अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने पश्चिम बंगाल सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला. बिप्लब देव ने कहा कि दागी नेताओं के लिए प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में एक नई पार्टी का गठन करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इस पार्टी में सभी ड्रग माफिया, तस्कर और गांजा माफिया शामिल हैं.
बता दें, बिप्लब देब ममता सरकार का नाम न लेते हुए कहा कि इस सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तो नशे के खिलाफ जंग की घोषणा की थी. बिप्लब देब ने कहा कि हम इन नापाक तत्वों को अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को तबाह करने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. देब ने कहा वहीं, दूसरी ओर उस पार्टी में इन अवांछित तत्वों का भव्य स्वागत किया जा रहा है.
त्रिपुरा मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य के लोग ऐसे लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे और अगर उन्हें लगता है कि वे एक राजनीतिक संबद्धता के पीछे अपने असली चेहरे छिपा रहे हैं तो 'वे गलत हैं. 'एक भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा. सीएम ने कहा कि मुझे पता है कि राज्य में क्या हो रहा है. मैं उन नामों को जोर से पढ़ सकता हूं जो इस तरह के जघन्य अपराध में शामिल हैं और राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. अगर आपको लगता है कि आपको बख्शा जाएगा, तो आप गलत हैं.
त्रिपुरा सीएम बिप्लब देब ने ये बातें बरजाला विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुईं. देब ने भाजपा के त्रिपुरा प्रदेश अध्यक्ष डॉ माणिक साहा की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो रहे कुल 956 लोगों का स्वागत किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिप्लब देब ने कहा कि उनकी राजनीतिक स्थिति क्या है? कोयले से लेकर पशुपालक तक सभी प्रकार की तस्करी में यह पार्टी अव्वल है और अब वे एक ऐसी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं जिसका मुख्य उद्देश्य विकास करना है.
देब ने पहले सत्तारूढ़ सीपीआईएम पार्टी पर भी हमला किया और कहा कि त्रिपुरा ने गुलामी को खारिज करते हुए 3 मार्च, 2018 को आजादी को गले लगाया. जिस दिन विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए थे. लोग अब पार्टी कार्यालय की संस्कृति से मुक्त हो गए हैं. सीएम ने कहा कि राज्य में पहले हर चीज पर पार्टी कार्यालयों का नियंत्रण हुआ करता था, अगर कोई अपनी जवान लड़की की शादी करना चाहता है, तो उस पर पार्टी का अधिकार होता था. यह संकीर्ण सोच वाली संस्कृति अब त्रिपुरा से पूरी तरह से उखड़ चुकी है. अपने भाषण के दौरान देब ने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि एक पार्टी अध्यक्ष के रूप में, मेरी पहली बड़ी जिम्मेदारी बरजाला उपचुनाव कराने की थी. मैंने इस निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया था और इस क्षेत्र की मेरी मां और बहनें मुझे अच्छी तरह से जानती हैं.
पढ़ें: पश्चिम बंगाल उपचुनाव 2021: ममता के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी कांग्रेस !
वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ माणिक साहा ने विपक्षी दलों के नेताओं से अनुरोध किया कि वे मगरमच्छ के आंसू बहाना बंद करें और पहले अपने राज्य के बारे में सोचें. उन्होंने कहा कि उनके राज्य में, हजारों भाजपा कार्यकर्ता घर लौटने की हिम्मत भी नहीं कर सकते. महिलाओं पर अत्याचार किए जाते हैं और त्रिपुरा में वे लोकतंत्र की बात करते हैं. मैं त्रिपुरा के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे उनसे तीखे और सीधे सवाल पूछें.