवालों की मानें तो जिस कमरे में सांप के बच्चे पाये गए वो कमरा काफी समय से बंद पड़ा था. जहां से सांप के बच्चे निकल रहे थे, उस दीवार को तोड़ा गया. जैसे-जैसे दीवार को तोड़ कर खुदाई करते गए, वैसे-वैसे दीवार और नीचे जमीन से एक-एक कर 12 सांप के बच्चे निकले. इस मंजर को देखने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हो गया था. उस भीड़ में शामिल बच्चे और महिलाएं ये देख कर आश्चर्यचकित थे कि इतने सारे सांप के बच्चे निकल कैसे रहे हैं.

परिजनों और ग्रामीणों ने ली राहत की सांस: 8 घण्टे के रेस्क्यू में 12 सांप के बच्चे निकले. जिसके बाद घर वालों के साथ ही गांव वालों ने भी राहत की सांस ली.

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हो सकती थी बड़ी घटना: स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेन्द्र सारथी ने बताया कि "ये रेस्क्यू अपने आप में एक चैलेंज था. यह कोरबा से 52 किलोमीटर दूर है. 8 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद घर वालों को राहत दिलाना और सांप के बच्चों की जान बचा पाना मेरे लिए गर्व का विषय है. अगर रेस्क्यू नहीं किया गया होता तो एक-एक कर सभी सांप के बच्चों को मार दिया जाता. या फिर घरवाले किसी बड़ी दुर्घटना के शिकार हो जाते.''

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